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Result – राज्य शिक्षा केंद्र ने 5वीं और 8वीं का रिजल्ट किया जारी, जानिए संभावार परिणाम

इंदौर | राज्य शिक्षा केंद्र मध्य प्रदेश (आरएसकेएमपी) ने को एमपी बोर्ड कक्षा 5वीं, 8वीं के नतीजे घोषित कर दिए। पिछले साल, कक्षा 5 की परीक्षा में कुल 11,79,883 छात्र उपस्थित हुए थे। जिसमें 9,70,701 छात्र उत्तीर्ण हुए। जबकि, कक्षा 8 की परीक्षा में 10,66,405 छात्र उपस्थित हुए और 8,11,433 उत्तीर्ण हुए। आप अपना रिजल्ट rskmp.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकेंगे।

कक्षा 5वी का रिजल्ट संभागवार

भोपाल संभाग में 90.18% बच्चे पास हुए. चंबल में 94.22, ग्वालियर में 9114, इंदौर में 94.31, जबलपुर 93.99, नर्मदापुरम 93.94, रीवा 89.12, सागर में सबसे कम 83.36, शहडोल में सबसे अधिक 94.74, उज्जैन संभाग में 88.21 बच्चे हुए पास हुए।

कक्षा 8वी का रिजल्ट इंदौर संभाग का रहा सबसे अधिक

भोपाल डिवीजन में 88.77%, चंबल में 90.28, ग्वालियर में 88.33, इंदौर में सबसे अधिक 92.80, जबलपुर 90.46, नर्मदापुरम 90.59, रीवा 83.79, सागर में सबसे कम 78.29, शहडोल 87.63, उज्जैन संभाग में 86.64% बच्चे पास हुए.

UPSC रिजल्ट 2023 में MP की बेटियों ने रचा इतिहास

यूपीएससी 2023 का फाइनल रिजल्ट घोषित हो गया है। इस बार मप्र की दो बेटियों ने टॉप 20 में जगह बनाई है। छोटे से गाँव मोरखा के रहने वाले शुभम ने 556वी रेंक हासिल की है, जबलपुर की स्वाति की 15वीं रैंक है।

इंटरव्यू में पूछा इंदौर को कैसे स्वच्छता में पीछे कर सकते हैं

इंदौर की रहने वाली अनुष्का शर्मा ने 20वी रैंक हासिल की है। उन्होंने तीसरी कोशिश में सफलता प्राप्त की है। अनुष्का ने बताया कि इंटरव्यू के समय पैनल ने इंदौर स्वच्छता में नम्बर 1 क्योँ है? और इसे कैसे पीछे कर सकते हैं? सवाल पूछे थे।

आईएस छोटे सिंह की बेटी छाया का भी हुआ चयन

राजस्व मंडल ग्वालियर में पदस्त अपर आयुक्त छोटे सिंह की बेटी छाया सिंह ने आखिरी प्रयास में 65वीं रैंक प्राप्त की है। इन्हीं के साथ भोपाल के रहने वाले दो सगे भाइयों डॉ सचिन गोयल को 209वी और समीर गोयल को 222वी रैंक मिली है।

आदिवासी बाहुल्य जिले के शुभम को भी सफलता

बैतूल जिले के छोटे से गाँव मोरखा के रहने वाले शुभम ने भी यूपीएससी में 556वी रैंक हासिल की है।
शुभम ने लॉ की पढ़ाई के साथ-साथ सिविल सेवा की भी तैयारी शुरू कर दी थी। उनके पिता भी वकील हैं और माता सरकारी टीचर। उनकी सफलता से पूरे गांव में जश्न का माहौल है।

सब इंस्पेक्टर की बेटी ने प्राप्त की 485वीं रैंक

सतना जिले में पदस्थ सब इंस्पेक्टर विजय सिंह कुशवाह की बेटी काजल सिंह ने प्रथम प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर 485वीं रैंक हासिल की है। काजल सिंह ने बताया कि अभी कुछ कमी रह गई है, उनका उद्देश्य यूपीएससी टॉप 10 में आकर आईएएस अधिकारी बनना है। इसके लिए वो पुनः प्रयास करेंगी।

मप्र से 31 अभियर्थियों का हुआ है चयन

अयान जैन-16वीं रैंक-भोपाल
तेजस अग्निहोत्री-37वीं रैंक-भोपाल
छाया सिंह-65वीं रैंक-भोपाल
मान्या-84वीं रैंक- ग्वालियर
आयुषी बंसल-97वीं रैंक-ग्वालियर
आकाश अग्रवाल-105वीं रैंक-भोपाल
मनोज कुमार-120वीं रैंक-सागर
कुलदीप पटेल-181वीं रैंक-छतरपुर
सचिन गोयल-209वीं रैंक-भोपाल
माधव अग्रवाल-211वीं रैंक-ग्वालियर
आराधना चौहान- 251 वीं रैंक, इंदौर
समीर अग्रवाल-222वीं रैंक-भोपाल
रीजू श्रीवास्तव-227वीं रैंक-भोपाल
अर्नव भंडारी-232वीं रैंक-भोपाल
जिज्ञासु अग्रवाल-326वीं रैंक-जबलपुर
क्षीतिज आदित्य शर्मा-384वीं रैंक-भोपाल
आदित्य धोहार-603वीं रैंक-भोपाल
मैत्रिय कुमार शुक्ला-633वीं रैंक-सीधी
मानव जैन-634वीं रैंक-गुना
साक्षी दुबे-654वीं रैंक-सागर
प्रजावल चौरसिया-694वीं रैंक-छतरपुर
नितिन चंद्रोल-700वीं रैंक-मंडला
वैभव राठौर-717वीं रैंक-भिंड
नीरज धाकड़-747वीं रैंक-मुरैना
अंकेश वर्मा-813वीं रैंक-रीवा
भारती साहू-850वीं रैंक-भोपाल
नीलेश-916वीं रैंक-होशंगाबाद
चंद्रशेखर मेहरा-947वीं रैंक-नरसिंहपुर
नीरज सोनगरा-964वीं रैंक-भोपाल
वेदिका बंसल- 96 वीं रैंक, रीवा
माही शर्मा-106 वीं रैंक, धार

प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों पर लगातार लगाम लगा रही मोहन सरकार, CM बोले स्कूलों की नहीं चलेगी मनमानी

सीएम डॉ मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिवाकों पर विशेष दुकान से पुस्तकें और यूनिफॉर्म खरीदने पर कोई बाध्यता नहीं रहेगी। ऐसा करने वाले प्रदेश के स्कूलों पर कार्यवाही कि जाएगी।

Uniform और पुस्तकों के नाम पर लुट होगी बंद

सीएम ने कहा कि नए शिक्षण में सत्र किसी विशेष दुकान से पुस्तक और यूनिफॉर्म लेने की बाध्यता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रही लूट अब नहीं होने देंगे इसीलिए हमारी सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। वे अपनी मर्जी की दुकान से कॉपी-किताब और गणवेश खरीद सकेंगे और किसी विशेष दुकान से इसे खरीदने की बाध्‍यता नहीं होगी। साथ ही उन्‍होंने अपने एक्‍स हैंडल पर निजी विद्यालयों में किताबों व गणवेश के नाम पर हो रही लूट को खत्म करने की बात कही है।

MP में नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी, सरकार को देनी होगी फीस की जानकारी

फीस, पाठ्यक्रम, यूनिफॉर्म, किताब और कॉपी कि सूची को 31 मार्च तक माध्यमिक शिक्षा मंडल को उपलब्ध कराने का फरमान सभी निजी स्कूलों के लिए जारी कर दिया गया है।

भोपाल माध्यमिक शिक्षा मंडल: प्रदेश में आए दिन प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही की शिकायतें मिलती रहती हैं। जिस पर रोक लगाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कड़े कदम उठाए हैं। शिक्षा मंडल के जारी आदेश में कहा गया है कि 31 मार्च तक प्रेदेश के सभी निजी स्कूलों को फीस, अन्य शुल्क, यूनिफॉर्म, किताबों की सूची अपने जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी।

31 मार्च तक दे सकते हैं जानकारी

भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक अरविंद कुमार चौरगड़े ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि जिले में सभी माध्यमिक शिक्षा मंडल के निजी स्कूल, सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के स्कूल प्री-प्रायमरी, पहली से लेकर 12वीं कक्षा में चलाई जाने वाली किताबें व कापियों की सूची व यूनिफार्म की जानकारी 31 मार्च तक उपलब्ध कराएं।

जानकारी स्कूल वेबसाइट पर भी डालना जरुरी

जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करते हुए स्कूल की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाए जानकारी। इसकी एक सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (डीइओ) में भी मंगवाएं।

संयुक्त संचालक अरविंद कुमार ने कहा स्कूलों की मनमानी के कारण कदम उठाए हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी एक विक्रेता का एकाधिकार न हो। साथ ही जिन स्कूलों ने बिना पाठ्यक्रम परिवर्तित किए हुए, पिछले वर्ष की प्रचलित किताबों व प्रकाशकों को परिवर्तित किया है।

चार माह से अतिथि शिक्षकों को नहीं मिल रही सैलरी, कर्ज लेकर घर चलाने को मजबूर

विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना करने की बात कही गई थी। लेकिन चुनाव के बाद मानदेय दोगुना मिलने की वजह पिछले 4 महीने से वर्तमान मानदेय भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों की अर्थिक हालत बेहद खराब है। पिछले चार महीने से प्रदेश के अतिथि शिक्षकों की सैलरी नहीं आयी है। जिसके कारण कई अतिथि शिक्षक कर्ज और ब्याज से पैसे लेकर अपना गुजारा करने को मजबूर हैं। इसको लेकर शिक्षकों ने प्रशासन से शिकायत भी की भी लेकिन इसके बाबजूद शिक्षको कोई मदद नहीं मिली है।

कर्ज लेकर घर चलने को मजबूर

शहर के अतिथि शिक्षको की भी माली हालत काफी ख़राब है। वर्तमान में शहर में 786 कार्यरत है। शिक्षक शिशुपाल कलावत ने बताया, पिछले 4 महीने से वेतन न मिलने के कारण आर्थिक हालत काफी खराब है। जिसके कारण घर का खर्च चलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बलवान सिंह साहू ने बताया, हमें चुनाव के पहले वेतन दोगुना करने की बात कही गयी थी लेकिन हम दोगुना छोड़ो हमें हमरा पुराना वेतन ही नहीं मिल रहा है। जिसके कारण हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमें हमारा खर्चा दूसरों से उधार लेकर चलाना पड़ रहा है।

गाडी से साइकिल पर आए

वही दीपक शर्मा ने बताया, सरकार हमसे बराबर काम ले रही है टाइम पर स्कूल बुला रही है। टाइम पर स्कूल में पढ़वा रही है, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा। सरकार ने वादा किया था कि वेतन वृद्धि करेंगे, लेकिन वृद्धि तो ठीक है हमको पुराना वेतन ही नहीं मिल पा रहा। हम लोग बहुत आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। हम और हमारा परिवार बहुत परेशान है।

सोनू रघुवंशी ने बताया, तनख्वाह नहीं मिलने के कारण अर्थिक तंगी काफी खराब हो गई है। पहले गाड़ी से हम स्कूल जाते थे लेकिन अब पेट्रोल के पैसे न होने के कारण मुझे साइकिल से स्कूल जाना पड़ रहा है। इसके अलावा बच्चों की परीक्षा सिर पर है। लेकिन स्कूल की फीस भरनी है लेकिन समझ नहीं आ रहा है फीस कैसे भरे। वही शहर के शासकीय स्कूल में पढ़ा रहे शासकीय शिक्षक ने बताया, कि हमने सैलरी न मिलने की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से भी की और अन्य अधिकारियों से की। लेकिन इसके बाबजूद हमें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही है।

इंदौर में 2 लाख 40 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स की नहीं आयी स्काॅलरशिप, स्कूल प्रबंधन और शिक्षा की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स

सरकारी स्कूलों के जिम्मेदारों की लापरवाही और पोर्टल के सही तरीके से काम नहीं करने के चलते इंदौर जिले के 2.40 लाख से अधिक विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप अटक गई है। 2023-24 का सत्र खत्म होने को है और अब तक पहली से 12वीं तक के आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स के खातों में एक रुपए भी स्कॉलरशिप के जमा नहीं हुए हैं। जबकि सरकार इसके लिए 17 लाख 77 हजार रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत भी कर चुका है। विभागीय लापरवाही और तकनीकी खामी के चलते छात्रों के परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कॉलरशिप के लिए कागजी प्रक्रिया फरवरी की शुरुआत तक पूरी होना थी, जो अब भी अधूरी है। अब 15 मार्च अंतिम तिथि बताई गई है। यदि इस तारीख तक सभी की जानकारी पूरी नहीं दी जाती है तो सभी की स्काॅलरशिप अटक जाएगी।

नए पोर्टल पर नहीं बन रही प्रोफाइल

9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए इस साल प्रदेश सरकार ने टीएसएस पोर्टल (एमपी ट्राइबल अफेयर्स एंड शेड्यूल कास्ट वेलफेयर ऑटोमेशन सिस्टम) बनाया है। इस पर एक बार अकाउंट बनाने के बाद हर साल छात्रों को अकाउंट नहीं बनाना होगा। लेकिन इस नए पोर्टल पर जिले के 9वीं से 12वीं तक के 47 हजार 111 स्टूडेंट्स में से महज 19 हजार 463 की ही प्रोफाइल बनी है। सिर्फ 10 हजार 566 ने स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया है। उनमें भी विभाग ने 9 हजार 478 प्रोफाइल वेरिफाई कर अप्रूव्ड किया है।

समग्र पोर्टल नहीं कर रहा काम

1 से 8वी तक स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप समग्र पोर्टल अपडेट हो रही हो, लेकिन उनकी स्कॉलरशिप की प्रक्रिया भी बेहद धीमी है। पोर्टल पर 2 लाख 28 हजार 518 की प्रोफाइल अप्रूव्ड हो सकी है। लेकिन उनके खाते में अब तक कोई पैसा ट्रांसफर नहीं हो सका है।

स्कूलों की लापरवाही भी बड़ी वजह

स्कॉलरशिप नहीं मिलने के पीछे बड़ी वजह सरकारी स्कूलों की लापरवाही है। कई छात्रों के खाते नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से नहीं जोड़े गए हैं। कुछ खाते पुराने और लेनदेन न होने कारण बंद हैं। वहीं किसी के समग्र आईडी, जाति प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड में जन्मतिथि का नहीं मिलाना नहीं किया गया है। स्कूलों की जिम्मेदारी है कि बैंकों से समन्वय कर खातों को लिंक कराएं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया ।

वही इसको शहर के जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने कहा कि पोर्टल नहीं चलने के कारण स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप अटकी हुई है। कई स्कूलों ने समय पर दस्तावेज भी पूरे नहीं किए गए, उससे भी देरी हो रही है। इसे लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। भोपाल से स्वीकृति मिलते ही जल्दी स्टूडेंट्स के खातों में स्कॉलरशिप की राशि डाली जाएगी।

ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आईएमए (इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन) का दो दिवसीय इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव

आईएमए (इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन) ने शुक्रवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय इंटरनेशनल मैनेजमेंट कॉन्क्लेव की शुरुआत की। इसमें देश के प्रमुख कॉर्पोरेट दिग्गजों ने India Power की जरूरी जानकारियां दी। और कई नई और अनोखी बाते बताई।

अपनी असली पहचान को समझें

उद्घाटन भाषण में आईआईएम इंदौर के निर्देशक डॉ. हिमांशु राय ने भारत के आशाजनक भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने अत्तियाधिक कुशल कार्यबल के साथ भारत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की भविष्यवाणी की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कुशल कार्यबल में वैश्विक नेता बनेगा और मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन जल्द पूरा कर लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि खुद की खोज करें। अपनी असली पहचान को समझें। अपनी पहचान को अपने पदनाम से जोड़ना खतरनाक है। कभी पद के मोह में ना रहें।

अंतरिक्ष एक किशोर के प्रेम की तरह

कर्मवीर चक्र पुरस्कार विजेता और विश्व के सबसे युवा रॉकेट वैज्ञानिक डॉ. जतिन वाहने ने कहा कि रॉकेट साइंस के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण नियम सावधानी बरतना है। यह पहचानना कि गलतियां करना, सीखने की प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा है। आप 99 बार फेल होंगे लेकिन आप करते रहेंगे। उन्होंने कहा अंतरिक्ष एक किशोर के प्रेम की तरह है। कोई नहीं जानता कि क्या हो रहा है या आगे क्या होगा पर वह कार्य किया जा रहा है।

हमेशा सीखते रहना चाहिए

ग्लोबल सीएक्सओ और प्रतिष्ठित बोर्ड निदेशक एम बालासुब्रमण्यम ने तेजी से विकसित हो रही दुनिया में रोजगार और निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। भारत की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने में छात्रों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्ष भारतीय परिदृश्य के परिवर्तन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एआई और तकनीक की शुरूआत के संबंध में व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सीखते रहना जरुरी है।

सेन्ट मार्टिन स्कूल के विद्यार्थी ने जेईई की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर किया नगर का नाम रोशन

सेंट मार्टिन स्कूल की एक और बड़ी उपलब्धि

बड़नगर। सेन्ट मार्टिन स्कूल के छात्र आदित्य पुरोहित ने देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित मानी जाने वाली IIT&JEE प्रीलिम्स की परीक्षा में 95.30 प्रतिशत अंक लाकर सफलता हासिल करते हुए एडवांस लेवल हेतु पात्रता प्राप्त कर ली है। यह बड़नगर और सेन्ट मार्टिन स्कूल के लिए बड़े ही गौरव की बात है। बता दें कि नयापुरा निवासी डॉक्टर जयनारायण पुरोहित व निर्मला पुरोहित के पोत्र एवं चेतन पुरोहित व सोनम पुरोहित के पुत्र आदित्य पुरोहित कक्षा नर्सरी से ही सेन्ट मार्टिन स्कूल के नियमित छात्र रहे हैं व आदित्य ने अपनी परीक्षा की तैयारी विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही कर सफलता प्राप्त की है। आदित्य की इस शानदार सफलता पर विद्यालय के डायरेक्टर जॉर्ज सर, प्राचार्य जेनेट जॉर्ज तथा विद्यालय परिवार ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।

स्कूलों में सप्ताह में एक दिन ‘नो’ बैग डे, होमवर्क के लिए भी समय तय

मध्य प्रदेश सरकार में स्कूली बच्चों के बैग के वजन को कम करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने स्कूल बैग पॉलिसी-2020 का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार स्कूल को सप्ताह में एक दिन बिना बैग के स्कूल बुलाना होगा। और दूसरी कक्षा तक के बच्चों को होम वर्क नहीं दिया जाएगा। ये दिशा निर्देश सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होंगे।

बच्चों के बैग का वजन फिक्स

इस पॉलिसी के अनुसार पहली और दूसरी कक्षा में बच्चों के बैग के अधिकतम वजन की सीमा 2.2 किलो से ज्यादा नहीं होगी। तीसरी से पांचवी कक्षा तक अधिकतम वजन सीमा ढाई किलो, छठी और सातवीं कक्षा के लिए अधिकतम तीन किलो, छठी और सातवीं कक्षा के लिए अधिकतम तीन किलो, आठवीं कक्षा के लिए चार किलो, 9वीं और 10वीं के लिए साढ़े चार किलो और 11वीं और 12वीं के बैग के वजन की सीमा प्रबंधन समिति तय करेगी। वे हर तीन माह में स्कूलों में औचक निरीक्षण कर जांच भी करेंगे। इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं होने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी

गाइडलाइन चस्पा करना अनिवार्य

स्कूलों को अभिभावकों को भी बैग पॉलिसी की जानकारी देना होगी। इसके साथ ही होमवर्क के लिए भी समय तय किया गया है। स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार स्कूल को तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों को सप्ताह में सिर्फ दो घंटे, छठी से आठवीं तक के बच्चों को प्रतिदिन एक घंटे और नौवीं से 12 वीं तक विद्यार्थियों को प्रतिदिन सिर्फ दो घंटे का होमवर्क दिया जा सकेगा। जारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूलों को बैग पॉलिसी के निर्देशों को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगा। साथ ही अभिभावकों को भी बैग पॉलिसी की जानकारी देना होगी। जारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूलों को बैग पॉलिसी के निर्देशों को नोटिस बोर्ड पर चस्पा भी करना होगा।

जानिए कब आएगा एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा का परिणाम, कैसे चेक कर सकेंगे रिजल्ट

मध्यप्रदेश में इस साल कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र छात्राओं के लिए जरूरी सूचना है। अभी परीक्षाएं खत्म भी नहीं हुई हैं और माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एमपी बोर्ड रिजल्ट 2024 डेट की जानकारी दे दी है। आप मंडल की वेबसाइट mpbse.nic.in पर नतीजे चेक कर पाएंगे।

करीब 2500 से 3000 रोज चेक होगी

काॅपी 22 फरवरी से काॅपी चेक करने की प्रक्रिया शुरू होगी। बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन, मध्यप्रदेश (MPBSE) ने हर दिन करीब 2500 से 3000 उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का लक्ष्य तय किया है। कॉपियों की जांच पूरी होते ही छात्रों को मिले नंबर एमपी बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड होंगे। फिर उसके आधार पर एमपी बोर्ड परीक्षा परिणाम 2024 तैयार किया जाएगा।

15 अप्रैल तक आ जाएगा रिजल्ट

एमपबीएसई ऑफिशियल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के नतीजे घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल बोर्ड ने 15 अप्रैल 2024 के आसपास मध्यप्रदेश क्लास 10, 12 रिजल्ट की घोषणा किए जाने की बात कही है। परिणाम आने के बाद उसे चेक करने के लिए ऑनलाइन लिंक एक्टिव किया जाएगा। आप mpbse.nic.in/results पर जाकर अपने मार्क्स चेक कर पाएंगे।