Sat. Apr 27th, 2024

सीएम मोहन यादव ने शिवराज सिंह चौहान को लेकर कही ये बड़ी बात, कहा – उनसे कुर्सी छीनी नहीं गई बल्कि

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम डॉ मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, डॉ मोहन दिल्ली प्रवास के दौरान मीडिया कॉन्क्लेव में पहुँचे थे। पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए डॉ मोहन ने कहा कि शिवराज सिंह जी से मैंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनी नहीं बल्कि उन्होंने खुद दी है।

शिवराज जी मेरे मार्गदर्शक हैं

हमारी पार्टी वंश, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद से दूर कार्यकर्ता हितैषी पार्टी है। हमारी पार्टी की ये विशेषता है कि अगर आप पैरवी करेंगे तो आपका नंबर कभी नहीं आएगा। हमारी पार्टी सब कुछ देखती और जानती है। पार्टी एक परिवार की तरह काम करती है। शिवराज सिंह चौहान मेरा मार्गदर्शन करते हैं, मैं उनसे मिलता रहता हूँ।

मुझे विश्वास ही नहीं हुआ था

सीएम मोहन यादव ने कहा बैठक के दौरान में पछली पंक्ति में अपने विधायक मित्रो के साथ बैठकर बात कर रहा था तभी हमारे पर्यवेक्षक मनहोर जी ने अपनी बात रखी, उसके बाद शिवराज सिंह जी ने घोषणा की हमारे विधायक दल के नेता डॉ मोहन यादव होगें, मैं 2 मिनट तक विश्वास ही नहीं कर पाया। कभी नहीं सोचा थ कि पार्टी मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को इतना बड़ा दायित्व देगी।

क्या आपको बनाकर बीजेपी UP और Bihar में यादवों को साध रही है

इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जाति, वंश या परंपरा नहीं देखती। वो एक किसान परिवार से आते हैं। केवल बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो एक कार्यकर्ता को मौका दे सकती है।

लोकसभा चुनाव का बजा बिगुल, जानिए आपके गांव और शहर में कब डलेगें वोट

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस साल लोकसभा चुनाव की शुरुआत 19 अप्रैल से होगी। जो 7 चरण में 1 जून तक होगें। चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे। चुनाव के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लग गई है। वही मप्र में भी 4 चरणों में चुनाव होगें। जिसमें पहला चरण 19 अप्रैल, दूसरे चरण 26 अप्रैल, तीसरे चरण 7 मई और चौथे चरण 13 मई को संपन्न होगा।

पूरे प्रदेश में लगी आचार संहिता

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 की तारीखों की शनिवार को घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी पूरी तरह से प्रभावशील हो गई है। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। राजन ने बताया कि प्रदेश में चार चरणों में चुनाव प्रक्रिया संपन्न होगी।

पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 7 मई और चौथे चरण के लिए मतदान प्रक्रिया 13 मई को संपन्न होगी। मतगणना 4 जून 2024 को होगी।

पहले चरण में इन सीटों पर

राजन ने बताया कि पहले चरण में छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा में 19 अप्रैल 2024 को मतदान होगा। पहले चरण के लिए अधिसूचना 20 मार्च को जारी होगी। इसी दिन से नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 मार्च है। 28 मार्च को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। प्रत्याशी 30 मार्च तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। 

26 अप्रैल को इन सीटों पर वोटिंग

दूसरे चरण में 7 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद एवं बैतूल में 26 अप्रैल 2024 को मतदान होगा। इस चरण के लिए अधिसूचना 28 मार्च को जारी होगी। इसी दिन से नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल है। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 5 अप्रैल को की जाएगी। प्रत्याशी 8 अप्रैल तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 26 अप्रैल को होगा। 

7 मई को इन आठ सीटों पर

तीसरे चरण में आठ लोकसभा संसदीय क्षेत्रों मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल एवं राजगढ़ में 7 मई 2024 को मतदान होगा। इस चरण के लिए अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी होगी। प्रत्याशी 19 अप्रैल तक नामांकन पत्र जमा कर सकेंगे। 20 अप्रैल को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। प्रत्याशी 22 अप्रैल तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 7 मई को होगा। 

चौथा व अंतिम चरण 13 मई को इन सीटों

प्रदेश में मतदान के चौथे व अंतिम चरण में आठ लोकसभा क्षेत्रों देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन एवं खंडवा में 13 मई को मतदान होगा। इस चरण के लिए अधिसूचना 18 अप्रैल को जारी होगी। प्रत्याशी 25 अप्रैल तक नामांकन पत्र जमा कर सकेंगे। 26 अप्रैल को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। प्रत्याशी 29 अप्रैल तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 13 मई को होगा।

वित्तीय संकट को लेकर CM मोहन यादव ने कहा चिंता ना करे कोई योजना बन्द नहीं होगी, 31 मार्च तक लक्ष्यों को पूरा करें

क्या मध्यप्रदेश के ऊपर वित्तीय संकट छा रहा है, मंत्रियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कोई संकट नहीं आप सभी लक्ष्यों को 31 मार्च तक पूरा करें

मध्यप्रदेश में वित्तीय संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा था इसी बीच मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक से पहले कहा कि हमारे पास किसी तरह का को संकट नहीं है और ना ही हमने कोई योजना बन्द की है। 31 मार्च तक सभी विभाग अपने लक्ष्यों को पूरा करें।

मोहन सरकार के लगभग 90 दिन पूरे

भाजपा सरकार ने लगभग 90 दिनों का कार्यकाल पूरा किया है, सीएम ने अपने कार्यकाल की उप्लब्धधियों को बताया। उन्होंने कहा कि मार्च में पूंजीगत व्यय में कुछ कमी दिखाई दे रही है, जिसे 31 मार्च तक पूरा करें। जल संसाधन, एनवीडीए, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय विकास एवं आवास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग लक्ष्य की प्राप्ति करें।

धार्मिक पर्यटन और अंतरराज्य हवाई सेवा को देंगे बढ़ावा

धार्मिक पर्यटन को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए हवाई सेवा शुरू की जा रही है। प्रारंभिक रूप से इंदौर को केंद्र बनाते हुए उज्जैन तथा ओंकारेश्वर के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे धार्मिक पर्यटन बढ़ने के साथ-साथ बड़े शहरों से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।
अंतर राज्य हवाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में हवाई सेवा आरंभ की जा रही है। ग्वालियर और जबलपुर के लिए शुरू की गई इस सेवा का विस्तार सागर, रीवा, रतलाम तथा अन्य स्थानों पर किया जाएगा। जहां-जहां हवाई पट्टी और यात्रियों की उपलब्धता होगी, वहां यह सुविधा शीघ्र आरंभ होगी।

MP कर्मचारियों को मिल सकता है बड़ा तोहफा, एमपी कैबिनेट बढा सकती है डीए

Bhopal: लोकतंत्र के उत्सव यानी चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। सरकारें आम जनता और सरकारी कर्मचारियों को लुभाने में लगी हुई हैं। ऐसे लम्बे समय से मंहगाई भत्ते में बढ़त को लेकर माँग उठ रही थी जिसे कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है।

कर्माचारियों को मिलेगी राहत

यह प्रपोजल पर लग सकती है मोहर डिपार्टमेंटल जांच से लेकर डेवेलपमेंट से जुड़े प्रपोजल पर डिसीजन लिया जाएगा। इसके साथ ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पेंशनरों की महंगाई राहत बढ़ाने पर निर्णय लिया जा सकता है।

केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के भत्ते में 8% का अंतर केंद्रीय और राज्य सरकार में महंगाई भत्ते को लेकर 8 प्रतिशत का अंतर आ गया है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद सरकार ने जनवरी 4% फीसदी का इजाफा किया। इसके चलते वर्तमान में कर्मचारियों को 50 फीसदी का महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं राज्य के कर्मचारियों की बात करे तो यहां अभी 42 फीसदी ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।

अब हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचेंगे मरीज, प्रदेश के इन 6 शहरों में मुख्यमंत्री करेगें एयर एम्बुलेंस की शुरुआत

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले जनता को एक सौगात देने जा रहे है। प्रदेश में गुरुवार से धार्मिक पर्यटन के लिए एयर टैक्सी सेवा की शुरुआत हो रही है। इसका उद्देश्य प्रदेश के अंदर पर्यटन स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्टेट हैंगर भोपाल से सेवा का शुभारंभ करेंगे।

6 शहरों में होगी शुरुआत

फलायओला कंपनी के तीन एयर क्रॉफ्ट का वॉटर एयर कैनन से स्वागत किया जाएगा। इसमें दो 6-6 सीटर और एक 8 सीटर एयर कॉफ्ट है। इसके अलावा एक अन्य कंपनी का हेलीकॉप्टर उपलब्ध रहेगा। जानकारी के अनुसार हवाई टैक्सी का न्यूनतम किराया तीन हजार रुपए तक रह सकता है। हालांकि यह दूरी के हिसाब से तय होगा। इसको लेकर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। इन शहरों को जोड़ा जाएगा- सेवा की शुरुआत में कंपनी ने अपना रूट प्लान तैयार किया है। इसमें कंपनी का दिन के अनुसार रूट प्लान बदलता रहेगा। प्रारंभिक चरण में भोपाल, जबलपुर, रीवा, खजुराहो, उज्जैन और पमचढ़ी को धार्मिक पर्यटन हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। इसका दायरा बढ़ा कर आने वाले समय में पर्यटकों की मांग के अनुसार अन्य शहरों को जोड़ा जाएगा।

सप्ताह में चार दिन सेवा का संचालन अनिवार्य

सरकार पर्यटन स्थलों पर प्रदेश के अंदर निजी ऑपरेटरों से एयर टैक्सी सेवा शुरू कर रही है। इस सेवा में ऑपरेटर को सेक्टर किराया निर्धारण करने की छूट रहेगी। रूट का चयन एवं रूट परिवर्तन करने से पहले सेवा प्रदाता को निगम को सूचित करना होगा। सप्ताह में चार दिन सेवा का संचालन आवश्यक रूप से करना होगा। इसके लिए सरकार निजी ऑपरेटर को वीजीएफ अनुदान के रूप में 1.20 लाख रुपए देंगी। 150 घंटे प्रतिमाह संचालन न होने पर निर्धारित दर से वीजीएफ में कटौती भी होगी।

बुकिंग एप से हो सकेगी

एयर टैक्सी सेवा का लाभ लेने के लिए कंपनी की तरफ से एप उपलब्ध कराया जाएगा। इस एप पर रूट से लेकर एयर टैक्सी के रूट के अनुसार किराया, टाइमिंग से लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध रहेंगी। इसी एप से एयर टैक्सी सेवा की बुकिंग भी सुविधा रहेंगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को यह एप भी लांच कर सकते है।

बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय को किया गलत साबित, एक बार फिर शंकर लालवानी को दिया टिकट

लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मदीवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। जिसमें 72 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। मध्य प्रदेश की बची हुई पांच सीटों पर बीजेपी ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इंदौर, धार, छिंदवाड़ा, बालाघाट और उज्जैन सीट पर पार्टियों ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इंदौर में बीजेपी ने किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, यहां फिर से शंकर लालवानी को टिकट दिया गया है, जबकि छिंदवाड़ा में पार्टी ने जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू को उतारा है, उनका मुकाबला नकुलनाथ से होगा।

कैलाश विजयवर्गीय ने कटवा दिया था टिकट

दरअसल, कुछ दिन पहले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि इंदौर सांसद का टिकट कट सकता है। यहां से किसी महिला को टिकट मिल सकता है। बाद में उन्होंने कहा था कि मैंने मजाक कर दिया है। इसकी वजह से यह अटकलें थीं कि उनका टिकट कट सकता है लेकिन सूची आई तो शंकर लालवानी का नाम उसमें है। वहीं, पार्टी ने धार और बालाघाट के सांसद का टिकट काट दिया है। इन दोनों जगह से महिलाओं को मौका दिया है। बालाघाट से अभी ढाल सिंह बिसेन सांसद हैं। धार से अभी छतर सिंह दरबार सांसद हैं। इनका टिकट कट गया है।

सभी सीटों पर तय हुए नाम

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। वहीं, कांग्रेस ने अभी सिर्फ 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। बीजेपी के सभी उम्मीदवारों की सूची आ गई है। ऐसे में कांग्रेस भी जल्द ही बाकी के 19 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश में हुई आईएएस अधिकारियों की बड़ सर्जरी, जानिए आपके क्षेत्र का कलेक्टर बदला क्या?

Bhopal: प्रशासिनिक अमले के शासन की रीढ़ माना जाता है और सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से होता रहे इसीलिए अफसरों को सरकार तबादले, पदौन्नति करती रहती है। लोकसभा चुनावों को देखते हुए डॉ मोहन (Dr Mohan Yadav) के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आने के बाद से ही लगातार प्रशासिनिक सर्जरी कर रही है। कल भी सीएम डॉ मोहन यादव ने 5 आईपीएस और 2 आईएएस के ट्रांसफर कर दिए।

कार्यक्रम खत्म होते ही कर दिए ऑर्डर जारी

ग्वालियर में विजिया राजे सिंधिया एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में पहुँचे सीएम ने कार्यक्रम के खत्म होने के बाद ही ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को भोपाल अटैच कर दिया गया और उनके जगह पर 2011 बेच की आईएएस अधिकारी रूचिका चौहान को जिम्मेदारी दी है। वहीं एसपी राजेश सिंह को हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच किया गया है, उनके स्थान पर खरगोन एसपी धर्मवीर सिंह को ग्वालियर एसपी बनाकर भेजा गया।

दीपक को इंदौर तो सुदामा को ग्वालियर कमिश्नर बनाया

आईएएस सुदाम खाड़े को कमिश्नर ग्वालियर की जिम्मेदारी दी गई है, इंदौर कमिश्नर माल सिंह को मध्य प्रदेश शासन के सचिव पद पर पदस्थ किया गया है, उनके स्थान पर ग्वालियर के कमिश्नर दीपक सिंह को पदस्थ किया गया है। आनंद विभाग के प्रमुख सचिव को चंबल सम्भग का सहायक कमिश्नर की जिम्मेदारी दी है।

जानिए कैसे लगी वल्लभ भवन में अचानक लगी भीषण आग, कई अहम दस्तावेज जलकर राख

शनिवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। वल्लभ भवन के 1, 4, 5, 6 वीं मंजिल पर अचानक आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग में कई महत्वपूर्व दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं। इमारत की तीसरी मंजिल में लगी आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप ले लिया। फिलहाल 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।

5 घंटे बाद सेना की मदद से पाया काबू

वल्लभ भवन में मध्य प्रदेश का सचिवालय है। मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के दफ्तर भी यहीं है। भवन के पांचवें फ्लोर पर मुख्यमंत्री का दफ़्तर है।फ़िलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। आग बुझाने में लगे 3 दमकल कर्मी भी घायल हुए। बताया जा रहा है कि जहां आग लगी वहां राज्य के मंत्रियों के दफ्तर हैं।

5वीं मंजिल के सभी दस्तावेज जलें

5वीं मंजिल में रखे फर्नीचर और दस्तावेज पूरी तरह जलकर खाक हो गए है। SDERF, NDRF और सेना की टुकड़ी की मदद से आग पर काबू पाया गया। भोपाल के आसपास के जिलों से भी दमकल की टीमें बुलाई गई थीं। बता दें कि वल्लभ भवन प्रदेश शासन का सबसे अहम कार्यालय है, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के दफ्तर हैं। यहां सरकारी विभागों से जुड़े अहम दस्तावेज रखे हुए थे।

बताया जा रहा है कि आग में कई अहम दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं। जोन-2 DCP श्रद्धा तिवारी ने बताया, “फोर्स तुरंत यहां पहुंच गई थी, जितने भी फायर ब्रिगेड हैं उनको बुला लिया गया। दूसरी और तीसरी मंजिल की आग पर काबू पा लिया गया। अभी आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।”

कांग्रेस की राजनीति के संत माने जाने वाले सुरेश पचोरी ने क्यों छोड़ा अपनी पार्टी का दामन ? जानिए बीजेपी में शामिल होने की बड़ी वजहें?

आगामी चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। एक के बाद एक कांग्रेस के कई नेताओं ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया है। कांग्रेस के सुरेश पचौरी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है।नजदीकी लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से हो रही उपेक्षा से वे नाराज चल रहे थे।

कांग्रेस को फिर से झटका

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की मध्यप्रदेश से विदाई के तीसरे दिन कांग्रेस को फिर से एक बड़ा झटका लगा। दरअसल शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने भाजपा का दामन थाम लिया। साथ ही प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पिछले विधानसभा में इंदौर से कांग्रेस के इकलौते विधायक रहे संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, सतपाल पलिया और भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।

कांग्रेस छोड़ने की क्या वजहें?

सुरेश पचौरी के नजदीकी लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से हो रही उपेक्षा से वे नाराज चल रहे थे। यही कारण था कि हाल ही में जब राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा मध्यप्रदेश आई, तो वे उसमें शामिल नहीं हुए। इस दौरान उनकी नाराजगी दूर करने के लिए कोई वरिष्ठ नेता उनसे मिलने और बात करने तक नहीं गया। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान उनके समर्थकों को नजरअंदाज किया गया। इससे भी वे नाराज चल रहे थे। वहीं, धार क्षेत्र से आने वाले आदिवासी नेता गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा सकता है।

भाजपा में शामिल होने के बाद क्या कहा?

भाजपा में शामिल होने के बाद सुरेश पचौरी ने कहा, भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन रहा, तो कांग्रेस ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर इसे ठुकरा दिया। मुझे आघात पहुंचा। कांग्रेस को निमंत्रण पत्र अस्वीकार करने की आवश्यकता नहीं थी। पचौरी ने कहा कि मैं स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का शिष्य हूं। तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने भेजा कि शंकराचार्य जी से पूछकर आओ कि क्या करना है? उन्होंने कहा कि अयोध्या में शिलान्यास हो और मंदिर बने। फिर हम तत्कालीन गृह मंत्री के साथ गए और वहां शिलान्यास किया। वहां अशोक सिंघल भी थे। फिर अब निमंत्रण पत्र अस्वीकार करने की आवश्यकता कहां से पड़ गई। राम मंदिर का ताला खोलना, शिलान्यास होना किस कार्यकाल में हुआ ये बोला जा सकता था।

कांग्रेस की राजनीति के संत माने जाते हैं पचोरी

मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा में पूर्व सीएम कैलाश जोशी को ‘राजनीति का संत’ कहा जाता था। कांग्रेस की राजनीति में यह पदवी सुरेश पचौरी को मिली है। ऐसे व्यक्ति का कांग्रेस में स्थान नहीं है, इसलिए उनको लगा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जाकर कुछ काम करने की जरूरत है। इसलिए आज वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वह 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से चुने गए।

एक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन और संसदीय मामले और पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे। पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर में केवल दो बार चुनाव लड़ा। साल 1999 में, उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उमा भारती को चुनौती दी और 1.6 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए। इसके अलावा उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में भोजपुर से शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री और दिवंगत सीएम सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

नर्मदा जयंती पर नर्मदापुरम को सीएम ने दी कई सौगात, कई विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को अमरकंटक पहुंचे और वहा उन्होंने मां नर्मदा जन्मोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। जहां उन्होंने मां नर्मदा के जन्म स्थल पर पहुंच कर पूजा-अर्चना की साथ ही कन्या भोज भी कराया। उन्होंने इस अवसर पर कन्या पूजन भी चालू किया।

भंडारा स्थल पर पहुंच कर दी सेवाएं

मां नर्मदा जन्मोत्सव के कार्यक्रम में कन्यायों के लिए भंडारे का प्रसाद तैयार करवाया साथ ही खुद भी प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मंदिर के पूजारियों से भी बातचीत कर जानकारी प्राप्त की।

विकास कार्यों का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मां नर्मदा जयंती महोत्सव और नगर गौरव दिवस के कार्यक्रम में जिले के 191 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन किया। इसमें 111.927 करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन और 79.422 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण किया। प्रमुख रुप से पिपरिया अंतर्गत ग्राम सुरेलाकला में टी एक हथवास पिपरिया से जमारा ब्रिज क्रॉस मछवासा नदी हथवास लागत 4 करोड़ 48 लाख, ग्राम जमारा में टी एक हथबास पिपरिया से जमारा ब्रिज क्रॉस कोरनी नदी जमारा लागत 5 करोड़ 35 लाख, सिवनीमालवा अंतर्गत शिवपुर मार्ग में खंडवा इटारसी सेक्शन के लेबल क्रॉसिंग क्रमांक 218 पर ओव्हर ब्रिज का निर्माण जिसकी लागत 36 करोड़ 407 लाख रुपये, सुखतवा में सीएमराईज स्कूल भवन निर्माण लागत 33 करोड़ 39 लाख, ग्राम रानीपुर में जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्य लागत 2 करोढ़ 85 लाख की सौगात दी।

स्वागत में फूल बिछाए, विरोध के बाद हटाए

मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार को अमरकंटक पहुंचे, मां नर्मदा के जन्म स्थल का दर्शन करने के लिए। अमरकंटक आगमन पर प्रशासन ने उनका खास तरीके से स्वागत करने का सोचा। जिस मार्ग से होकर मुख्यमंत्री जी को जाना था उस मार्ग में रेड़ कारपेट के साथ फूलों को भी बिछाया गया, लेकिन श्रद्धालुओं के विरोध के बाद रास्ते से फूलों को हटाया गया।