इंदौर में रहने वाले एक कारोबारी ने अपने कर्मचारी से प्रशासनिक अधिकारियों की फर्जी चैट बनाकर वायरल कराई थी। पुलिस मुख्य आरोपी कारोबारी की तलाश कर रही थी।
आईएएस पी नरहरि और महिला अधिकारी की चैट वायरल
मप्र कैडर के आईएएस एमएसएमई विभाग के सचिव व उद्योग आयुक्त पी. नरहरि व एक महिला अधिकारी की फर्जी वॉट्सएप चैट को इंदौर के एक कारोबारी ने अपने कर्मचारी से वायरल करवाया था। भोपाल की क्राइम ब्रांच ने आरोपी को इंदौर में गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन दुख की बात यह है की उसका सेठ फरार होने में कामयाब रहा।
अधिकारियों के बीच मचा हडकंप
क्राइम ब्रांच का कहना है की आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद अब इस बात का पता चल सकता है की फर्जी चैट को वायरल करने के पीछे की क्या नीयत थी। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयों के बीच की फर्जी चैट्स के स्क्रीनशॉट के वायरल होने से दफ्तर और दोनो पुरुष व महिला के जीवन में भी हड़कंप मच गया था।
क्राइम ब्रांच ने की जांच
फिर दोनों अधिकारियों ने भोपाल में पुलिस हरिनारायणचारी मिश्रा को मामले की जांच कर तह तक जाने को बोला। उन्होंने कहा की अश्लील चैट के स्क्रीनशॉट वायरल करने वाले एवं छवि को धूमिल करने की दृष्टि से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुर्भावना एवं रंजिशवश सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रसारित किया जा रहा है, जिससे बहुत ज्यादा बदनामी और मानसिक पीड़ा का शिकार करना पड़ रहा है। पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित कर दी गई।
सेठ के कहने पर बनाई थी
टीम आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक साधनों से पता लगाया कि इंदौर में रहने वाले अपने सेठ रमनवीर सिंह अरोरा के कहने पर उक्त फर्जी कूटरचित स्क्रीन शॉट, ऐप के माध्यम से बनाई थी, और सोशल मीडिया पर वायरल की थी, और क्राइम ब्रांच की टीम ने जावेद को भी गिरफ्तर कर लिया, मुख्य आरोपी रमनवीर अरोरा फरार हो गया हैं। क्राइम ब्रांच की पूछताछ से पता चला है की जावेद एक गरीब महिलाओं को पैसों का लालच देने के बाद उनके नाम पर मोबाइल सिम खरीदता था। आरोपी इंदौर के खजराना इलाके का रहने वाला है तथा पांचवीं कक्षा तक पढ़ा है। अभी भी पुलिस को मुख्य आरोंपी की तलाश है।