Wed. Oct 16th, 2024

फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर बांट रहा पैन कार्ड, पुलिस ने जाल बिछाकर पकड़ा

जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में एक बड़े धोखाधड़ी रैकेट का खुलासा हुआ है, जहां एक शातिर ठग खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर ग्रामीणों को फर्जी पैन कार्ड के जरिए ठगी कर रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस आरोपी को धर दबोचा है।

गांव के संतकुमार सनोडिया की शिकायत से हुआ भंडाफोड़

बंडोल थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदग्वार निवासी संतकुमार सनोडिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके गांव में एक व्यक्ति खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर फर्जी पैन कार्ड बांट रहा है। जब उसका नाम पूछा गया, तो उसने अपना नाम निवेश कुमार सुपले बताया, जो कान्हीवाड़ा के कामता थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

फर्जी पैन कार्ड से हो रही थी ठगी

निवेश कुमार सुपले गांव के लोगों को पैन कार्ड के महत्व के बारे में गुमराह कर पैसे ऐंठ रहा था। उसकी चाल का पर्दाफाश तब हुआ, जब उसके द्वारा दिए गए पैन कार्ड की जांच मोबाइल पर की गई और वे नकली पाए गए। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

त्वरित कार्रवाई में पकड़ा गया आरोपी

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने संतकुमार सनोडिया द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर आरोपी निवेश कुमार सुपले को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि वह काफी समय से इस धोखाधड़ी में लिप्त था।

पुलिस को मिला बड़ा सबूत

पुलिस ने आरोपी के घर से एक लैपटॉप, प्रिंटर मशीन, लेमिनेशन मशीन, 88 फर्जी पैन कार्ड, 4100 रुपये नकद और एक बाइक बरामद की है। आरोपी अपने घर पर ही लैपटॉप के जरिए फर्जी पैन कार्ड बनाता था और उन्हें प्रिंट करके लेमिनेशन कर लोगों को बेचता था। वह लोगों को सरकारी कामों में इन पैन कार्डों की जरूरत का झूठा भरोसा दिलाकर उनसे पैसे वसूलता था।

लोगों से सावधानी बरतने की अपील

पुलिस का दावा है कि आरोपी लंबे समय से इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था और उसने कई लोगों को ठगा है। पुलिस ने सभी लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति से सावधान रहें और अगर उन्हें किसी भी तरह की धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इस घटना से साफ है कि ठग लोगों को गुमराह करने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए जनता को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

KYC के लिए आया काॅल और उड़ गए 1.72 लाख रुपये, अब पुलिस कर रही जांच

सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले दिनकर जैन साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने KYC अपडेट के बहाने उनके बैंक खाते से 1 लाख 72 हजार रुपये उड़ा लिए। इस मामले की शिकायत उन्होंने एसपी कार्यालय में दर्ज कराई है।

व्हाट्सएप पर आया KYC का संदिग्ध मैसेज

दिनकर जैन को 12 अक्तूबर 2024 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नाम से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला, जिसमें KYC अपडेट करने का अनुरोध था। इस मैसेज में एक मोबाइल नंबर (9110597513) दिया गया था, साथ ही एक Apk फाइल भी भेजी गई थी।

एप डाउनलोड कर की जानकारी साझा

मैसेज पर विश्वास करते हुए दिनकर जैन ने Apk फाइल को डाउनलोड किया। जब उन्होंने इस फाइल को खोलने के बाद दिए गए लिंक पर क्लिक किया, तो एक एप इंस्टॉल हो गया। इस एप में उनसे डेबिट कार्ड और पिन की जानकारी मांगी गई, जिसे उन्होंने भर दिया। जानकारी भरते ही उनके बैंक खाते से 1 लाख 72 हजार रुपये काट लिए गए।

पुलिस कार्रवाई की मांग

ठगी का शिकार होने के बाद दिनकर जैन ने तुरंत एसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि ठगों को पकड़कर उन्हें न्याय दिलाया जाए और उनके खोए हुए पैसे वापस दिलवाए जाएं।

साइबर ठगी से बचने के उपाय

आजकल फिशिंग ई-मेल, फेक कॉल और फर्जी वेबसाइट के जरिए KYC अपडेट करने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि कोई भी संदिग्ध लिंक या एप डाउनलोड न करें और अपनी बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें। बैंक कभी भी व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिए KYC अपडेट करने के लिए नहीं कहते हैं।

नवरात्रि महापर्व में महिलाओं की आत्मरक्षा की अनूठी पहल, गरबा पंडाल में केंद्रीय मंत्री ने लडकियों को बांटी तलवार

मां शक्ति की उपासना के महापर्व नवरात्रि के अवसर पर धार जिले के कई गरबा पंडालों में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से एक आयोजन ने सोशल मीडिया पर खासा ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री सावित्री ठाकुर महिलाओं और बेटियों को तलवारें भेंट करती नजर आईं। इस आयोजन का आयोजन ‘मां त्रिपुरा सुंदरी गरबा उत्सव सेवा समिति’ की ओर से धारेश्वर मंदिर के प्रांगण में पिछले 15 वर्षों से किया जा रहा है। इस उत्सव में सैकड़ों महिलाएं और बालिकाएं भाग लेती हैं। केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा, “नारी शक्ति अबला नहीं है। हमें अत्याचारों का सामना करने और उन पर काबू पाने का साहस रखना चाहिए।”

शौर्य का प्रतीक तलवारें

इस विशेष कार्यक्रम के तहत, महिलाओं और बालिकाओं को तलवारें भेंट की गईं। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर महिलाएं महारानी लक्ष्मीबाई और मां दुर्गा का रूप धारण कर अपने दुश्मनों का सामना कर सकती हैं। इस मौके पर कई बालिकाओं ने गरबा नृत्य के साथ तलवार चलाकर शस्त्र कला का प्रदर्शन भी किया। सावित्री ठाकुर ने हाथ में तलवार उठाकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया, जिससे माहौल और भी उत्साहपूर्ण हो गया।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

गरबा पंडाल में मौजूद महिलाओं और लड़कियों ने इस अनोखी पहल की सराहना की और इसे अत्याचारों के खिलाफ एक मजबूत कदम बताया। उनका कहना था, “आज के समय में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को देखते हुए आत्मरक्षा के लिए शस्त्र वितरण एक सराहनीय कदम है। नारी शक्ति अबला नहीं है, और आवश्यकता पड़ने पर वे अपने दुश्मनों का नाश करने के लिए तैयार हैं।” इस आयोजन ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है और नवरात्रि के इस महापर्व को विशेष बना दिया है।

दमोह में युवक पर ऑनलाइन गेम से हुआ 7 लाख का कर्ज उतारने के लिए लूटा बैंक, तीन दोस्तों के साथ मिलकर की लूट

दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र में सहकारी बैंक से 7 लाख 50 हजार रुपए की चोरी का मामला सामने आया है। इस वारदात का पर्दाफाश पुलिस ने कर दिया है, जिसके अनुसार एक युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर यह अपराध किया।

चोरी की योजना का मास्टरमाइंड

4 अक्तूबर की रात, तीनों आरोपियों—हिमांशु उर्फ निक्की दीक्षित, दीपक उर्फ दिप्पू और अंशुल—ने बैंक की दीवार में छेद करके लॉकर से पैसे चुराने की योजना बनाई। हिमांशु ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह कृत्य किया ताकि ऑनलाइन गेम के चलते बढ़े कर्ज को चुकाया जा सके।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

पांच अक्तूबर को जब बैंक कर्मचारी पहुंचे, तो उन्हें चोरी का पता चला और पुलिस को सूचित किया गया। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तेजगढ़ थाना प्रभारी अभिषेक पटेल ने बताया कि हिमांशु ने अपनी योजनाबद्ध तरीके से चोरी की थी और वह बैंक के पास ही रहता था, जिससे उसे बैंक का पूरा ज्ञान था।

पैसों की बरामदगी

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बैंक की तिजोरी में कुल 22 लाख 50 हजार रुपए थे, जिनमें से 7 लाख 50 हजार रुपए गायब थे। आरोपियों से चोरी की गई राशि भी बरामद कर ली गई है। न्यायालय में पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है।

भोपाल में सुसराल वालों ने 16 साल से बंधक बनाकर रखा था महिला, केवल शरीर में मांस नहीं केवल हड्डी पर त्वचा रह गई

भोपाल से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को उसके ससुरालवालों ने पिछले 16 साल से बंधक बनाकर रखा था। महिला को बेहद खराब हालत में पुलिस ने रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया है।

पिता ने दी पुलिस को जानकारी

नरसिंहपुर के रहने वाले किशन लाल साहू ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी रानू साहू का 2006 में भोपाल में विवाह हुआ था। लेकिन, 2008 के बाद से ससुराल वाले न तो उन्हें अपनी बेटी से मिलने देते थे और न ही उसे मायके भेजते थे। पिता ने आरोप लगाया कि रानू के ससुराल वालों ने उसके बच्चों को भी उससे दूर भेज दिया है, जिससे वो अपनी बेटी के हालात से अनजान थे।

पड़ोसियों से मिली जानकारी

किशन लाल साहू ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उन्हें पड़ोसियों से अपनी बेटी की खराब हालत के बारे में सूचना मिली थी। उन्होंने पुलिस से अपनी बेटी का रेस्क्यू कराने और उसका उचित इलाज करवाने की गुहार लगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

पुलिस की कार्रवाई और रेस्क्यू

शिकायत के बाद पुलिस ने भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में स्थित महिला के ससुराल पहुंचकर रानू को रेस्क्यू किया। जब पुलिस ने रानू को देखा, तो उसकी स्थिति बेहद गंभीर थी। 40 साल से कम उम्र की रानू को 16 साल से एक कमरे में बंद रखा गया था। उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसका वजन 35 किलो से भी कम हो गया था और उसकी त्वचा हड्डियों से चिपकी हुई थी। रानू इतनी कमजोर हो चुकी थी कि वह बोलने की स्थिति में भी नहीं थी।

अस्पताल में भर्ती, जांच जारी

पुलिस ने रानू की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल, रानू का इलाज जारी है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

नवरात्रि में रीवा में मां की मूर्ति के युवक ने की छेड़छाड़, पहले पैर रखा और फिर जलाकर दूर फेंक दी

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में नवरात्रि से पहले एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां जालपा माता मंदिर की प्राचीन मूर्ति पर एक युवक ने गंदगी करने का दुस्साहस किया। शंकरपुर गांव में हुई इस घटना ने ग्रामीणों में आक्रोश भर दिया है।

मूर्ति पर आपत्तिजनक व्यवहार

यह घटना मंगलवार शाम करीब पांच बजे हुई, जब एक युवक, हिंचलाल साकेत, ने मां की मूर्ति पर पैर रखकर खड़ा हो गया और फिर उसे दूर फेंक दिया। गांव की एक महिला ने इस अनैतिक कार्य को देखा और तुरंत ग्रामीणों को सूचित किया। सूचना मिलने पर लोग भड़क उठे और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए ग्रामीणों ने नई गढ़ी थाने का रुख किया। घटना के विरोध में गांववाले मंदिर के पास धरने पर भी बैठे। मौके पर पहुंचे एसडीएम संजय जैन ने ग्रामीणों को समझाया और उन्हें शांत कराया। उन्होंने मूर्ति को नदी से निकालकर फिर से चबूतरे पर रखने का प्रबंध किया। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए और उसके घर पर बुलडोजर चलाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नवरात्रि के पहले इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मंदिर की महत्ता

जालपा माता का यह मंदिर गांववालों के लिए आस्था का केंद्र है, जहां पूजा-पाठ, शादी और अन्य धार्मिक कार्य होते हैं। मूर्ति का अपमान करने से ग्रामीणों की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंचा है, और वे आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि स्थानीय समुदाय में तनाव भी पैदा कर दिया है। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है, ताकि लोगों में फैली नाराजगी को नियंत्रित किया जा सके।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का विवादित बयान, हवस के पुजारी ही क्यों, पादरी या मौलाना क्यों नहीं

मध्यप्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। हाल ही में उन्होंने “हवस के पादरी” और “हवस के मौलाना” जैसी टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद धर्मगुरुओं के बीच नाराजगी का माहौल बन गया है।

पंडित शास्त्री ने दी सफाई

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने बयान को स्पष्ट किया और कहा कि उनका उद्देश्य किसी धर्म या मजहब को अपमानित करना नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने किसी धर्मगुरु का अपमान नहीं किया। यह बयान सिर्फ सनातनियों को जागरूक करने के लिए दिया था। जब हवस का पुजारी कहा जा सकता है, तो हवस का पादरी या मौलाना क्यों नहीं?”

‘बुरा लगने वालों को फर्क नहीं पड़ना चाहिए’

धर्मगुरुओं द्वारा नाराजगी जताने पर पंडित शास्त्री ने कहा, “जिन्हें बुरा लग रहा है, उन्हें लग जाने दो। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा उद्देश्य किसी धर्म के अनुयायियों को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि समाज को सच्चाई से रूबरू कराना था। अगर इससे किसी को दिक्कत होती है, तो यह उनकी अपनी सोच है।”

साधु-संतों पर लगे आरोपों का दिया जवाब

पंडित शास्त्री ने एक अंसारी नेता के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें साधु-संतों पर गांजा पीने का आरोप लगाया गया था। इस पर उन्होंने कहा, “सभी साधु-संत एक जैसे नहीं होते। अगर कुछ साधु गलत काम करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि सभी साधु गलत हैं। इसी तरह, एक अंसारी आतंकवादी था, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सभी अंसारी आतंकवादी हैं।”

‘किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं’

आखिर में, पंडित शास्त्री ने कहा, “मैं किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं हूं। मेरा उद्देश्य सिर्फ समाज को सही दिशा दिखाना है। लेकिन अगर फिर भी किसी को मेरे बयान से आपत्ति है, तो उन्हें बुरा लगने का हक है, पर इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।” इस पूरे विवाद के बाद भी पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अपने बयान पर कायम हैं और इसे सनातन धर्म के अनुयायियों को जागरूक करने के उद्देश्य से दिए गए संदेश के रूप में देख रहे हैं।

इंदौर में गोमूत्र के बिना गरबों में एंट्री नहीं, बीजेपी नेता ने कहा, आधार कार्ड नहीं गो मूत्र है असली पहचान

पितृ पक्ष समाप्त होने को है और देशभर में नवरात्रि की तैयारियों की धूम मचने लगी है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में भी लोग गरबा उत्सव की तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच, बीजेपी के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा पंडालों को लेकर एक अनोखी और विवादित सलाह दी है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है।

गरबा पंडाल में गोमूत्र पिलाने की सलाह

चिंटू वर्मा ने कहा कि गरबा पंडाल में आने वाले हर व्यक्ति को गोमूत्र पिलाया जाए। उनका कहना है कि हिंदू धर्म में गोमूत्र का विशेष स्थान है और इससे किसी भी हिंदू को कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग तिलक लगाकर नहीं आते हैं, उन्हें गरबा में प्रवेश न करने दिया जाए। इस बयान के बाद वर्मा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

एंट्री के लिए गोमूत्र अनिवार्य

चिंटू वर्मा ने यह भी जोड़ा कि गरबा पंडाल में कई तरह के लोग आते हैं, जिनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, उनकी सलाह है कि जो भी पंडाल में प्रवेश करना चाहता है, उसे पहले गोमूत्र पिलाया जाए। उनका तर्क है कि इससे केवल वही लोग प्रवेश करेंगे जो हिंदू होंगे, क्योंकि गैर-हिंदू लोग गोमूत्र नहीं पीएंगे। उन्होंने आधार कार्ड से पहचान करने पर भी सवाल उठाए और कहा कि आधार कार्ड में एडिटिंग हो जाती है, इसलिए पहचान के लिए गोमूत्र सबसे अच्छा विकल्प है।

गैर-हिंदुओं को रोकने का तरीका

वर्मा का मानना है कि हर साल गरबा पंडालों में गैर-हिंदू लोग प्रवेश करते हैं, जो तिलक लगाकर हिंदुओं का भेष बना लेते हैं। इससे समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वर्मा के अनुसार, हिंदू युवकों को गोमूत्र पीने में कोई आपत्ति नहीं होगी, जबकि गैर-हिंदू युवक ऐसा नहीं कर पाएंगे। इससे उनकी पहचान आसानी से की जा सकेगी और गरबा में प्रवेश रोकने का यह प्रभावी तरीका साबित होगा।

आधार कार्ड नहीं, गोमूत्र है सही पहचान

बीजेपी नेता चिंटू वर्मा ने आधार कार्ड पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल आधार कार्ड आसानी से एडिट हो जाते हैं, जिससे असली पहचान नहीं हो पाती। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गोमूत्र ही एकमात्र सही पहचान का तरीका है, जो लोगों की असल पहचान को उजागर करेगा।

पत्नी के लिए पति ने दी कुर्बानी, करंट से बचाने पत्नी को धक्का देकर खुद झुलसा

छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव के चटुआ गांव में सोमवार को एक युवक ने करंट से झुलसी अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश में अपनी जान दे दी, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस के अनुसार, नवेगांव के निवासी राजू उईके (45) अपने घर में पूजा कर रहे थे। इसी दौरान उनकी पत्नी, जो रसोई में काम कर रही थी, अचानक करंट से झुलस गई।

पति ने दिया धक्का

पत्नी की चीख सुनकर राजू दौड़े और उन्हें बचाने के लिए धक्का दिया। इस प्रयास में पत्नी तो बच गई, लेकिन राजू खुद करंट के संपर्क में आकर गंभीर रूप से झुलस गए और बेहोश हो गए। परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

परिवार में मातम

राजू उईके पूर्व विधायक नत्थनशाह कवडेती के भाई के दामाद थे। घटना के बाद से परिवार में शोक का माहौल है, और उनकी पत्नी भी इस त्रासदी के बाद से बेहोशी की हालत में हैं।

शिवपुरी में पानी का गढ्ढा बना मौत का गढ्ढा, छह बहनों के इकलौते भाई सहित 3 की मौत

शिवपुरी के निवोदा गांव में एक दुखद घटना ने बंजारा समाज की बस्ती को शोक में डुबो दिया, जब शनिवार की सुबह तीन छोटे बच्चे एक गड्ढे में डूब गए। नीरज (10), संजय (8) और रवि (9) अपने खेल के दौरान बस्ती से बाहर आए और गड्ढे में नहाने लगे, लेकिन गहराई में चले जाने के कारण उनकी जान चली गई।

अस्पताल में किया मृत घोषित

घटना के बाद, अन्य बच्चों ने जब यह देखा कि वे डूब रहे हैं, तो दौड़कर परिजनों को सूचित किया। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों को गड्ढे से बाहर निकाला। उन्हें फौरन शिवपुरी के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

6 बहनों का था इकलौता भाई

नीरज, जो 6 बहनों का इकलौता भाई था, की मौत ने परिवार में एक गहरा शोक छोड़ दिया। परिजनों ने बच्चों के शवों को घर ले जाने का निर्णय लिया, जबकि अधिकारियों ने उन्हें जिला अस्पताल जाने की सलाह दी। कोलारस के एसडीओपी विजय यादव, एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे पोस्टमॉर्टम कराने को राजी नहीं हुए। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने भी गांव जाकर परिजनों से बात की, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।

पूरी बस्ती को लगा सदमा

आखिरकार, कोलारस स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. विवेक शर्मा को बुलाकर तीनों बच्चों की फॉर्मल ऑटोप्सी रिपोर्ट तैयार कराई गई, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकी। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरी बस्ती के लिए एक गहरा सदमा है, जिसने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता को उजागर किया है।