Wed. Oct 16th, 2024

मप्र सरकार ने मदरसों पर की कड़ी कार्रवाई, एक जिले के 56 मदरसों की मान्यता तात्कालिक की रद्द

मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार ने हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में बड़ा एक्शन लिया है। श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इस कार्रवाई का कारण है कि इन मदरसों के संचालन में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के आदेश पर जिले में मदरसों की एक व्यापक जांच की गई।

शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो रही थी

इस जांच में सामने आया कि श्योपुर जिले में 80 से अधिक मदरसे संचालित हो रहे हैं। इनमें से 50 से अधिक मदरसों में कोई शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो रही थी। कुछ मदरसों में तो किसी छात्र की उपस्थिति भी नहीं थी और कई स्थानों पर तो मदरसे का अस्तित्व ही नहीं मिला। इसके बावजूद इन संस्थाओं ने अनुदान प्राप्त किया था, जो कि एक गंभीर मुद्दा था।

जांच रिपोर्ट के आधार पर श्योपुर कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने बताया कि एक विशेष टीम ने जिले के 80 मदरसों की जांच की। इस जांच में 56 मदरसे असंचालित पाए गए। इस रिपोर्ट को मदरसा बोर्ड को भेजा गया, और बोर्ड ने इन मदरसों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया।

सभी जिलों में हो जांच

उदय प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई के बाद प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में सभी शिक्षण संस्थाओं का नियमित निरीक्षण करें। मंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिले और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। मंत्री ने प्रदेश में संचालित मदरसों के भौतिक सत्यापन की जांच की गति बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि जिन मदरसों का संचालन नियमों के अनुरूप नहीं हो रहा है, उनकी मान्यता समाप्त की जाए। इसके साथ ही प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के स्कूलों का भी भौतिक सत्यापन तेजी से किया जाए। मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने मदरसों के नियमों के खिलाफ संचालन और फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस जांच की शुरुआत की थी।

प्रदेश के मजदूरों की हुईं चांदी – चांदी, प्रदेश सरकार ने बढ़ाई इतने गुना आमदनी, ई स्कूटर खरीदने के लिए भी मिलेंगे 40 हजार रुपये

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है।मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए मजदूरों को 40,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने मजदूरों की मजदूरी दर में लगभग 5 गुना की वृद्धि की है।

श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40,000 रुपये की सहायता

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान जनता को कई अन्य सौगात भी दिए है। उन्होंने कहा, “हमने मजदूरों की मृत्यु या दिव्यांगता के मामले में वित्तीय सहायता राशि मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दी है।” उन्होंने कहा कि श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के वेतन में बढ़ोतरी की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकुशल श्रमिकों की मासिक मजदूरी बढ़ाकर 11,450 रुपये, अर्ध-कुशल की 12,446 रुपये और खेतिहर मजदूरों की 9,160 रुपये की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज ग्वालियर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए।

मध्य प्रदेश में मजदूरों की नवीन मजदूरी दर

खेतिहर मजदूर 1396 से 9160 मासिक

अकुशल श्रमिक 1625 से 11450 मासिक

अर्ध कुशल श्रमिक 1764 से 12446 मासिक

मजदूरों की दिव्यांगता एवं मृत्यु के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि बढ़कर ₹4 लाख होगी।

श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए ₹40,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।पार्ट टाइम मजदूरी करने वालों को संबल योजना से जोड़ा जाएगा।

जानिए कैसे लगी वल्लभ भवन में अचानक लगी भीषण आग, कई अहम दस्तावेज जलकर राख

शनिवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। वल्लभ भवन के 1, 4, 5, 6 वीं मंजिल पर अचानक आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग में कई महत्वपूर्व दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं। इमारत की तीसरी मंजिल में लगी आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप ले लिया। फिलहाल 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।

5 घंटे बाद सेना की मदद से पाया काबू

वल्लभ भवन में मध्य प्रदेश का सचिवालय है। मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के दफ्तर भी यहीं है। भवन के पांचवें फ्लोर पर मुख्यमंत्री का दफ़्तर है।फ़िलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। आग बुझाने में लगे 3 दमकल कर्मी भी घायल हुए। बताया जा रहा है कि जहां आग लगी वहां राज्य के मंत्रियों के दफ्तर हैं।

5वीं मंजिल के सभी दस्तावेज जलें

5वीं मंजिल में रखे फर्नीचर और दस्तावेज पूरी तरह जलकर खाक हो गए है। SDERF, NDRF और सेना की टुकड़ी की मदद से आग पर काबू पाया गया। भोपाल के आसपास के जिलों से भी दमकल की टीमें बुलाई गई थीं। बता दें कि वल्लभ भवन प्रदेश शासन का सबसे अहम कार्यालय है, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के दफ्तर हैं। यहां सरकारी विभागों से जुड़े अहम दस्तावेज रखे हुए थे।

बताया जा रहा है कि आग में कई अहम दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं। जोन-2 DCP श्रद्धा तिवारी ने बताया, “फोर्स तुरंत यहां पहुंच गई थी, जितने भी फायर ब्रिगेड हैं उनको बुला लिया गया। दूसरी और तीसरी मंजिल की आग पर काबू पा लिया गया। अभी आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।”