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चुनावी चर्चा “क्या महाराज बनाम राजा होगा चुनाव” 200 साल बाद दिग्गी के पास बदला लेने का मौक़ा

मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीट हैं, सबसे हॉट सीट गुना लोकसभा की है, जहां कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, यानि चुनाव होगा बीजेपी के प्रत्याशी महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया और राघोगढ़ रियासत के राजा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच।

2024 के लोकसभा चुनावों के आगामी दिनों में ही चुनाव आयोग तारीख घोषित कर देगा, उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली सूची में गुना लोकसभा संसदीय क्षेत्र से केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से कांग्रेस ने उन पर तंज कसना शुरू कर दिया है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि कोई केपी यादव जैसा ही सिंधिया को 2019 की तरह 2024 में भी धूल चटाएगा। ऐसे में अगर कांग्रेस राघोगढ़ के राजा और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को टिकट देती है तो देखना यह होगा कि 200 साल पुरानी रंजिश में फिर कौन जीतेगा।
गुना लोकसभा सीट पर शुरू से सिंधिया परिवार का अधिपत्य रहा है, बीजेपी की संस्थापक सदस्यों में से एक विजयाराजे सिंधिया हो या माधवराव सिंधिया उसके बाद ज्योतिरादित्य सभी ने गुना से चुनाव लड़ा और जीते हैं।

कभी हिन्दू महासभा के तो जेपी कृपलानी भी रहे हैं सांसद

गुना की जनता ने पहले चुनाव से ही सूझबूझ के साथ प्रत्याशी को जिताया है, यही कारण है कि नेहरू और कांग्रेस के दौर में 1952 के लोकसभा चुनावों में हिन्दू महासभा के देशपांडे ने जीत दर्ज की थी, 1957 में राजमाता ने चुनाव लड़ा ओर जीत गई, आचार्य कृपलानी ने 1967 के उपचुनाव में गुना से जीत दर्ज की उसके बाद लगातार यह सीट 2019 तक सिंधिया परिवार के पास ही रही है।

अपने ही समर्थक से हारे थे सिंधिया

2019 लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने ही समर्थक केपी यादव से हार का सामना करना पड़ा, अब दोनों ही भाजपा में है और 2024 के लिए बीजेपी ने महाराज को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की यात्रा में पीसीसी चीफ ने कहा ज्योतिरादित्य जी को इस बार केपी यादव जैसा व्यक्ति हराएगा, पर सवाल तो यह है कि कांग्रेस के नेता जिस तरह से पार्टी को छोड़ रहे है या फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरह राजनीति में सहभागिता नहीं दिखा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस किसे टिकट देगी यह देखना होगा।

क्या दिग्विजयसिंह को मिलेगा टिकट

नेताओं की उथल पुथल से सख्ते में पड़ा आला कमान प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रहा है, हाल में ही एक बैठक में जीतू पटवारी ने कहा कि जिस जिस को जाना है वे जाए, उसके बाद पार्टी निर्णय लेगी। जिस तरह कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने भारत जोड़ो यात्रा में शाजापुर में दम भरा था ऐसे में तो दिग्विजयसिंह को ही अगर कांग्रेस प्रत्याशी बनाती है तो शायद कुछ हद तक सिंधिया चिंतित हो।

सिंधिया परिवार के अधीन रहा हैं राघोगढ़ राजघराना

18वीं शताब्दी में सिंधिया राजघराने के महाराज दौलतराम सिंधिया ने उज्जैन से लश्कर होते हुए ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाया था। इस दौरान सिंधिया परिवार ने राघोगढ़ राजघराने को भी शिकस्त दे दी थी। उसके बाद राघोगढ़ राजघराना सिंधिया परिवार के अधीन आ गया था। इसके बाद से ही दोनों परिवारों में खटास रही है। यही वजह भी रही कि माधवराव सिंधिया को दिग्विजयसिंह ने कभी मप्र में स्थापित नहीं होने दिया वे आजीवन दिल्ली की राजनीति करते रहे हैं। ऐसे में गुना लोकसभा का मुकाबला दिलचस्प होगा।

मानहानि केस में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री रखेंगे अपना पक्ष

पूर्व मुख्यमंत्री और देश में मिस्टर बंटाधार के नाम से चर्चित दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रवादी संगटन के कार्यकर्ताओं को कहा था पाकिस्तानी जासूस इस मामले में अब उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में पेश होना है।

ग्वालियर (Gawlior) : परिवादी एडवोकेट अवधेश सिंह भदोरिया की ओर से दिग्विजयसिंह के खिलाफ लिखित बहस न्यायालय में पेश की गई। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ओर से 28 फरवरी को अपना पक्ष रखा जाएगा, इसके बाद कोर्ट केस में अपना निर्णय सुनाएगी।

31 अगस्त 2019 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था पाकिस्तानी जासूस


भिंड में प्रेस को सम्बोधित करते हुए सिंह ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं वे पाकिस्तान के लिए जासूसी का काम भी करते हैं। इस बयान से आहत होकर भदौरिया ने मानहानि के लिए कोर्ट का रुख किया था। अब कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए 28 फरवरी को न्यायालय बुलाया है। हालांकि दिग्विजय सिंह पूर्व में कई बार कह चुके हैं कि उनके ऊपर दायर किया गया मानहानि का मामला बनता ही नहीं है, फिर भी न्यायालय पर विश्वास है और वह उचित फैसला लेगी।

कमलनाथ को लेकर दिग्विजय सिंह ने दिया बड़ा बयान, कहा – ईडी, आईटी और सीबीआई का दबाव है कमलनाथ पर

भाजपा में कमलनाथ के शामिल होने की अटकलों के बीच दिग्गविजय जी ने बोला की उनपर ईडी, आईटी, और सीबीआई का दवाब है।मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने पर एक बड़ा बयान दिया है ।उन्होंने कहा, कमलनाथ जी जैसा व्यक्ति जिन्होंने कांग्रेस से शुरुआत की है, उन्होंने हमेशा कांग्रेस के कदम से कदम मिलाया हैं। कमलनाथ जी को हम इंदिरा गांधी की तीसरी औलाद मानते हैं, भला वो कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी को छोर सकते हैं।

बीजेपी में जाना वाला चरित्र नहीं है कमलनाथ का

पूर्व मुख्यमंत्री जी का कहना है कि ईडी, सीबीआई और आईटी के दवाब से हमारे अलावा कमलनाथ जी को भी परेशानियां हो रही हैं। उनका चरित्र बिल्कुल भी ऐसा नही हैं। कमलनाथ के स्वयं भाजपा में शामिल होने की अटकलों का खंडन नहीं करने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ज्वाइन नहीं किया यही उनका खंडन है।