अखंड भारत को लेकर सीएम मोहन यादव ने दिया बड़ा बयान, कहा – आने वाले समय में अफगानिस्तान का काबुल भी हमारा होगा
इंदौर में हुई तीन इंच भारी बारिश के बाद शहर की सड़कों पर जलभराव हो गया, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे शहर में नदी और तालाब बन गए हों। यह दृश्य दुनियाभर में देखा गया और सोशल मीडिया पर जनता ने सरकार और प्रशासन की आलोचना की। वही उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि काबुली चना भले ही नाम से काबुल का हो, लेकिन यह इंदौर का है, और काबुल भी कभी हमारा था और फिर से होगा।
इंदौर की स्थिति पर भड़के
शहर की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नाराज हो गए। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तुरंत व्यवस्था सुधारने और योजना बनाने के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में इंदौर को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
स्थिति की समीक्षा
शनिवार शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्होंने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से शहर में हुई तेज बारिश के बाद की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि किन-किन स्थानों पर अभी भी पानी भरा है। कलेक्टर आशीष सिंह ने उन्हें बताया कि अचानक हुई भारी बारिश के कारण जल निकासी बाधित हो गई थी, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात जाम हो गया था।
आपातकालीन उपाय और सहयोग
कलेक्टर ने बताया कि स्थिति को संभालने के लिए तुरंत एक्शन लिया गया और नगर निगम, पुलिस, जिला प्रशासन और शहर की अन्य संस्थाओं ने मिलकर जल निकासी के उपाय किए। मुख्यमंत्री ने नगर निगम इंदौर और इंदौर विकास प्राधिकरण को भविष्य में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए स्थायी प्रबंध करने के निर्देश दिए। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, सभी विधायकगण, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, और आयुक्त नगर निगम शिवम वर्मा भी मौजूद थे।
काबुल भी हमारा होगा
इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव काबुली चना व्यापारियों के वार्षिक सम्मेलन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का वाणिज्यिक और व्यापारिक भविष्य उज्जवल है और इंदौर, उज्जैन, देवास, और धार के कुछ हिस्सों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी का स्वरूप दिया जाएगा। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को मध्य प्रदेश में व्यापार करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि काबुली चना भले ही नाम से काबुल का हो, लेकिन यह इंदौर का है, और काबुल भी कभी हमारा था और फिर से होगा।