Sat. Apr 27th, 2024

विदिशा में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया पटवारी

विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के पटवारी को लोकायुक्त ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा। पटवारी जमीन के रकबा सुधारने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था।

जाने क्या है मामला

लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को विदिशा जिले की सिरोंज तहसील में पटवारी विकास जैन को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा है। जानकारी के अनुसार आवेदक रामप्रसाद कुशवाह निवासी ग्राम पारधा ने आवेदन दिया था। कुशवाह ने बताया कि उन्होंने अपने समधी माथुरालाल की खेती की जमीन के रकबे को सुधारने के लिए पटवारी से बात की। पटवारी ने उनको 10 हजार रुपयों की रिश्वत की मांग की। उन्होंने बताया कि मथुरालाल को पटवारी विकास जैन एक साल से चक्कर लगावा रहा है। और वह बिना रिश्वत के काम करने को तैयार ही नहीं था। मथुरालाल के पैर में चोट होने से ज्यादा चलने में उसे दर्द होता है। इसलिए उन्होंने रामप्रसाद कुशवाह को अपना काम कराने के लिए कहा। पटवारी विकास जैन ने रामप्रसाद से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और होली के बाद राशि लेकर आना तय किया।

एक कमरे में कर रहा था निजी कार्यालय संचालित

पटवारी ने अपने शासकीय कार्यों के लिए दिल्ली दरवाजा मोहल्ले में एक निजी कक्ष ले रखा है। इसी कक्ष में रामप्रसाद से पटवारी ने 10 हजार रुपए लिए। जहां लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। भोपाल की टीम में इंस्पेक्टर रजनी तिवारी इंस्पेक्टर नीलम पटवा, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, मुकेश सिंह, मुकेश पटेल, अवध बाथवी, संदीप सिंह शामिल थे। तिवारी ने बताया कि पटवारी ने शासकीय कार्य के लिए यह कमरा किराए पर लिया था। इस कमरे में वह अपना निजी कार्यालय संचालित कर रहा था। आरोपित पटवारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।

नाथ तो सांसद ‘बनते’ रहे पर युवाओं को सांसद बनने का मौका नहीं दिया: मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा बुधवार को नामांकन के अंतिम दिन जबलपुर, छिंदवाड़ा व बालाघाट लोकसभा प्रत्याशियों का नामांकन कराने पहुंचे थे। छिंदवाड़ा में उनके साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल व अन्य नेता शामिल हुए। सभी नेताओं के साथ प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान वह कॉन्ग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कमलनाथ पर कई तीखे कटाक्ष किए।

छिंदवाड़ा में जो आए, वहीं कुंडली मार कर बैठ गए

उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में सांसद तो बनते रहे, लेकिन कभी छिंदवाड़ा के युवाओं को सांसद बनने का मौका नहीं मिला। छिंदवाड़ा में जो आए, वहीं कुंडली मार कर ऐसे बैठ गए कि उठने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उनमें अब तो कोई दम ही नहीं है, वैसे ही बे-दम हैं। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक भाई साहब कह रहे थे कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है, ये गढ़ नहीं यहां सब गड़बड़ है, कोई बचा ही नहीं है।

13 महीने की सरकार उनकी थी और 3 महीने की सरकार हमारी है

उन्होंने कहा कि ये कहते हैं, समय नहीं मिला। 13 महीने की सरकार उनकी थी और 3 महीने की सरकार हमारी है। 3 महीने की सरकार में हमने हेलीकॉप्टर की सर्विस ली तो उसे घूमने के लिए नहीं। हमने कहा, प्रदेश के अंदर किसी भी गरीब आदमी का बच्चा, मां, बूढ़ा, बुजुर्ग बीमार है। उस हॉस्पिटल में अच्छे इलाज का इंतजाम नहीं है तो उसके लिए कलेक्टर से संपर्क करके डॉक्टर के माध्यम से बड़े से बड़े अस्पताल में ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा हमने अपनी तरफ से कराई। हमने एक और निर्णय किया। एंबुलेंस के लिए 108 मिलाओ तो एंबुलेंस दौड़ी-दौड़ी आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गो-शाला के लिए हमारी सरकार ने निर्णय किया कि कोई गाय सड़क पर तड़पते हुए पड़ी नहीं रहेगी। उसके लिए एंबुलेंस लगाएं और जो गो-शालाए चल रही है उनका अनुदान डबल कर दिया। पहले हम प्रति गाय के रूप में 20 रुपए देते थे। अब हमने उसे बढ़ाकर 40 रुपए कर दिए हैं।

होली के दिन यातायात पुलिस ने भरे कई जिंदगियों में रंग

होली के दौरान यातायात पुलिस पूरे इंदौर में सक्रिय रूप से नजर आईं। होली पर सुगम यातायात के उद्देश्य से डीसीपी यातायात अरविंद तिवारी ने पुलिस बल की ड्यूटी तय कर दी थी। चौराहों, बाजारों, चेकिंग पाइंट आदि पर पुलिस ने हुड़दंगियों पर नजर रखने के साथ जरूरतमंदों की मदद भी की।

पुलिस हमेशा मदद को है तैनात

इस दौरान कई जगह हुए हादसों में घायलों को पुलिस ने एमवाय अस्पताल पहुंचाया। इसके अलावा कुछ लोगों की इमरजेंसी स्थिति में मदद भी की। सोमवार सुबह रेडिसन चौराहे पर बाइक पर सवार मां-बेटे को एक तेज रफ्तार लोडिंग वाहन ने टक्कर मार दी। यातायात प्रबंधन का कार्य देख रहे सूबेदार अमित यादव, प्रधान आरक्षक जितेंद्र यादव, भावना, निकिता ने तत्काल मां-बेटे को उठाया। बेटे जितेंद्र को सामान्य चोट थीं, वहीं मां सुशीला के बाएं पैर की हड्डी टूट गई थी। पुलिस बल ने तुरंत एक आटो में बैठाकर एमवाय अस्पताल भेजा। दोनों का इलाज शुरू करवाकर परिजनों को सूचित किया गया। आर्थिक तंगी के चलते पुलिस ने इलाज का खर्च भी उठाया।
दूसरी घटना में शाम को पलासिया चौराहे पर गीता भवन की ओर से आ रही एक कार के बोनट में से अचानक धुंआ निकलने लगा। ड्यूटी पर तैनात निरीक्षक सीमा भण्डारी ने स्टाफ की मदद से तत्काल कार पर पानी डलवाकर उसमें बैठे बुजुर्ग पति-पत्नी को बाहर निकाला।

फर्जी CBI अफसर बन दिया ज्वाइन लेटर, अक्षय कुमार की फिल्म ‘Special 26’ की तर्ज पर की धोखाधड़ी

रियल लाइफ स्पेशल 26

अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तरह आरोपि ने पीड़त से सीबीआई में सरकारी नौकरी लगवाने का कहकर फर्जी आईडी कार्ड एंव सीबीआई का नियुक्ति पत्र बनाकर करीब डेढ़ लाख रुपए की धोखाधड़ी की।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार डोगरिया निवासी जागेन्द्र सैय्याम ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि बम्हनी निवासी वीरेन्द्र कुशराम अपने आप को सीबीआई अधिकारी बताकर मुझे व पत्नी को सीबीआई में सरकारी नौकरी लगवाने का कहकर फर्जी आईडी कार्ड एंव नियुक्ति पत्र सीबीआई के नाम का बनाकर अगले दिन नकद एंव आनलाईन के माध्यम से कुल 1,68,000 रूपये लेकर धोखाधड़ी की है। बम्हनी पुलिस टीम द्वारा आरोपित की तलास उसके निवास स्थान पर की गई। आरोपी अपने निवास से फरार हो गया था। बम्हनी बंजर पुलिस टीम के द्वारा कर आरोपित विरेन्द्र पिता कोहलू सिंह कुशराम उम्र 35 साल बम्हनी बंजर को ग्राम चमरवाही से गिरफ्तार किया है।

कई फर्जी दस्तावेज हुए बरामद

फर्जी अधिकारी के पास से शपथ पत्र, आरोपित का नियुक्ति पत्र, क्राईम कंट्रोल, भारतीय प्रशासनिक सुधार एंव जन शिकायत परिसर का आई कार्ड, नेशनल क्राइम ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन कार्ड, आरोपित का राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान खुफिया ब्यूरो कार्ड, एक सील जिसमें सुरक्षा इंवेस्टिगेशन , आरोपी की फोटो पासपोर्ट जिसमें आर्मी की वर्दी पहने हुए, नगदी 25,000/- रूपये, एक मोबाइल आरोपित के पास से बरामद किया गया है।

इंजीनियर ने प्रेम विवाह के सवा साल बाद पत्नी को मारपीट कर घर से निकाला, शादी के पहले दिखाए थे लुहावने सपने

इन्दौर में एक इंजीनियर पति ने पत्नी की पिटाई की और उसे घर से निकाल दिया। सवा साल पहले ही दोनों ने प्रेम विवाह किया था। शादी के सवा साल बाद उसने पत्नी से मारपीट शुरु कर दी और दहेज में लाखों की डिमांड करने लगा।राजेंद्र नगर थाना पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया है।

मायके से 10 लाख लेकर आना, तभी घर में जगह मिलेगी

पत्नी ने आरोप लगाया कि इंजीनियर ने प्रेम विवाह के सवा साल बाद 10 लाख रुपये मांगे। दहेज के लिए पत्नी को घर से तक निकाल दिया, उसके साथ मारपीट की। राजेंद्र नगर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। राजेंद्र नगर थाना पुलिस के अनुसार महू की रहनेवाली रोशनी की शिकायत पर यह केस दर्ज किया गया है। रोशनी ने आरोप लगाया कि पति और सास दहजे के लिए मारपीट करते हैं। वे 10 लाख रुपए मांग रहे हैं। एक दिन पति ने पिटाई कर उसे घर से ही निकाल दिया। इस मामले में पुलिस ने धन्वंतरि नगर निवासी इंजीनियर मयंक गंधे पर केस दर्ज कर लिया है।

शादी के पहले मयंक ने किए थे खूब लुभावने वादे

रोशनी का कहना है कि शादी के पहले मयंक ने उसे खूब लुभावने वादे किए लेकिन बाद मे अपनी औकात पर उतर आया। मयंक और उसकी मां मुझे दहेज के लिए परेशान करने लगे। मारपीट भी करने लगे। अब यह कहा है कि 10 लाख रुपये लेकर ही घर आ सकेगी। शादी के बाद रोशनी और मयंक राजेंद्र नगर स्थित शुभम रेसीडेंसी में रहने लगे थे।

क्या लोकसभा चुनाव लड़ने में नेताओं की दिलचस्पी नहीं?जानिए क्यों हो रहा कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आने में विलंब

आगामी लोकसभा के चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाने का क्रम शुरू हो गया है, लेकिन कांग्रेस अब तक सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। बड़ी वजह पार्टी के भीतर दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ाने को लेकर छिड़ा संग्राम है बताया जा रहा है। राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस को 28 पर उम्मीदवार तय करना है। एक खजुराहो संसदीय सीट आपसी समझौते में समाजवादी पार्टी को दी गई है इन 28 सीटों में से कांग्रेस 10 पर ही उम्मीदवार तय कर पाई है और उसे अभी 18 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का फैसला करना है।

लोकसभा चुनाव लड़ने में नेताओं की दिलचस्पी नहीं

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के पास जमीनी स्तर से जो फीडबैक आया है उसके मुताबिक, दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव, उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह, प्रियव्रत सिंह, जीतू पटवारी, विवेक तंखा जैसे नेताओं के चुनाव लड़ाने की बात कही गई है। वहीं इन नेताओं में से कई ऐसे हैं जो कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव लड़ने में उनकी दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेस के अंदर दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ाने को लेकर चल रहे मंथन और दिग्गजों द्वारा चुनाव लड़ने में की जा रही आनाकानी के चलते ही उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। खबरें हैं कि कई वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

कुछ विधायकों को भी मैदान में उतारा जा सकता है

कांग्रेस कुछ विधायकों को भी मैदान में उतारने का मन बना रही है। संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि कांग्रेस हाई कमान दिग्गज नेताओं से सीधे बात करेगा और उसके बाद ही केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक में नामों पर मुहर लगा सकती है।

कमलनाथ के करीबी सैयद जाफर ने छोड़ी कांग्रेस, लोकसभा चुनाव से पहले करीब पांच हजार बड़े-छोटे नेताओ ने थामा बीजेपी का दामन

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की स्थिति दिनों दिन खराब ही होती जा रही है। खासकर छिंदवाड़ा में कमलनाथ के कट्टर समर्थक अब उनसे एक-एक कर दूर जा रहे हैं। इसी बीच कमलनाथ के कट्टर समर्थक और उनकी बातों को प्रमुखता से रखने वाले सैयद जाफर ने भी उनके दर्जन भर से अधिक समर्थकों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।

छिंदवाड़ा में कमलनाथ को बड़ा झटका

सैयद जाफर के पार्टी छोड़ने से छिंदवाड़ा में कमलनाथ को बड़ा झटका लग सकता हैं, दरअसल सैयद जाफर छिंदवाड़ा से ही आते हैं। उनकी गिनती कमलनाथ के वफादारों में होती थी। वह कमलनाथ के साथ मुस्तैदी से खड़ा रहते थे। कई बार जब कमलनाथ को लेकर अटकलें लगती थीं कि वह खंडन भी करते थे। अब सैयद जाफर ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। यह छिंदवाड़ा में कमलनाथ के लिए बड़ा झटका है। सैयद जाफर ने भोपाल में सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। दरअसल, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस नेता सैयद जाफर, पथरिया के वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिनेश श्रीधर, कांग्रेस महामंत्री डॉ. मनीषा दुबे, रतलाम जिला पंचायत सदस्य संतोष पालीवाल, बसपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. रामसखा वर्मा, पूर्व प्रचारक अभयराज सिंह समेत दर्जनों नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है। इस अवसर पर बीजेपी नेताओं ने अंगवस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया है।

क्या कहा वीडी शर्मा ने

कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों पर भरोसा जताया है। इसके बाद पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। गौरतलब है कि एमपी में कांग्रेस की जब से हार हुई है, उसके बाद से पार्टी नेताओं का छोड़ना जारी है। लोकसभा चुनाव से पहले करीब पांच हजार बड़े और छोटे नेताओ में भाजपा का दामन थाम लिया है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस के एक राज्यसभा सांसद ने छोड़ी पार्टी, इस पार्टी को ज्वाइन

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने 16 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है की अजय प्रताप सिंह लोकसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। अब उनके निर्दलीय चुनाव लडने की संभावना है।

आख़िर क्यों छोड़नी पड़ी पार्टी?

अजय प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा शेयर किया है। उन्होंने सभी संगठनों को समाज का प्रतिनिधित्व की भावना में विश्वास रखने की सलाह दी। उन्होंने यह कहकर पार्टी छोड़ दी है कि यहां सभी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है।

वह सीधी में बीजेपी के घोषित उम्मीदवार से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल अजय प्रताप सिंह सीधी लोकसभा सीट से बीजेपी से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन बीजेपी ने सीधी लोकसभा सीट से डॉ राजेश मिश्रा को टिकट दिया है। अजय सिंह 2018 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। फिलहाल उन्होंने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा है।

मैं जातिगत राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं: अजय सिंह

इस्तीफा देने के बाद अजय सिंह ने कहा, ”राजनीति मेरे लिए सेवा का माध्यम है, धन अर्जन का माध्यम नहीं, लेकिन अब परिस्थितियां ऐसी बन गई है कि मेरा बीजेपी में रुकना ठीक नहीं है। इसलिए मैं अब पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। ‘मैं जातिगत राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं, लेकिन लोकतंत्र में सभी जातियों की भागीदारी हो। मैं इसपर विश्वास रखता हूं।

सभी दलों को भी इसका पूरा ख्याल रखना चाहिए।” उनसे पूछा गया कि आखिर वो किस बात से नाराज हैं तो उन्होंने कहा कि बहुत विषय हैं। बातें लंबे समय से चल रहे है। प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल रहे हैं।

अब मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारी बनने के लिए पढ़ना होगा जनजातीय विकास के बारे में, एमपीपीएससी ने अपने सिलेबस में किया बदलाव

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जनवरी में नए सिलेबस को जारी किया था। इसके अनुसार मप्र में अब यदि अधिकारी बनना है तो फिर यहां के जनजातीय समाज को बेहतर तरीके से समझना होगा। मप्र की 21 प्रतिशत आबादी जनजातीय श्रेणी में आती है। जनजातीय संस्कृति,महापुरुष, साहित्य आदि को सिलेबस में शामिल किया गया है।

Mppsc प्री और मेन्स दोनों में ही जनजातीय समाज को महत्व

चूंकी प्रदेश की 21% जनसंख्या इस श्रेणी में आती है। इसलिए इसे विशेष ध्यान में रखते हुए नया सिलेबस बनाया गया है। स्टूडेंट्स सिलेबस में जनजातीय वर्ग की बेहतर जानकारी रखेंगे तो भविष्य में अधिकारी बनने पर उन्हें मैदान में काम करने में आसानी होगी।

आयोग ने जनवरी 2024 में नए सिलेबस को जारी किया था। इसके अनुसार मप्र में अब यदि अधिकारी बनना है तो फिर यहां के जनजातीय समाज को बेहतर तरीके से समझना होगा। एमपीएससी प्री और मेन्स दोनों में ही जनजातीय समाज को बहुत अधिक महत्व दिया गया है।

क्या जुड़ा नए सिलेबस में ?

नए सिलेबस में प्री में पूरा एक चैप्टर ही जनजातीय समाज पर है वहीं अन्य चैप्टर में जनजातीय विषयों को जोड़ा गया है। इसमें जनजाति समाज की बोलियां, प्रमुख व्यक्तित्व, विरासत, लोकसंस्कृत्ति, लोक साहित्य, भौगोलिक विस्तार, संवैधानिक प्रावधान, विशेष जनजातियां, साहित्य, स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका, लोक संस्कृति जैसे कई पहलू शामिल किए गए हैं।

वहीं मेन्स के पहले प्रश्नपत्र में इतिहास और भूगोल है। इसमें मप्र के जनजातीय नायकों के संघर्ष और इतिहास का अलग पूरा चैप्टर रखा गया है। इसी तरह विविध उनके संवैधानिक प्रावधान, उनकी भूमिका जैसे चैप्टर भी सिलेबस में जोड़े गए है।

ड्यूटी के दौरान आरक्षक ने सरकारी रायफल से की खुदख़ुशी, पुलिस तलाश कर रही करण

दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना में ड्यूटी के दौरान आरक्षक ने सरकारी राइफल से गले में खोली मारकर आत्महत्या कर ली। थाने में मौजूद पुलिसकर्मी और अन्य लोग खून से लथपथ आरक्षक को अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना से इंदरगढ़ थाने में सनसनी फैल गई है। मामले की जींच की जा रही है।

आत्महत्या के कर्म का नहीं हो पाया खुलासा

मामला दतिया के इंदरगढ़ थाने का है। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अफसर पहुंचे। आरक्षक के शव को अस्पताल ले लाया गया। आरक्षक ने आत्महत्या क्यों की? कारण का पता लगाने पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार यह घटना गुरुवार सुबह 7:00 बजे की है। जब इंदरगढ़ थाने में पदस्थ आरक्षक विवेक शर्मा पहरे की ड्यूटी पर तैनात था और अपनी शासकीय राइफल बंदूक लेकर ड्यूटी कर रहा था। आरक्षक विवेक शर्मा ने एकाएक अपने आप को गोली मारकर खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया। बंदूक से चली गोली आरक्षक विवेक शर्मा की गले में लगी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इंदरगढ़ पुलिस जब तक अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टर ने मृत्य घोषित कर दिया। आरक्षक विवेक शर्मा ग्वालियर के निवासी हैं एवं उनकी दतिया में पोस्टिंग थी और वे विभिन्न स्थानों में पदस्थ रहकर सेवाएं दे रहे थे। वर्तमान में इंदरगढ़ थाने में पदस्थ थे।