Sat. Apr 27th, 2024

MP में एक बार फिर हुई डिजिटली अरेस्ट से ठगी, व्हाट्सएप कॉल के जरिये डिजिटली अरेस्ट कर ठगे 2 करोड़ 40 लाख

Ujjain: इंदौर (Indore) में हुई डिजिटली गुत्थी सुलझी भी नहीं थी वैसा ही ठगी का मामला उज्जैन (ujjain) से सामने आया है। शहर के स्टील व्यापारी को व्हाट्सएप के जरिए कॉल करके डिजिटली अरेस्ट कर 2 करोड़ की ठगी की है। धोखेबाजों ने ठगी की रकम को 40 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। व्यापारी ने जब माधवनगर थाने में शिकायत की तो पुलिस भी दंग रह गई।।

जेट एयरवेज के मालिक तक जुड़े तार

ठगों ने व्यापारी को फ़ोन कर बताया कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के द्वारा किये गए फ़्रॉड का पैसा आपके एकाउंट में आया है। आरोपियों ने सीबीआई के लेटर हेड भी भेजे ताकि व्यापारी को विश्वास हो सके, जिसके बाद व्यापारी घबरा गया और उसने ठगों के कह अनुसार 2 करोड़ की राशि उनके एकाउंट में ट्रांसफर कर दी।

घटना के 4 दिन बाद समझ आया कि ठगी हुई

घटना के 4 दिन बाद स्टील व्यापारी को आभास हो गया की उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होंने तत्काल माधवनगर थाना पहुंचकर पुलिस को शिकायत की। सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आते ही एसपी प्रदीप शर्मा ने सीएसपी दीपिका शिंदे के नेतृत्व में सायबर सेल और क्राईम ब्रांच के साथ मिलकर 5 टीमें बनाई गईं।

सभी ने तकनीकी साक्ष्य जुटाए और व्हाट्सएप कॉलिंग के साथ जिस बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए उनकी जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस की टीम यूपी और बिहार पहुंची, जहां पर बैंक शाखा में जाकर जिस खाते में रुपए गए थे। उसकी जानकारी निकाली तो पुलिस अधिकारी भी दंग रहे गए। उक्त 2 करोड़ रुपए 40 खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे।

इनको किया गिरफ्तार

पुलिस ने मुकेश पिता रामचंद्र सॉ 35 साल निवासी ग्राम भैंसासुर नालंदा बिहार, अमरेन्द्र कुमार पिता ब्रजनंदन प्रसाद 23 साल निवासी ग्राम बारापुर नालंदा बिहार, अनिल पिता भेरुसिंह यादव 31 साल निवासी नवादा मैनपुरी यूपी, शरद पांडे पिता अमोद पांडे 30 साल निवासी ग्राम कुशमरा मैनपुरी और शाहनवाज पिता मुन्ना आलम 18 साल निवासी ग्राम किंजर अरबल बिहार को गिरफ्तार किया।

कटनी में Crime Branch की टीम बनकर की लूट, लैपटॉप, मोबाइल सहित कई नगदी रूपये की लूट

अब तक आप crime Branch को चोरी करने वाले लुटेरे को पकड़ते हुए नजर आती थी लेकिन मप्र के कटनी में Crime Branch की टीम ने खुद एक मोबाइल शाॅप में जाकर लूट और दुकान में से मोबाइल, लैपटॉप सहित कई रूपयों की लूट की। मामले की शिकायत दर्ज होने पर पुलिस ने सभी आरोपियों को जबलपुर से गिरफ्तार किया है।

जानिए क्या था मामला

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने बताया कि 5 लोगों ने मिलकर कटनी के भरत बानवानी के घर में घुसे और मोबाइल, लैपटॉप सहित पैसे एक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए थे। आरोपियों ने परिवार के लोगों की बेदम पिटाई करते हुए 5 नग मोबाइल, 2 लैपटॉप सहित 49 हजार रुपए अपने एक साथी के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए थे और सभी को एक कमरे में बंद करके भागे निकले।

लूटेरे कर्ज में डूबे थे

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि क्रिकेट सट्टे में कर्ज में डूबे होने के कारण इस डकैती की घटना को अंजाम दिया था। फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले पर धारा 394, 450, 419, 342 सहित धारा 395, 120 बी के तहत मामला दर्ज कर आरोपी सचिन यादव, अंशु बावरिया, नमन श्रीवास्तव, चेतन विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया है।

जानिए आखिर क्यों दादी ने अपनी 4 दिन की पोती की हत्या कर दी

मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुईं है, मप्र के ग्वालियर में एक दादी ने गुस्से में अपनी ही पोती को गला घोंटकर मार डाला। पोती सिर्फ 4 दिन की ही थी।

आखिर क्यों उठाया यह कदम

चार दिन की दुधमुंही बच्ची को उसी की दादी ने गला घोंटकर मार डाला और फिर इसे सामान्य मौत बताने की कोशिश करती रही। बात यह थी कि दादी को पोते की चाह थी लेकिन लड़की का जन्म होने से दादी ख़फ़ा थी। नवजात बच्ची जन्म से ही दिव्यांग थी, ऐसे में दादी बच्ची से पीछा छुड़ाना चाहती थी, इसीलिए उसने बच्ची को एक रात अपने पास सुलाकर गला दबा दिया। इस मामले में बच्ची के पिता की भी संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है।

पोस्टपार्टम ना करने का दबाव बनाता रहा पिता, माँ की जिद के कारण हुआ फिर

अगले दिन सुबह आरोपी उठी तो उसने कहा कि बच्ची सांस नहीं ले पा रही है, हालांकि शक होने पर अस्पताल वालो ने पुलिस को सूचना दी तो पिता पुलिस पर दबाव बनाने लगा कि पोस्टमार्टम ना हो पर बची की माँ की ज़िद के चलते पोस्टपार्टम हुआ जिसमें गला घोंटने से मौत का कारण सामने आया।

छात्रा की खुदकुशी में आया नया मोड़, पुलिस ने सीन रिक्रिएट कर सुलझाई गुत्थी

प्रेमी ने छात्रा को शादी का वादा किया लेकिन 6 मार्च को युवक ने किसी और से शादी कर ली थी जिससे छात्रा आकृति काफी परेशान थी और आदित्य भी उसे प्रताड़ित कर रहा था।

धोखे से परेशान थी आकृति

पड़ाव थाना प्रभारी इला टंडन ने बताया कि आकृति और आदित्य शर्मा 2-3 साल से एक दूसरे को जानते थे और एक दूसरे के पड़ोसी भी हैं। एक दूसरे के सम्पर्क में आने के बाद दोनो के बीच प्रेम संबंध बने थे। आदित्य ने आकृति से शादी का वादा किया था लेकिन उसने किसी ओर से शादी कर ली थी जिसका पता चलने के बाद आकृति काफी परेशान रहनी लगी थी।

सीन रिक्रिएट कर सुलझाई गुत्थी

पुलिस ने क्राइम सीन को रिक्रिएट किया, इस दौरान आकृति के परिजन और उसके दोस्त मौजूद थे। परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी कि घटना वाले दिन भी आकृति यहीं खड़ी थी और दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ था और आकृति ने सुसाइड की धमकी दी थी। इसी वक्त उसने किले से छलांग लगा दी।

अब भी गफलत में है पुलिस

पुलिस अब भी इसी गफ़लत में है कि आकृति किले पर खुद आई थी या उसे किसी ने फ़ोन करके बुलाया था हालांकि पुलिस ने आदित्य पर धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है।

माता-पिता जिन्न बने तो मुक्ति के लिए दे दी चाचा ने सगी भतीजी की बलि

MP के सागर से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक शख़्स ने अपने ही बड़े भाई की लड़की की निर्मम हत्या कर दी सागर (Sagar) जिले के खुरई तहसील शिवाजी वार्ड निवासी भारत ने अपनी सगी भतीजी तनु पिता राजेश अहिरवार की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी ने थाने जाकर आत्मसमर्पण भी कर दिया। हत्या के बाद से ही बच्ची के माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।

आरोपी राजकोट (Rajkot) से एक दिन पहले ही आया था

आरोपी भारत गुजरात के राजकोट में किसी नमकीन बनाने वाली कंपनी में मजदूरी करता था, जहाँ से वो एक दिन पहले ही आया था। उसने पुलिस को बताया कि उसके माता पिता जिन्न बन गए हैं इसलिए उनकी मुक्ति के लिए उसने तनु की बलि दे दी।

पहले ही पूरी प्लानिंग कर रखी थी

तनु के पिता ने पुलिस को बताया कि सोमवार को किश्त भरनी थी इसीलिए हम दोनों बच्चियों के साथ बैंक जा रहे थे, तभी भारत ने तनु की माँ से बोला की तनु को बाजार ले जाना है तो वह तनु को चाचा के भरोसे छोड़कर चली गयी। भारत ने तनु के माता-पिता के जाते ही दुकान जाकर नया हसिया खरीदा और आकर उसी से तनु की हत्या कर दी।

गुंडे को थाने लाते ही आए कई बड़े नेताओं के फ़ोन, बाद में पुलिस ने जुलूस निकाला

इंदौर में खजराना चौराहे पर पुलिस कर्मी से झूमाझटकी करने वाला गुंडा करण सिंह मंत्री सिलावट की धौंस दिखाकर थाने से भाग गया, जिसके बाद डीसीपी की तत्परता के चलते गुंडे को फिर गिरफ्तार कर उसका जुलूस निकाला गया

मध्यप्रदेश में इस तरह गुंडों ने आंतक मचा रखा है कि गिरफ्तार होने के बाद पुलिस की गिरफ्त से भाग जाते हैं और पुलिस मुखदर्शक बनी देखती रहती है। दरअसल बात इंदौर के खजराना चौराहे की है, रविवार दिनांक 14 अप्रैल को रात 8:00 बजे ट्रैफिक पुलिस आरक्षण विकास शर्मा अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। सिग्नल पर खड़ी हुई एक CAR का हूटर बज रहा था। CAR के शीशे पर ब्लैक फिल्म चढ़ी हुई थी, और नंबर प्लेट पर नंबर नहीं लिखा हुआ था। सूबेदार श्री बृजराज सिंह अजनार ने आरक्षक विकास शर्मा को भेजा। विकास ने जैसे ही गाड़ी साइड में लगाने के लिए कहा तो CAR में सवार युवक ने अभद्रता शुरू कर दी। फिर आरक्षक विकास को धक्का दिया जिससे वह जमीन पर गिर गया। फिर उसके पेट पर बैठकर उसे पीटा। इस दौरान उसकी वर्दी भी फाड़ दी।

थाने से भगा गुंडा, डीसीपी ने फिर पकड़ा

इतना ही नहीं यह आरोपी पुलिसवालों द्वारा थाने लाए जाने के बाद भी दादागिरी करते हुए थाने से भाग निकला। पुलिसकर्मी विकास शर्मा ने इसकी शिकायत की जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। रविवार की रात करणदीप गुंडई करते हुए थाने के अंदर से गाड़ी में चाबी लगाकर भाग निकला था। जैसे ही इसकी जानकारी आला अफसरों तक पहुँची तो डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने टीआई को फटकार लगाई। उन्होंने धरपकड़ में पूरे स्टाफ को लगा दिया। बाद में आरोपी को द्वारकापुरी से गिरफ्तार करवाया।

पिता लिस्टेड गुंडे और बेटे करन को बचाने कई नेताओं के आए थे कॉल

बता दें कि गुंडे करण सिंह धालीवाल पर पहले से 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं, करन के पिता सोंटा सरदार भी इंदौर पुलिस के निगरानीशुदा बदमाश थे। सूत्रों की माने तो करन सिंह का रौब इतना है कि उसके गिरफ्तार होते ही खजराना थाने में कई बड़े बड़े नेताओं के फ़ोन आने लगे थे।

बाद में गिरफ्तार कर चोराहे पर निकाला जुलूस

करन को फिर गिरफ्तार कर उसे उसी जगह लाया गया जहाँ उसने पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी की थी, उससे कान पकड़कर माफी मांगी और उस दौरान वो बोलता रहा कि मैं गुंडा नहीं हूँ।

C21 माॅल के सामने टावर 61 में लगी आग, आधे घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड

गर्मियों में लगातार आगजनी घटनाएं इंदौर में बढती जा रही है। इसी बीच रविवार को इंदौर में एबी रोड पर स्थित C21 मॉल के सामने स्थित बिल्डिंग टावर 61 में आग लग गई। आग शाम करीब 5.15 बजे बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर स्थित रेस्टोरेंट में लगी। थोड़ी ही देर में आग ने बिल्डिंग के नीचे के ऑफिस को भी चपेट में ले लिया।

कडी मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू

C21 मॉल से पाइप लाकर टावर 61 में आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन बिल्डिंग के टॉप फ्लोर तक पानी नहीं पहुंच पाया। जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग किस कारण से लगी और इससे कितना नुकसान हुआ है, ये अभी सामने नहीं आ पाया है।

सड़क पर बनी जाम की स्थिति

जिस समय बिल्डिंग में आग लगी, तब वहां काफी लोग थे। हालांकि सभी को वक्त रहते सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग के कारण एबी रोड पर जाम की स्थिति बन गई है। दोनों तरफ सड़क पर वाहनों की लाइन लग गई। आग के कारण लोटस चौराहे से विजय नगर की तरफ जाना वाला ट्रैफिक बंद कर दिया गया। बिल्डिंग के सामने वाली लेन का ट्रैफिक भमोरी चौराहे और लोटस चौराहे के बीच में बंद कर दिया है। फिलहाल ट्रैफिक को बीआरटीएस लेन से निकाला जा रहा है।

आग ने खड़े किए कई सवाल

यह आग शहर के बीचोंबीच लगी। लेकिन इसके बाद बाबजूद आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड काफी देर से पहुंची। आग 5.15 पर लगी थी लेकिन फायर ब्रिगेड लगभग 40 मिनट बाद पहुंची। तब तक आग काफी ज्यादा फेल चुकी थी। इसी बीच सवाल उठ रहा है कि इंदौर में इतनी लगातार आग क्यों लग रही है। यही आग यदि सामने C21 माॅल में लगती तो और क्या तब ही इतनी लापरवाही होती और तब इतने कितनी जनहानि हताहत हो जाती है।उ

देवास पुलिस की बड़ी सफलता 32 लाख के गुम व चोरी हुए 160 phone जब्त कर, मालिकों को दिए

देवास पुलिस ने उम्मीद खो चुके लोगों को बड़ी खुश खबरी दी, सायबर सेल (Cyber cell) की मदद से लोकेशन ट्रेस कर 32 लाख कीमत के 160 फ़ोन (Phone) जब्त कर फ़ोन मालिकों के सुपुर्द किए गए।

देवास एसपी ने चलाया था विशेष अभियान

देवास एसपी उपाध्याय ने बताया कि लगातार मोबाइल फोन घुम होने की शिकायत मिल रही थी, इसीलिए साइबर सेल की मदद से विशेष अभियान चलाकर पहले भी 200 फोन जब्त किए गए थे और अभी 160 फ़ोन जिनकी किमत 32 लाख है। हमने कर्यालय बुलाकर फ़ोन मालिकों के फ़ोन उनके सुपुर्द कर दिए हैं।

गुम होने पर शिकायत जरूर लिखाए

मोबाइल फोन देने के दौरान एसपी उपाध्याय ने कहा कई बार मोबाइल चोरी होने या गुम होने पर लोग पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं, उनको लगता है कि फोन तो वापस मिलेगा नहीं जबकि ऐसा नहीं है। एसपी ने कहा कि सभी ध्यान रखें अगर मोबाइल चोरी या गुम हो तो शिकायत जरूर लिखाए।

Digital Arrest कर इंदौर के डॉक्टर दम्पत्ति से ठगे 8 लाख, जानिए क्या है Digital Arrest, कैसे करते हैं इस तरह का फ्रॉड

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) नई और बेहद हाईटेक ऑनलाइन ठगी का मामला इंदौर क्राइम ब्रांच (Crime Branch) में दर्ज हुआ है। इंदौर के राजेन्द्र नगर निवासी डॉक्टर दम्पति को ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए 53 घंटे डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर के रखा और बाद 8 लाख 36 हज़ार अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।

मुंबई CBI की स्काइप आईडी से आया था कॉल

डॉक्टर दम्पति ने बताया कि उन्हें मुम्बई सीबीआई स्काईप आईडी से वीडियो कॉल आई थी। कॉल पर ठगों ने कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि इंटरनेशनल कुरियर कम्पनी के लिए पार्सल डिलीवर हुआ है। जिसमे एक लेपटॉप, 40 किलो कपड़े और एमडी एमए ड्रग जब्त हुई। फेक अधिकारी ने कहा कि इस डिलीवरी और कंपनी के जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं उसमें आपके आधारकार्ड और अन्य आईडी का प्रयोग हुआ है।

53 घंटे तक Digital Arrest रखा

ठगों ने कहा कि अभी आपके बयान लिए जाएंगे तो हमारे अधिकारी आपको एक वीडियो कॉल करेंगे जहाँ आपको अपने बयान दर्ज कराने होंगे। वीडियो कॉल वर्दी में ल सीबीआई अधिकारी और अन्य ऑफिसर दिखे जहाँ उन्होंने अलग अलग धाराओं में फ़साने को लेकर डराया। इसके बाद आरबीआई से एक कॉल आया तो डॉक्टर दम्पत्ति ने ठगों के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए।

क्या होता है Digital Arrest?

कानूनी तौर पर Digital Arrest नाम का कोई शब्द नहीं है। यह एक फ्रॉड करने का तरीका है,जो साइबर ठग अपनाते हैं। इसका सीधा मतलब होता है ब्लैकमेलिंग, जिसके जरिए ठग अपने टारगेट को ब्लैकमेल करता है। डिजिटल अरेस्ट में कोई आपको वीडियो कॉलिंग के जरिए घर में बंधक बना लेता है। वह आप पर हर वक्त नजर रख रहा होता है। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग कोई सरकारी एजेंसी के अफसर या पुलिस अफसर बनकर आपको वीडियो कॉल करते हैं। इसके बाद ठग आपको कहते हैं कि आपका आधार कार्ड सिम कार्ड या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए हुआ। वह आपको फर्जी गिरफ्तारी का डर दिखाकर घर में ही कैद कर देते हैं। इसके बाद वह झूठे आरोप लगाते हैं और जमानत की बातें कह कर पैसे ऐंठ लेते हैं। अपराधी इस दौरान आपको वीडियो कॉल से हटने भी नहीं देते हैं और ना ही किसी को कॉल करने देते हैं। डिजिटल अरेस्ट के इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।

साइबर ठगों को ट्रेस करना बहुत कठिन

हजारों किलोमीटर दूर बैठकर साइबर ठग आपको अपना शिकार बना लेते हैं। स्काइप आईडी, वीचैट और उन वीडियो कॉलिंग से आपसे संपर्क करते हैं ऐसे में पुलिस को 3 से 6 महीने तो आरोपियों का डाटा, यूआरएल जानकारी लेने के लिए समय लग जाता है। अधिकतर एप्लीकेशन्स के सर्वर विदेश में हैं, जहां से जानकारी जुटाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करना पड़ती है और कई महीनों तक जानकारी नहीं मिल पाती।

Bhopal police की मुस्तैदी से 80 लाख की लूट की गुत्थी, चंद मिनटों में सुलझी

Bhopal: Bhopal police ने लूट की मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 49 लाख रुपये नकद, घटना में स्तमाल गाड़ी, कट्टा-कारतूस, धारदार हथियार चाकू, एटीएम कार्ड जब्त किए हैं। वारदात के खुलासा करने वाली Police टीम को 50 हजार का इनाम देने की अनुसंशा की गई है।

नौकर ने ही बनाई थी लूट की योजना

जांच में पता चला कि घर का नौकर ही लूट में शामिल था। उसने आरोप को लूट करने के लिए बुलाया था। नौकर ने आरोपियों द्वारा पीटे जाने का नाटक भी किया था ताकि उस पर कोई संदेह नहीं कर सके। लेकिन जाँच में विरोधाभास तथ्यों से पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने सख्ती से पूछताछ करने खुलासा हुआ।

मंडीदीप के एक घर मे मिला समान

पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में एक आरोपी अमित के घर पहुँची तो बोरी भरकर रखे गए रुपये और एक देशी कट्टा तथा 2 कारतूस बरामद किए। आरोपी लक्ष्मण लूट के बाद बाइक से भाग रहा था पर बाइक खराब होने पर पैदल धकेल रहा था तभी उसे Police ने पकड़ लिया था।

Police की जांच टीम को 50 हज़ार का इनाम

भोपाल कमिश्नर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि मूलत सतना निवासी ज्ञानेंद्र सिंह परिहार (59) यहां बी-234 शाहपुरा में परिवार के साथ रहते हैं। बड़े किसान होने के साथ ही शहर में उनके कई फार्महाउस और दुकानें हैं। परिवार में पत्नी सविता सिंह के साथ ही तीन बेटियां सोनल सिंह, डॉ. अंशुल सिंह और प्रियल सिंह हैं। सुमन सिंह शहर से बाहर गई हुई हैं। सबसे छोटी बेटी प्रियल सिंह का सोमवार को बर्थडे था, इसलिए पूरा परिवार खाना खाने के लिए होटल गया था।

Police ने 5 घंटे में सुलझाई गुत्थी

इस दौरान घर पर काम करने वाले धर्मेंद्र सिंह परिहार, उनकी पत्नी सुमन परिहार और एक नाबालिग लड़का था। सोमवार रात करीब सवा 10 बजे आधा दर्जन नकाबपोश बदमाश घर के अंदर दाखिल हुए और धर्मेंद्र और उनकी पत्नी के साथ हथौड़े से मारकर लहूलुहान कर दिया और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद नाबालिग के साथ मारपीट कर उसे दूसरे कमरे में बंद कर दिया। बाद में पूरे घर की तलाशी ली और ज्ञानेंद्र सिंह के कमरे से 50 लाख रुपये नकदी तथा 10 लाख रुपये कीमत के सोने और डायमंड के जेवरात चोरी कर भाग निकले। पुलिस की मुस्तेदी से हमने 5 घंटे में ही आरोपियों को पकड़ लिया और सारा सामान बरामद कर लिया है। जाँच में जुटे सभी पुलिसकर्मियों को 50 हज़ार के इनाम देने की अनुसंशा हुई है।