Wed. Oct 16th, 2024

गुंडे को थाने लाते ही आए कई बड़े नेताओं के फ़ोन, बाद में पुलिस ने जुलूस निकाला

इंदौर में खजराना चौराहे पर पुलिस कर्मी से झूमाझटकी करने वाला गुंडा करण सिंह मंत्री सिलावट की धौंस दिखाकर थाने से भाग गया, जिसके बाद डीसीपी की तत्परता के चलते गुंडे को फिर गिरफ्तार कर उसका जुलूस निकाला गया

मध्यप्रदेश में इस तरह गुंडों ने आंतक मचा रखा है कि गिरफ्तार होने के बाद पुलिस की गिरफ्त से भाग जाते हैं और पुलिस मुखदर्शक बनी देखती रहती है। दरअसल बात इंदौर के खजराना चौराहे की है, रविवार दिनांक 14 अप्रैल को रात 8:00 बजे ट्रैफिक पुलिस आरक्षण विकास शर्मा अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। सिग्नल पर खड़ी हुई एक CAR का हूटर बज रहा था। CAR के शीशे पर ब्लैक फिल्म चढ़ी हुई थी, और नंबर प्लेट पर नंबर नहीं लिखा हुआ था। सूबेदार श्री बृजराज सिंह अजनार ने आरक्षक विकास शर्मा को भेजा। विकास ने जैसे ही गाड़ी साइड में लगाने के लिए कहा तो CAR में सवार युवक ने अभद्रता शुरू कर दी। फिर आरक्षक विकास को धक्का दिया जिससे वह जमीन पर गिर गया। फिर उसके पेट पर बैठकर उसे पीटा। इस दौरान उसकी वर्दी भी फाड़ दी।

थाने से भगा गुंडा, डीसीपी ने फिर पकड़ा

इतना ही नहीं यह आरोपी पुलिसवालों द्वारा थाने लाए जाने के बाद भी दादागिरी करते हुए थाने से भाग निकला। पुलिसकर्मी विकास शर्मा ने इसकी शिकायत की जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। रविवार की रात करणदीप गुंडई करते हुए थाने के अंदर से गाड़ी में चाबी लगाकर भाग निकला था। जैसे ही इसकी जानकारी आला अफसरों तक पहुँची तो डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने टीआई को फटकार लगाई। उन्होंने धरपकड़ में पूरे स्टाफ को लगा दिया। बाद में आरोपी को द्वारकापुरी से गिरफ्तार करवाया।

पिता लिस्टेड गुंडे और बेटे करन को बचाने कई नेताओं के आए थे कॉल

बता दें कि गुंडे करण सिंह धालीवाल पर पहले से 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं, करन के पिता सोंटा सरदार भी इंदौर पुलिस के निगरानीशुदा बदमाश थे। सूत्रों की माने तो करन सिंह का रौब इतना है कि उसके गिरफ्तार होते ही खजराना थाने में कई बड़े बड़े नेताओं के फ़ोन आने लगे थे।

बाद में गिरफ्तार कर चोराहे पर निकाला जुलूस

करन को फिर गिरफ्तार कर उसे उसी जगह लाया गया जहाँ उसने पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी की थी, उससे कान पकड़कर माफी मांगी और उस दौरान वो बोलता रहा कि मैं गुंडा नहीं हूँ।