लोकसभा चुनाव में बढ़े 6% वोटर का फायदा नहीं उठा पा रही है, पार्टियां , वोटिंग कम से चिंता में सरकार
लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान हो चुके हैं। अब 6 मई को तीसरा चरण का मतदान होना है। इसके बाद 13 मई को चौथा चरण होगा। लेकिन इन दोनों चरणों के पहले बीजेपी और कांग्रेस के लिए चिंता की लकीरें बढीं हुई है। क्योंकि इस बार अब तक दोनों चरणों में वोटिंग भारी गिरावट देखने को मिली है। जिसके कारण इस बार जो 6% मतदाता बढे़ है। उनका फायदा दोनों ही पार्टियां नहीं उठा पा रही है।
साल 2014 और 2019 की तुलना में कम वोटिंग
भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता बढ़ सकती है क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में मोदी युग के उदय के बाद वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली थी। 2014 और 2019 में मत प्रतिशत अच्छे रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी ने अपने लिए मिशन 370 का लक्ष्य रखा है। बीजेपी की तरफ से इस बात के दावे लगातार होते रहे हैं कि पार्टी आसानी से इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगी।हालांकि एक तरफ जहां कम मतदान को लेकर कुछ जानकार बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बता रहे हैं।
वहीं कुछ आंकड़ें बताते हैं कि चुनाव में कम मतदान होना इस बात के संकेत हो सकते हैं कि जनता बदलाव नहीं चाहती है। कई बार ऐसा राज्यों के चुनावों में देखा गया है कि जब बंपर वोटिंग हुई है तो सत्ता में बदलाव हुए हैं। सरकार को बदलने के लिए अधिक मतदान होते रहे हैं। कम मतदान का लाभ सत्ताधारी दलों को मिला है।
अगर बीजेपी जीतेगी तो इतिहास बनेगा
2024 लोकसभा चुनाव में इतिहास बनना तय है। अगर नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार जीत की हैट्रिक बनाती है, तो भी इतिहास बनेगा। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता होंगे, जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाएंगे। अगर नतीजे बीजेपी के खिलाफ गए तो भी इतिहास बनेगा। 2024 का मुकाबला नरेंद्र मोदी वर्सेज विपक्ष है। राजनीतिक नजरिये से इसे एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 370 और एनडीए कुनबे को 400+ सीटें मिलेंगी।