Wed. May 15th, 2024

नर्स को पुराने प्रेमी से नजदीकी बढ़ाना पड़ा भारी, डॉ. ने गुस्से में मारी गोली

मध्यप्रदेश के जबलपुर (jabalpur) में एक नर्स को भारी पड़ा अपने पुराने प्रेमी से नजदीकी बढ़ाना। डॉ ने गुस्से में आकर नर्स गोली मारी, अस्पताल में इलाज जारी।

जबलपुर में एक डॉ ने अपनी प्रेमिका (सहयोगी नर्स) को ब्रेकअप करने के कारण गोली मार दी। ओमती नगर पुलिस के अनुसार डॉ को बन्दूक उसके चचरे भाई ने दिलवाई थी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र पवार ने बताया कि कटनी निवासी माधुरी चौधरी (27 साल) डेढ़ साल से जबलपुर में नर्स के रूप में सेवाएं दे रही थी। उसका कटनी निवासी संदीप सोनी (34 साल) के साथ प्रेम संबंध था। संदीप सोनी सुखसागर हॉस्पिटल में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। दोनों में अफेयर था। कुछ समय से नर्स अपने पुराने प्रेमी के संपर्क में आई और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई थी। जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और डॉ ने गोली चला दी।

गोलियां नर्स की पसलियों में लगी है, जिसका उपचार चल रहा है। पुलिस ने हत्या के प्रयास तथा आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पाया गया है कि अरोपी को सतना निवासी रिश्ते के भाई रिंकू सोनी ने नर्स को गोली मारने के लिए देसी पिस्टल उपलब्ध करवाई थी। पुलिस ने उसे भी आरोपी बनाया है, रिंकू अभी५ पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

प्रशासनिक अधिकारियों की फर्जी अश्लील चैट वायरल करने वाला व्यक्ति हुआ गिरफ्तार

इंदौर में रहने वाले एक कारोबारी ने अपने कर्मचारी से प्रशासनिक अधिकारियों की फर्जी चैट बनाकर वायरल कराई थी। पुलिस मुख्य आरोपी कारोबारी की तलाश कर रही थी।

आईएएस पी नरहरि और महिला अधिकारी की चैट वायरल

मप्र कैडर के आईएएस एमएसएमई विभाग के सचिव व उद्योग आयुक्त पी. नरहरि व एक महिला अधिकारी की फर्जी वॉट्सएप चैट को इंदौर के एक कारोबारी ने अपने कर्मचारी से वायरल करवाया था। भोपाल की क्राइम ब्रांच ने आरोपी को इंदौर में गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन दुख की बात यह है की उसका सेठ फरार होने में कामयाब रहा।

अधिकारियों के बीच मचा हडकंप

क्राइम ब्रांच का कहना है की आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद अब इस बात का पता चल सकता है की फर्जी चैट को वायरल करने के पीछे की क्या नीयत थी। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयों के बीच की फर्जी चैट्स के स्क्रीनशॉट के वायरल होने से दफ्तर और दोनो पुरुष व महिला के जीवन में भी हड़कंप मच गया था।

क्राइम ब्रांच ने की जांच

फिर दोनों अधिकारियों ने भोपाल में पुलिस हरिनारायणचारी मिश्रा को मामले की जांच कर तह तक जाने को बोला। उन्होंने कहा की अश्लील चैट के स्क्रीनशॉट वायरल करने वाले एवं छवि को धूमिल करने की दृष्टि से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुर्भावना एवं रंजिशवश सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रसारित किया जा रहा है, जिससे बहुत ज्यादा बदनामी और मानसिक पीड़ा का शिकार करना पड़ रहा है। पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित कर दी गई।

सेठ के कहने पर बनाई थी

टीम आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक साधनों से पता लगाया कि इंदौर में रहने वाले अपने सेठ रमनवीर सिंह अरोरा के कहने पर उक्त फर्जी कूटरचित स्क्रीन शॉट, ऐप के माध्यम से बनाई थी, और सोशल मीडिया पर वायरल की थी, और क्राइम ब्रांच की टीम ने जावेद को भी गिरफ्तर कर लिया, मुख्य आरोपी रमनवीर अरोरा फरार हो गया हैं। क्राइम ब्रांच की पूछताछ से पता चला है की जावेद एक गरीब महिलाओं को पैसों का लालच देने के बाद उनके नाम पर मोबाइल सिम खरीदता था। आरोपी इंदौर के खजराना इलाके का रहने वाला है तथा पांचवीं कक्षा तक पढ़ा है। अभी भी पुलिस को मुख्य आरोंपी की तलाश है।

कौन है वो जिनके सामने एमपी में नहीं टिक पाए कांग्रेस के बड़े से बड़े राज्यसभा के दावेदार

भोपाल | भाजपा ने जैसे ही अपने चार नामों की घोषणा की तो अब लोगो की नजरे कांग्रेस की ओर थीं। कुछ ही घंटो बाद लोगो के इंतजार को खत्म करते हुए कांग्रेस ने अपने पार्टी के नाम की भी घोषणा की। कांग्रेस ने अशोक सिंह को उम्मीदवार के लिए चुना हैं। इस से पहले ऐसा सुन ने में आ रहा था की कांग्रेस अपनी तरफ से कमलनाथ को उच्च सदन भेज सकती है। हालांकि कमलनाथ का कहना था की उन्होंने कभी राज्यसभा के बारे में विचार नहीं किया।

अशोक सिंह को मैदान में उतारा

आपको बता दें की अशोक सिंह वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वह तीन बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। बीजेपी ने पहले अपने चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, माया नारोलिया, डॉ. एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज और बंसीलाल गुर्जर को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया। उच्च सदन की सीट किसे मिलेगी, इसे लेकर राज्य कांग्रेस पार्टी में काफी उम्मीदें थीं।

अपेक्स बैंक के अध्यक्ष भी रहे

दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार को सोनिया गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा सीट की पेशकश की थी। अशोक सिंह का बैकग्राउंड कांग्रेसी ही रहा है। इससे पहले भी उन्हें कमलनाथ की सरकार में अपेक्स बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था।

घर में किया जा रहा स्कूल संचालित ना प्लेग्राउंड ना पार्किंग, किसी अधिकारी का ध्यान भी नहीं

बड़नगर। स्थानीय डायवर्सन रोड़ पर लोटस कॉन्वेंट स्कूल 2022 से संचालित किया जा रहा है, जिसमें नर्सरी से सातवीं कक्षा तक लगभग 430 बच्चे शिक्षा का अध्ययन कर रहे हैं व 22 शिक्षक अपनी सेवाए दे रहे हैं उक्त स्कूल में बच्चों को लाने छोड़ने के लिए वाहन भी है, परंतु स्कूल में बच्चों के खेलने कूदने के लिए कोई प्लेग्राउंड ही नहीं है व पेरेंट्स के आने जाने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है।

घर की तरह लगता है स्कूल

उक्त स्कूल को अगर आप प्रायः ही देखेंगे तो यह स्कूल तो बिल्कुल ही नहीं दिखेगा क्योंकि जिस जगह यह स्कूल संचालित हो रहा है वह तो किसी घर की तरह लगता है। अब मजे की बात यह है कि स्कूल में कोई प्लेग्राउंड नहीं है तो बच्चे स्पोर्ट्स में कैसे आगे बढ़ेंगे ? दिनभर पढ़ाई करके अपना माइंड फ्रेश कैसे करेंगे नए दोस्तों से कैसे मिलेंगे व अपनी चर्चाओं का एक दूसरे से आदान प्रदान केसे करेंगे हम इन 430 बच्चों के लिए उक्त स्कूल के संचालक महोदय से पूछना चाहते हैं कि क्या पढ़ाई ही जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है शारीरिक फिटनेस का कोई महत्व नहीं है।

अधिकारीगण भी ध्यान नहीं दे रहे

खैर बात इतनी ही नहीं है यह स्कूल संचालित जब से हुआ तब से संबंधित अधिकारी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया, ना हीं उक्त स्कूल के डायरेक्टर से प्लेग्राउंड और पार्किंग के बारे में पूछा और ना ही देखने गए क्या उक्त स्कूल की जानकारी को संज्ञान में लाकर संबंधित अधिकारीगण उक्त स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर व उक्त स्कूल की जांच सही से न करने वाले अधिकारी की जांच कर बर्खास्त करेंगे या अपनी आंखों पर उक्त स्कूल के सामने से निकलते समय पट्टी बांधकर इसी तरह से नजर अंदाज करते रहेंगे ।
स्मरण रहे कि ऐसे और भी कई स्कूल है जहा पर यह उपरोक्त लिखी गई समस्याएं अपने हाथ बांधे जस की तस खड़ी हुई है क्या उन स्कूलों पर भी लगाम कसी जाएगी या छोटे छोटे से छात्र छात्राओं के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता रहेगा।

जानिए आखिर क्यों हटाए गए निगम, मंडल और प्राधिकरणों के सभी दर्जा प्राप्त मंत्री,मोहन यादव का बड़ा फैसला

प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया है। लोकसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश के दर्जा प्राप्त 46 निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां निरस्त कर दि है। पिछली सरकार में इन सभी को कैबिनेट व राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था। मोहन सरकार के गठन के बाद से शिवराज सरकार के समय निगम, मंडल और प्राधिकरणों में हुई राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने की बात चल रही थी। सामान्यत: जब भी नई सरकार बनती है तो पिछली सरकार की राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त कर नए सिरे से जमावट करती है।

किस विभाग ने की शुरुवात?

सूत्रों के मुताबिक पार्टी संगठन से विचार-विमर्श करने के बाद सभी निगम, मंडल और प्राधिकरणों की राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय कर संबंधित विभागों को आगामी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने मंगलवार को इसकी शुरुआत भी कर दी।

रद्द की गई ये नियुक्तियां

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड- अध्यक्ष – जितेंद्र लिटोरिया

जन अभियान परिषद- उपाध्यक्ष – विभाष उपाध्याय

महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान- अध्यक्ष – भरतदास बैरागी

गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड- अध्यक्ष – अखिलेश्वरानंद गिरी

सामान्य वर्ग कल्याण आयोग- अध्यक्ष – शिवनारायाण चौबे

मप्र पाठ्य पुस्तक निगम- अध्यक्ष – शैलेंद्र बरूआ

मप्र ऊर्जा विकास निगम- अध्यक्ष – गिर्राज दंडोतिया

संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम- अध्यक्ष – रणवीर जाटव

पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम – अध्यक्ष – जसमंत जाटव

मप्र राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम – अध्यक्ष मुन्ना लाल गोयल

मप्र हाउसिंग बोर्ड – अध्यक्ष – आशुतोष तिवारी

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम – अध्यक्ष – विनोद गोटिया

इंदौर विकास प्राधिकरण – अध्यक्ष – जयपाल चावड़ा

मप्र महिला एवं वित्त विकास निगम – अध्यक्ष – अमिता चपरा

मप्र पाठ्य पुस्तक निगम – उपाध्यक्ष – प्रहलाद भारती

मप्र कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड -उपाध्यक्ष – नरेंद्र बिरथरे

मप्र राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम- उपाध्यक्ष – राजकुमार कुशवाह

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम – उपाध्यक्ष – नरेंद्र सिंह तोमर

मप्र खनिज विकास निगम – उपाध्यक्ष – राजेंद्र सिंह मोकलपुर

मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन – उपाध्यक्ष – राजेश अग्रवाल

मप्र राज्य कर्मचारी कल्याण समिति – अध्यक्ष – रमेशचंद्र शर्मा

जन अभियान परिषद – उपाध्यक्ष – जितेन्द्र जामदार

क्रिस्प – अध्यक्ष – श्रीकांत पाटिल

मप्र कौशल विकास एवं रोजगर निर्माण बोर्ड- अध्यक्ष – शैलेन्द्र शर्मा

मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण – अध्यक्ष – एपी श्रीवास्तव

श्रम कल्याण मंडल -अध्यक्ष- भगवान दास गौराने

माटी कला बोर्ड – अध्यक्ष – रामदयाल प्रजापति

मप्र राज्य वन विकास निगम – उपाध्यक्ष- सत्येंद्र भूषण सिंह

एमपी राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम – अध्यक्ष – शैतान सिंह पाल

भोपाल विकास प्राधिकरण – अध्यक्ष कृष्णमोहन सोनी

भोपाल विकास प्राधिकरण – उपाध्यक्ष सुनील पांडे

भोपाल विकास प्राधिकरण – उपाध्यक्ष – अनिल अग्रवाल

मध्य प्रदेश योग आयोग – अध्यक्ष – वेदप्रकाश शर्मा

मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल – अध्यक्ष – हेमंत तिवारी

मप्र शहरी एवं ग्रामीण असंगिठत कर्मकार मंडल (संबल) -अध्यक्ष – सुल्तान सिंह शेखावत

मप्र राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग – अध्यक्ष – भागचंद्र उइके

रतलाम विकास प्राधिकरण- अध्यक्ष -अशोक पोरवाल

मप्र युवा आयोग – अध्यक्ष – डा.निशांत खरे

उज्जैन विकास प्राधिकरण -अध्यक्ष – श्याम बंसल

कटनी विकास प्राधिकरण – अध्यक्ष – पीतांबर टोपनानी

देवास विकास प्राधिकरण -अध्यक्ष – राजेश यादव

विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण पचमढ़ी -अध्यक्ष – कमल धूत

माध्यमिक शिक्षा मंडल – उपाध्यक्ष – रमा मिश्रा

तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण- अध्यक्ष – माखन सिंह चौहान

मप्र वेयर हाऊसिंग एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन- अद्याक्ष – राहुल सिंह लोधी

रामलला की आरती में शामिल होने के लिए ऑफलाइन बुकिंग शुरू, जानिए आप कैसे हो सकते है रामलला की आरती में शामिल

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या में भक्तों का ताता लगा हुआ है, लगातार लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। तो वहीं भक्तों की सुविधा को देखते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी क्रम में भारी भीड़ के चलते बंद की गई ऑनलाइन आरती पास की सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है। राम मंदिर उद्घाटन के दूसरे ही दिन यानी 23 जनवरी को ही दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए थे। तो वहीं भक्तों में रामलला की आरती का साक्षी बनने को भक्तों में रामलला की आरती में शामिल होने की उत्सुकता इस प्रकार बढ़ी हुई है कि आगामी 28 फरवरी तक के लिए सभी पास बुक हो चुके हैं।

ऑनलाइन पास की संख्या में वृद्धि की तैयारी

रामलला की आरती में शामिल होने के लिए बन रहे ऑनलाइन पास की संख्या में वृद्धि की तैयारी की जा रही है। अभी केवल 20-20 पास ही निर्गत किए जा रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ट्रस्ट की ओर से बताया जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर यह सुविधा भी शुरू कर दी जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के काउंटर से पास जारी किए जाने की सुविधा फिलहाल अभी बंद है, लेकिन यह सुविधा भी जल्द ही शुरू की जाएगी।

आरती पास के लिए कैसे करें ऑनलाइन बुकिंग

अयोध्या के राम मंदिर के आरती पास की बुकिंग के लिए ट्रस्ट की वेबसाइट srjbtkshetra.org पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार, 10 साल तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन पास की जरूरत नहीं है। वे पासधारक के साथ बिना पास के भी आरती में शामिल हो सकते हैं। आरती में शामिल होने के लिए पास के साथ एक परिचय पत्र यानी आइडेंटिटी कार्ड भी अपने साथ रखना अनिवार्य है। यदि कोई भक्त किसी कारण से पास कैंसिल करता है तो उसके स्थान पर किसी दूसरे भक्त के लिए बुकिंग की जा सकेगी। किसी भी सूरत में पास का हस्तानांतरण मान्य नहीं होगा। बुकिंग होने के 24 घंटे के अंदर पास को कैंसिल भी कराया जा सकता है। इसके लिए ट्रस्ट की वेबसाइट पर ऑप्शन दिए गए हैं। आरती की तिथि के 24 घंटे पहले ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालु के ईमेल आईडी पर एक रिमाइंडर भी भेजा जाएगा।

सोशल मीडिया पर दुर्लभ कश्यप ने लगाई ऑनलाइन हथियारों की दुकान, साइबर टीम आज से करेगी गिरफ्तारी

मध्यप्रदेश के उज्जैन में बहुचर्चित दुर्लभ कश्यप की मौत भले ही कुछ सालों पहले है गई हो लेकिन उनकी मौत के बाद उसका गैंग सोशल मीडिया पर फिर से एक्टिव हो गया है, और गैर कानूनी हथियारों को बेच रहा है। इस गैंग ने फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन हथियारों की बिक्री चालू कर दी है।

हथियारों से जुड़ी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की

महाकाल की नगरी उज्जैन में एक बार फिर से दुर्लभ कश्यप का गैंग सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गया है, और अवैध रूप से खुले आम हथियारों की बिक्री कर रहा है। सोशल मीडिया में की गई एक पोस्ट ने पूरे जगह सनसनी मचा दी है, जिसमें से कुछ युवक अपने आप को दुर्लभ कश्यप के गैंग का बोल कर हथियारों को खुलेआम फेसबुक पर बेच रहे है।

वीडियो में क्या था?

सोशल मीडिया फेसबुक में 25 अप्रैल 2023 को एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें युवक का चेहरा तो नहीं दिखाई दे रहा हैं लेकिन उसके कमर में दर्जनों बंदूक की गोली और कई अलग अलग की तरह की पिस्टल हाथ और कमर में दिख रही है।फेसबुक पेज की प्रोफाइल में दुर्लभ कश्यप की फोटो भी लगी हुई है। जिस दिन इन्होंने वीडियो पोस्ट की थी उसी दिन दो विज्ञापन भी अपलोड किया था। उसकी कमर में पिस्टल, कट्टा, कई कारतूस, बंदूक लटकी है। एक हाथ में पिस्टल और दूसरे में बका है। बैक ग्राउंड में म्यूजिक भी बज रहा है।

वहीं, दूसरे वीडियो में टेबल पर रखी पांच पिस्टल भी दिखाई दे रही हैं। एक पिस्टल को उठाकर कोई दिखाता भी है, फिर वापस रख देता है।और इसी तरह एक ग्रुप और बनाया है कोहिनूर ग्रुप नाम से जिसके इंट्रो में लिखा है की पीवर बदमाश, मुखतः अपराधी 302, कोहिनूर ग्रुप उज्जैन देसी कट्टा,पिस्टल ऑनलाइन होम डिलीवरी, 93369-39678 हथियारों को बेचने के लिए गैंग ने अपना नंबर भी अपनी आईडी में मेंशन किया है।

पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने क्या कहा

इस मामले में पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया की सोशल मीडिया पर डाली गई इस पोस्ट और नंबर को ट्रैस कर पुलिस टीम और साइबर टीम आज से कार्यवाही प्रारंभ कर दोषियों की गिरफ्तारी करेगी। पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही हैं और इस प्रकार के पोस्ट डालने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी ऐसा बोल रही है।

छोटी उम्र में ही डॉन बन गया था दुर्लभ कश्यप

दुर्लभ बहुत कम उम्र में कई बड़े अपराधों को अंजाम दे चुका था। उसने बहुत छोटी सी उम्र में ही कई बड़े बड़े कारनामे किए थे।दुर्लभ कश्यप सितंबर 2020 में अपने कुछ साथियों के साथ बाइक से उज्जैन के हेलावाड़ी क्षेत्र में चाय पीने पहुंचा था। यह इलाका पूर्व से ही KKC गैंग का था। गैंग का लीडर रमीज हेलावाड़ी था। जिस दुकान में दुर्लभ चाय पीने गया, उसका मालिक रमीज का भाई अमन भूरा था। भूरा ने दुर्लभ को पहचान लिया था। इसके बाद दोनों गैंग के बीच हाथापाई शुरू हो गई। आरोपियों ने दुर्लभ पर चाकू से 30 से ज्यादा वार किए, जहां पर दुर्लभ की मौके पर ही मौत हो गई थी। लेकिन उसके नाम को जिंदा रखने के लिए उसकी गैंग फिर से ऐक्टिव हो गई है।

दिल्ली पहुंच रहे हजारों किसान, लेकिन इस बार आंदोलन से दूर क्यों हैं राकेश टिकैत?

हरियाणा और पजांब से हजारों किसान दिल्ली की ओर अपनी मांगों को लेकर पहुंच रहे हैं। किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर सैनिकों और पुलिस को तैनात किया गया है। इसके अलावा और भी कई इन्तजाम किए गए हैं। लेकिन इस बार के किसान आंदोलन में राकेश टिकैत कही नजर नहीं आ रहे हैं, जो किसान के यूनियन हैं।

किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी दी जाए। लेकिन किसानों को रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया गया हैं। इसी बीच, किसान आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता ने प्रतिक्रिया दी हैं। जिस प्रकार 2020 में हुए किसान आंदोलन में किसानों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया था उसी तरह इस बार भी बडी भारी मात्रा में किसान भाग ले रहे हैं।

कहां हैं टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसे नेता

इसी बीच सवाल उठ रहा है साल 2020 के किसान आंदोलन में राकेश टिकैत की मुख्य भूमिका वाले किसान नेता कहां है। इस आंदोलन से दूरी पर बीकेयू नेता ने बयान दिया है। राकेश टिकैत ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘ये मार्चे को किसान यूनियन ने बुलाया है। अगर उनके साथ कुछ अन्याय होगा, तो देश उनके साथ है। ना हमसे किसान दूर है और ना ही दिल्ली दूर है। सबकी मांगें एक हैं। कर्जा माफी, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना, एमएसपी गारंटी कानून, फसलों के दाम ये किसानों की मांगें हैं।’

साल 2020 में किया था प्रतिनिधित्व

नवंबर 2020 में सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधित्व के लिए मोर्चा हुआ था, और इस गठन में गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जोगिंदर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल जैसे नेता शामिल थे। और इसके अलावा राकेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर पर लगे हुए मोर्चे का नेतृत्व कर रहे थे। सरकार और संयुक्त किसान के बीच 11 राउंड की बातचीत के बाद कृषि कानून वापस हो गए थे। और इसके बाद सारे किसान अपने-अपने घर वापस लौट गए।

बात तब बिगड़ी, जब 2022 में चुनाव आए और किसानों के एक गुट ने चुनाव लड़ा, वो चाहते थे कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो जाए, वही दूसरा गुट चाहता था की दूर ही रहे। और फिर अंतिम में बलवीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में संयुक्त मोर्चा बना और 93 सीटों से चुनाव लड़े। हालांकि जमानत ही जब्त हो गई। फिर भी मतभेद खत्म नहीं हुए।

चंबल में फिर डकैतों का ख़ौफ़, पुलिस ने शुरू की सर्चिंग

घाटीगांव में ग्रामीणों की सूचना पर 3 थानों की पुलिस ने जंगलों में 50 हज़ार के इनामी डकैत रामसहाय गुर्जर के तलाश शुरू की।

कई दशकों तक डकैतों से सहमी हुई चंबल की धरती जो 90 के दशक में शांत हुई थी एक बार फिर वहाँ अब डकैतों का गिरोह एक्टिव हो गया है। ग्वालियर के घाटीगांव में कुख्यात डकैत रामसहाय गुर्जर को घूमता हुआ देखा गया है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी पुलिस ने 3 थानों से बल मंगवाकर सर्चिंग शुरू कर दी है।

50000 का इनाम घोषित है गुर्जर पर

डकैती की वारदात करने के बाद यह कुछ दिनों के लिए शांत हो जाता है और मामला ठंडा पड़ने के बाद किसी भी राज्य में जाकर अगली वारदात को अंजाम देता है। डकैत रामसहाय गुर्जर राजस्थान का रहने वाला है और चंबल रेंज आईजी द्वारा इस पर 30,000 का इनाम घोषित किया गया है। इसके अलावा ग्वालियर और धौलपुर पुलिस द्वारा 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

हाई अलर्ट पर पुलिस

डकैत रामसहाय गुर्जर की मूवमेंट को लेकर ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि वह यहीं का रहने वाला है तो उसकी मूवमेंट की खबरें लगातार आती रहती हैं, जिसके लिए सर्चिंग की जा रही है। बीच में एक दो बार जब डेरा डालने की बात सामने आई थी तो पुलिस ने वहां दबिश दी थी। लेकिन वह लोग नहीं मिले, लेकिन फिर भी सर्चिंग लगातार चल रही है।

हंगामे में बीत रहा विधानसभा सत्र, कॉग्रेस नेता को बयान सत्र की करवाई से हटाया

प्रदेश की भाजपा सरकार ने ऑनलाईन गेमिंग पर 28% GST लगाने पर कांग्रेस का सदन से वाकआउट, विजयवर्गीय ने कहा वैलंटाइन डे ने सब खराब किया।

Bhopal Assembly News: बजट में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोमवार को प्रदेश का अंतरिम बजट पेश किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकार ने उद्योपतियों के अनुसार बजट बनाया है। सरकार ने ऑनलाईन गेमिंग पर 28% GST लगाने का विधेयक को भी पास करवा लिया।

आदिवासी क्षेत्रों को दरकिनार किया- डोडियार

भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कहा की बजट में सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों को दरकिनार किया है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूँ कि प्रदेश की सभी आदिवासी क्षेत्रों में सर्वे करवा कर योजना बनाई जाए।

जुआ सट्टे को वैधानिक दर्जा दे रही सरकार- नेता प्रतिपक्ष

सरकार से कदम से प्रदेश में अब ऑनलाइन जुआ सट्टे को कानूनी सरंक्षण मिल जाएगा जिससे प्रदेश के युवाओं पर गलत असर होगा। विधयेक का विरोध करते हुए कांग्रेस के सभी विधायकों ने वॉकआउट कर नारेबाजी की।

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ विभाग अब एक होंगे

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि PPP Model पर प्रदेश में हर एक लोकसभा में मेडिकल कॉलेज खोलेंगे। स्वास्थ विभाग और चिकित्सा में शिक्षा को एक किया जा रहा है जिससे विभाग के सभी कामों में रफ्तार आ सके। रामनिवास रावत ने पूछा कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता कौन प्रदान करेगा? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा। उससे ही सभी तरह की मान्यता दी जाएगी।

अंतरिम बजट से प्रदेश के मजदूर दूसरे प्रदेश में पलायन करेंगे, विधायक का बयान कारवाई से हटा

कोंग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा 4 महीने के लिए 1.45 लाख करोड़ और अति पिछडों के लिए एक रूपया नहीं। उन्होंने कहा कि मजदूरों के लिए कुछ नहीं है ऐसे में प्रदेश के मजदूरों को मजबूरी में दूसरे प्रदेश जाना पड़ेगा। मरकाम बोले जब में मंत्री था तो IAS अधिकारियों की क्लास ले लेता था यहाँ सदन में बोलना तो समय बर्बाद करना है इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने आपत्ति ली और कहा कि कारवाही से विलोपित किया जाए।

प्रेदेश में सरकार जल्द ही मोबाइल एप्प लेकर आएगी जिससे रोड के गड्ढों की जानकारी आम नागरिक भी डाल सकेंगे, जानकारी संबंधित जिले में जाएगी जहाँ से समय सीमा में गड्ढे की मरम्मत कर अधिकारी को काम पूर्ण होने कि फ़ोटो डालना होगा।