Sun. Oct 13th, 2024

अमन सहरावत ने जीता कांस्य पदक, भारत को ओलंपिक में मिला छठा पदक

पेरिस ओलिंपिक में भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने भारत को छठवां ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। उन्होंने 57kg कैटेगरी में प्यूरुटो रिको के डरलिन तुई क्रूज 13-5 से हराया। अमन ने शुरूआत से ही मैच में अपना दबदबा बनाया रखा। उन्होंने पहले राउंड में 6-3 से बढत बनाई। इसके बाद दूसरे राउंड में उन्होंने 13-5 से जीत हासिल की। इसके साथ ही वें भारत के लिए ओलंपिक में सबसे कम उम्र में पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं।

कुश्ती में लगातार पांचवीं बार पदक

भारत कुश्ती में साल 2008 से लगातार पदक जीतता आ रहा है। अमन ने इस साल पदक जीतकर इस परंपरा को कायम रखा। अब भारत ने ओलंपिक में हाॅकी (13पदक) के बाद सबसे ज्यादा 8 पदक कुश्ती में ही जीते हैं। वही इस ओलंपिक में अब तक कुल 6 पदक जीते हैं। इनमें 5 कांस्य पदक शामिल हैं जबकि एक रजत पदक शामिल हैं।

बड़नगर पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर जनता के मन में उठ रहे कई सवाल, क्या न्याय दिलाने वाले को मिलेगा न्याय

बड़नगर के स्थानीय कोर्ट परिसर में गुरुवार को हुए विवाद को लेकर अभिभाषक संघ में आक्रोश जारी है। इसी के संबंध में अभिभाषक संघ ने तहसीलदार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। अभिभाषकों की मांग है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो ताकि उन्हें पुख्ता सुरक्षा मिल सके।

पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली पर उठे सवाल

इसी बीच पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली को लेकर जनता के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ दिनदहाड़े कोर्ट परिसर में इतनी बड़ी घटना घटित हो जाती है, और उसके बावजूद पुलिस 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज करती है। अब सवाल यह है कि जब वकील के साथ इतनी बड़ी घटना घटने के 24 घंटे बाद शिकायत दर्ज हो रही है, तो आम आदमी के साथ क्या होगा, यह तो अब सभी जानते हैं।

कोर्ट परिसर में इतना बड़ा हड़कंप मच जाने के बावजूद मुलजिम पर शांतिभंग की धारा नहीं लगाई क्यों?

उक्त मामले को लेकर पुलिस द्वारा मुलजिम पर न्यायालय परिसर में शांति भंग करने का केस भी दर्ज नहीं किया गया। घटना की शाम ही आरोपी को क्यों छोड़ा गया? शुक्रवार को अभिभाषकों की पूरे जिले में इतनी बड़ी हड़ताल के बावजूद मुलजिम को घटना के कुछ घंटे बाद ही छोड़ दिया गया। शांति भंग का मामला होने के बाद भी मुलजिम पर न तो कोई धारा 151 लगाई गई और न ही किसी प्रकार का प्रकरण दर्ज किया गया और एफ आई आर होती भी है तो 24 घंटे के बाद ? यह है हमारे नगर की पुलिस की कार्यप्रणाली ?

चंदा इकट्ठा करके ओलंपिक तैयारी कर रहे थे Arshad Nadeem, अब Neeraj Chopra को हराकर ओलंपिक में जीता पहला गोल्ड मेडल, जानिए कौन है पाकिस्तान का यह खिलाड़ी

गुरुवार की रात पाकिस्तान के अरशद नदीम(Arshad Nadeem) ने ओलंपिक में जेवालिन थ्रो में 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर इतिहास रच दिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह न केवल उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो था बल्कि ओलंपिक के इतिहास का भी (पिछला नॉर्ने के एथलीट थोरकिल्डसेन एंड्रियास ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर) है। उन्होंने इस Olympic में पाकिस्तान के पहला मेडल जीता। Olympic में 1992 से चल रहे पदक के सूखे को भी 32 साल बाद खत्म कर दिया। लेकिन अरशद नदीम(Arshad Nadeem) के लिए यह राह आसान नहीं रही। एक समय उनके पास भाला खरीदने तक के नहीं थे। उन्होंने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic) की ट्रेनिंग के लिए चंदा इकट्ठा करते थे। काफी संघर्ष के बाद उन्होंने अब ये मुकाम हासिल किए। पढ़िए अरशद नदीम(Arshad Nadeem) की यह संघर्ष भरी दास्तां

बचपन और पारिवारिक संघर्ष

अरशद नदीम का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जहाँ उनके पिता एक मजदूर के रूप में काम करते थे। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पिता के लिए घर के खर्चों के अलावा अरशद की ट्रेनिंग के खर्चे उठाना असंभव था। इसके बावजूद, अरशद के पिता ने अपने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया।

नेजाबाजी से जैवलिन थ्रो तक का सफर

जब अरशद छोटे थे, तो वे अपने पिता के साथ पाकिस्तान के मशहूर खेल नेजाबाजी (इसे भारत में घुड़सवारी कहा जाता है) देखने जाते थे। इस खेल ने उन्हें बहुत प्रभावित किया, और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग शुरू कर दी। लेकिन बाद में उनकी दिलचस्पी जैवलिन थ्रो में हो गई और उन्होंने इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी। स्कूल के एथलेटिक्स इवेंट के दौरान उनकी प्रतिभा को देखकर सभी हैरान रह गए। स्कूल के कोच रशीद अहमद सकी ने अरशद की इस प्रतिभा को पहचाना और उनकी जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग शुरू की।

सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष

अरशद नदीम आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे। उनके घर की हालत ठीक नहीं थी, और उनके पिता केवल 400-500 रुपये की मजदूरी करते थे। इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उनके पिता ने अरशद की प्रैक्टिस में कोई कमी नहीं आने दी और उन्हें दूध-घी की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई। घर की आर्थिक स्थिति के कारण, अरशद का सपना था कि वह एक सरकारी नौकरी हासिल करें। उन्होंने स्पोर्ट्स कोटा के तहत पाकिस्तान वॉटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी के लिए ट्रायल्स दिए थे, जहाँ उनकी मुलाकात सैय्यद हुसैन बुखारी से हुई। बुखारी ने न केवल अरशद को सरकारी नौकरी दिलाई, बल्कि उनके करियर को भी एक नई दिशा दी।

पाकिस्तान उपलब्ध नहीं करा पाया था भाला

अरशद को पेरिस ओलंपिक के लिए जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग करनी थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उन्हें चंदा इकट्ठा करना पड़ा। इस मुश्किल समय में, उन्हें एक पुराने और खराब हो चुके भाले से ही अभ्यास करना पड़ा क्योंकि उनके पास नया भाला खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने कई बार पाकिस्तानी खेल प्रशासन से नया भाला उपलब्ध कराने की अपील भी की थी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

चंदे के पैसे से की ओलंपिक की तैयारी

अरशद के पिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके बेटे की ट्रेनिंग के लिए दोस्त, गाँव के लोग और रिश्तेदारों ने मिलकर पैसे इकट्ठे किए। अरशद की सफलता को लेकर उनके पिता ने कहा कि लोग नहीं जानते कि वह इस मुकाम पर कैसे पहुंचे हैं। यह उनकी मेहनत और तमाम लोगों की दुआओं का नतीजा है। जब अरशद ने ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाई, तो उनके गाँव में जश्न का माहौल था।

Arshad Nadeem की उपलब्धियां

अरशद नदीम ने साल 2011 में एथलेटिक्स में कदम रखा और साल 2015 में पाकिस्तान के नेशनल चैंपियन बने। वह पाकिस्तान की तरफ से टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने। इसके अलावा, उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल भी जीता।

Neeraj Chopra ने जेवालिन थ्रो में जीता Silver medal, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर फेंककर जीता स्वर्ण पदक

Olympic में जेवालिन थ्रो में इस साल नीरज चोपड़ा(Neeraj Chopra) गोल्ड मेडल नहीं जीत पाए। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर फेंककर गोल्ड मेडल जीता जबकि नीरज चोपड़ा ने 89.95 मीटर फेंकर सिल्वर मेडल जीता। उनका यह दूसरा लगातार दूसरा पदक है। वें सुशील कुमार के बाद इंडिविजुअल गेम्स में जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने।

छह मेें से पांच फाउल रहे Neeraj Chopra के

फाइनल में Neeraj Chopra अपनी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नही कर सके। उनके छह में से पांच फाउल रहे। उनका दूसरा प्रयास में थ्रो 89.95 मीटर था। जिसके दम पर उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। यह उनका इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इसी के साथ नीरज चोपड़ा जेवालिन थ्रो में दो पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं।

Olympics के हाॅकी में भारत ने लगातार दूसरी बार जीता कांस्य पदक, कांस्य पदक मुकाबले में स्पेन को 2-1 से हराया

Paris Olympic में भारत और स्पेन के बीच ब्रॉन्ज़ मेडल मैच हुआ।, जहां भारतीय टीम ने स्पेन को 2-1 से हरा दिया। मैच के 33वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को बढ़त दिलाई। इससे पहले, उन्होंने 30वें मिनट में भी पेनल्टी पर गोल किया था। हाफ टाइम तक मैच का स्कोर 1-1 से बराबर था, जिसमें स्पेन के मार्क मिरालेस पोर्टिलो ने 18वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल किया था।

गोल के बाद जश्न मनाते हुए खिलाड़ी

इस मैच में भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास बैन के बाद वापसी की थी, वहीं अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश अपने करियर का आखिरी मैच खेला। उन्होंने दो कांस्य पदक जीतकर हाॅकी करियर को अलविदा कहा। यह भारत का इस ओलंपिक में चौथा कांस्य पदक है।

ओलंपिक में भारत को लगा तगड़ा झटका, 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण Vinesh Phogat हुई फाइनल से बाहर

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट(Vinesh Phogat) को पेरिस ओलिंपिक से बाहर होना पड़ा है, क्योंकि उनका वजन तय कैटेगरी से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। विनेश 50 किलोग्राम की कैटेगरी में खेलती हैं, लेकिन बुधवार को उनके वजन में मामूली वृद्धि के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। भारतीय ओलिंपिक संघ ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि विनेश फोगाट(Vinesh Phogat) बुधवार रात को होने वाले 50 किलोग्राम कैटेगरी के विमेंस रेसलिंग फाइनल में हिस्सा नहीं ले सकेंगी और न ही उन्हें इस ओलिंपिक में कोई मेडल मिलेगा।

Vinesh Phogat ने लगातार तीन मैच जीते थे

इससे पहले, विनेश ने मंगलवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को 5-0 से हराया था। वहीं, अपने पहले मैच में उन्होंने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से हराकर सभी को चौंका दिया था। हालांकि, अंतिम क्षणों में वजन की वजह से उनकी ओलिंपिक यात्रा का अंत हो गया, जो उनके और देश के लिए एक बड़ा झटका है।

विनेश की जीत के बाद बदले BJP नेताओं के सुर, जो विरोध कर रहे थे अब वही दे रहे हैं जीत की बधाई

मंगलवार को भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट(Vinesh Phogat) ने पेरिस ओलंपिक के 50 किग्रा के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वें ओलंपिक में के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी है। उनकी उपलब्धि के बाद पूरे देश में बधाईयों का तातं शुरू हो गया है लेकिन पिछले साल पहलवानों के खिलाफ बागवत करने वाले कुछ BJP नेताओं ने चुप्पी साध रखी है जबकि कुछ बीजेपी नेताओं ने अपने सुर बदल कर विनेश (Vinesh Phogat) को बधाई देना शुरू कर दिया है।

अनुराग ठाकुर और किरण रिजिजू ने दी बधाईयाँ

पिछले साल 2023 में जब पहलवान बृजभूषण कुमार सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी। तब बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर खेल मंत्री थे। उस समय उन्होंने पहलवानों का साथ देने से इनकार कर दिया था और पहलवानों को लेकर कहा था कि राष्‍ट्र की प्रतिष्‍ठा को नुकसान होता है जिसे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता। इनमें विनेश फोगाट भी शामिल थी। लेकिन अब विनेश की जीत पर बधाई देते हुए कहा कि विनेश(Vinesh fokat) जीत के लिए बधाईयाँ। हम आप से आगे भी ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे।

वही उस समय के कानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी अब विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को बधाई दी है। जबकि उस समय वें भी अपनी पार्टी के नेता बृजभूषण कुमार का बचाव कर रहे थे।

अन्य BJP नेताओं ने भी बधाई दी

इन दो दिग्गज नेताओं के अलावा बीजेपी के अन्य नेता भी विनेश को बधाईयाँ दे रहे हैं। जो उस समय पहलवानों का विरोध कर रह थे। इनमें गिरिराज सिंह और अजय भट्ट जैस नेता शामिल हैं।

बीजेपी नेताओं के इस बदले रूख से देश में विरोध की लहर और लोग इनकी ट्वीट के कमेंट बाॅक्स में नेताओं को दोगला बोल रहे हैं।

लगातार दूसरी बार Olympic के सेमीफाइनल में हार भारत, अब कास्य पदक के लिए स्पेन के खिलाफ खेलेंगे

Paris Olympic के हाॅकी में सेमीफाइनल में भारतीय पुरूष टीम को जर्मनी के खिलाफ 3-2 से हार का सामना करना पड़ा। यह भारत का हाॅकी में लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में हार हुई है। अब भारत गुरुवार को स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक के लिए खेलेगी और भारतीय टीम लगातार दूसरी बार पदक जीतने की कोशिश करेगी।

भारत ने पहले हाफ में बनाई थी बढ़त

मैच में भारतीय टीम ने शुरू से अटैककिंग गेम खेला। टीम ने पहले हाफ में 7 पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किए थे। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 7वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में कन्वर्ट किया। इसी के साथ टीम ने 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। पहला क्वार्टर खत्म होने के बाद भारत ने 1-0 की बढ़त बनाए रखी।

दूसरे क्वार्टर में जर्मनी से वापसी की

दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में जर्मनी को उनका पहला पेनल्टी कॉर्नर भी मिल गया। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में जर्मनी ने गोल दागकर स्कोरलाइन 1-1 से बराबर कर दी। टीम से पिलाट गोन्जालो ने मैच के 18वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ही स्कोर किया। जर्मनी को 27वें मिनट में एक और पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया। क्रिस्टोफर रूहर ने स्ट्रोक लेने में कोई गलती नहीं की और टीम का दूसरा गोल दाग दिया। इस गोल के साथ जर्मनी ने 2-1 की बढ़त बना ली। दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने 2 गोल दागे और स्कोर 2-1 से अपने पक्ष में कर लिया।

अंतिम क्वार्टर में गोल से हारा भारत

भारत ने तीसरे क्वार्टर में दबदबा बनाया और शुरुआती 6 मिनट में 3 पेनल्टी कॉर्नर बटोर लिए। तीसरे कॉर्नर पर सुखजीत सिंह ने डिफ्लेक्शन से 36वें मिनट में गोल किया और स्कोर 2-2 से बराबर हो गया। इसके बाद मुकाबला अंतिम क्वार्टर में पहुंचा। जहां जर्मनी ने 54वें मिनट में गोल कर 3-2 की बढ़त बना ली। टीम से मार्को मिल्टकाऊ ने फील्ड गोल किया और बढ़त ली। इसके बाद अंतिम मिनटों में भारतीय टीम ने दो बार गोल करने की कोशिश की लेकिन दोनों ही कोशिश नाकाम रही और अंत में भारत को 3-2 से हार का सामना करना पड़ा।

शूटिंग में एक और कांस्य पदक, स्वानिप्ल कुसाले ने जीता 50 मीटर राइफल में पदक

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अपना तीसरा मेडल हासिल किया है। शूटर स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन इवेंट की पुरुष श्रेणी में कांस्य पदक जीता है।स्वप्निल कुसाले पहले भी उल्लेखनीय प्रदर्शन कर चुके हैं। 2015 में कुवैत में आयोजित एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन 3 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा, उन्होंने तुगलकाबाद में आयोजित 59वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गगन नारंग और चेन सिंह जैसे अनुभवी शूटरों को हराकर जीत दर्ज की थी।

भारत का तीसरा पदक

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को अब तक शूटिंग में कुल तीन पदक मिले हैं। स्वप्निल कुसाले के कांस्य पदक के अलावा, मनु भाकर ने भी दो कांस्य पदक जीते हैं। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल्स में पहला ब्रॉन्ज मेडल जीता, जबकि दूसरा कांस्य पदक उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड इवेंट टीम में जीता।

Paris Olympic में दूसरे दिन मिला भारत को पहला पदक, मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में जीता Bronze medal

मनु भाकर ने Paris Olympic में भारत के पदक का खाता खोल दिया है। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 221.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। फाइनल में मनु ने शुरू से ही तीसरा स्थान बरकरार रखा और तीसरा स्थान ही हासिल किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो एथलीट्स ने जीता। ओह ये जिन 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया।

भारत की पहली महिला शूटर बनी

मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। वह शूटिंग में भारत को Olympic पदक दिलाने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 London Olympic में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था।