इंदौर के रिटायर्ड बैंक ऑफिसर को घर में किया डिजिटल अरेस्ट, ईडी की धमकी देकर ठगे 39 लाख रुपये
इंदौर के महालक्ष्मी नगर में रहने वाले राकेश कुमार गोयल, जो एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं, के साथ साइबर ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ठगों ने उन्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने का झांसा देकर 39.60 लाख रुपये की ठगी की है। घटना 11 जुलाई की है, जब गोयल को एक फोन कॉल मिला, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई के अंधेरी थाने का जवान बताया।
मनी लॉन्ड्रिंग का झांसा देकर ठगी
कॉलर ने गोयल को बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का वारंट जारी हुआ है और उन्हें तत्काल इसका समाधान करना होगा। इसके बाद कॉल को कथित तौर पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ऑफिस में ट्रांसफर कर दिया गया। ठगों ने गोयल को यह बताया कि उनके नाम से एक बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसका इस्तेमाल 8 करोड़ 20 लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।
स्काइप एप के जरिए डराने की साजिश
ठगों ने गोयल के मोबाइल पर स्काइप एप डाउनलोड कराया और उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाई, जिसमें दो व्यक्ति दिख रहे थे। तीसरे व्यक्ति को दिखाकर उन्हें बताया गया कि उनके घर से मिली बैंक पासबुक के आधार पर 8 करोड़ 20 लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है। इस जानकारी से गोयल को डराकर ठगों ने उनके एसबीआई अकाउंट से 21 लाख रुपये न्यू इंडिया कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए।
पत्नी के खाते से भी की ठगी
ठगों की धमकियां यहीं नहीं रुकीं। अगले दिन, उन्होंने गोयल की पत्नी के अकाउंट से भी 18 लाख रुपये निकलवाकर डीपीडी एसोसिएट के खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इसके अलावा, गोयल के अकाउंट से 60 हजार रुपये मेजीगो टेक प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट में डलवाए गए।
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
पूरी घटना के दौरान, ठगों ने गोयल पर स्काइप एप के जरिए नजर रखी और उन्हें लगातार धमकाया। ठगों ने ईडी के नाम का इस्तेमाल कर गोयल को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को इस बारे में बताया, तो उन्हें बच्चों की तस्करी में फंसा दिया जाएगा। जब गोयल को शक हुआ, तो उन्होंने अपने डीएसपी दोस्त से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। इसके बाद, उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लसूड़िया पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।