Fri. Oct 11th, 2024

नेवी के 7 पूर्व अफसर लौटने पर कमांडर पूर्णेद तिवारी की बहन ने बोला……कतर से लौटेगा मेरा भाई

इंडियन नेवी के 8 अफसरों में से 7 की हो गई है इंडिया में वापसी, और अभी भी ट्रैवल बैन की वजह से कमांडर पूर्णेद तिवारी खाड़ी देश के कतर में बंदी हैं। इन सभी कमांडर को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुना दी गई थी, हालांकि पीएम नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप के कारण इन सभी को रिहा कर दिया गया, लेकिन इनमें से अभी भी एक भारत नही पहुंच पाए हैं। यह सारी जानकारी पूर्णेद तिवारी की बहन से पता लगी हैं।

बहन ने पीएम का किया शुक्रियाअदा

कमांडर पूर्णेद तिवारी की बहन डॉ.मीतू तिवारी ने 7 अफसरों की वतन वापसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को तहे दिल से शुक्रिया अदा किया हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई है की वे अपने भाई पूर्णेद से भी जल्द ही मिलेंगी।इन सभी अफसरों को कतर की सरकार ने करीब ड़ेढ साल तक जेल में बंदी बनाकर रखा था। इन सभी के ऊपर जासूसी का आरोप था।

डॉ मीतू तिवारी ने आठों अफसरों के जेल से छूटने की खुशी में मीडिया से बात की, उन्होंने कहा की सभी आठ अधिकारियों को जेल से रिहा कर दिया गया है, और उनमें से 7 की वतन वापसी भी हो गई हैं, जबकी उनके भाई कमांडर पूर्णेद तिवारी पर ट्रैवल बैन के कारण अभी तक अपने वतन वापस नहीं आ पाए हैं।

7 अफसरों की हुई वतन वापसी

डॉ. मीतू भार्गव ने बताया है कि उनके प्रयासों की वजह से अब तक 7 अफसरों की वतन में वापसी हो चुकी है। उन्होंने ये भी बोला है की अभी मेरे भाई की वापसी नहीं हुई है लेकिन उम्मीद है की मैं और मेरा परिवार उनसे भी जल्द ही मिलेगा। खुशी तो इस बात की है की सभी अफसरों को रिहा कर दिया गया है और अब उनपर कोई चार्ज नहीं है।

जानिए पहली बार किसको मिला था भारत रत्न, किसे और क्यों दिया जाता है यह सम्मान

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसकी शुरुआत साल 1955 में डाॅ राजेन्द्र प्रसाद की सरकार में हुआ था। पहली बार भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जिन्हें एक दार्शनिक, राजनेता और अकादमिक के रूप में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1954 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था।

किसे दिया जाता है

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। ये पुरस्कार उन्हीं व्यक्तियों को दिया जाता है। उसके फैसलों या कार्यों से देश का विकास हुआ हो। बता दें कि देश का पहला भारत रत्न पुरस्कार 1954 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को दिया गया था।

कुछ अनसुने तथ्य

भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति इस सम्मान के लिए पात्र है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में उच्चतम स्तर की असाधारण सेवा/प्रदर्शन की मान्यता के लिए प्रदान किया जाता है। भारत रत्न के लिए सिफारिशें स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को किया जाता है। इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं होती है। पुरस्कार प्रदान किए जाने पर, प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है। पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं है।

अब तक इन लोगों को मिला सम्मान

1. सी राजगोपालाचारी (1954)

2. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954)

3. सी.वी. रमन (1954)

4. भगवान दास (1955)

5. एम. विश्वरवैया (1955)

6. जवाहरलाल नेहरू (1955)

7. गोविंद बल्लभ पंत (1957)

8. धोंडो केशव कर्वे (1958)

9. बिधन चंद्र रॉय (1961)

10. पुरुषोत्तम दास टंडन (1961)

11. राजेंद्र प्रसाद (1962)

12. जाकिर हुसैन (1963)

13. पांडुरंग वामन काणे (1963)

14. लाल बहादुर शास्त्री (1966)

15. इंदिरा गांधी   (1971)

16. वी.वी. गिरी (1975)

17. के कामराज (1976)

18. मदर टेरेसा  (1980)

19. विनोबा भावे (1983)

20. खान अब्दुल गफ्फार खान (1987)

21. एम.जी. रामचंद्रन (1988)

22. भीमराव अंबेडकर (1990)

23. नेल्सन मंडेला (1990)

24. राजीव गांधी (1991)

25. सरदार वल्लभभाई पटेल (1991)

26. मोरारजी देसाई (1991)

27. अबुल कलाम आजाद (1992)

28. जे आर.डी टाटा (1992)

29. सत्यजीत रे         (1992)

30. गुलजारी लाल नंदा (1997)

31. अरूणा आसफ अली (1997)

32. एपीजे अब्दुल कलाम (1997)

33. एम.एस. सुब्बूलक्ष्मी (1998)

34. चिदंबरम सुब्रमण्यम (1998)

35. जयप्रकाश नारायण (1999)

36. अमर्त्य सेन         (1999)

37. गोपीनाथ बोर्दोलोई (1999)

38. रविशंकर        (1999)

39. लता मंगेशकर (2001)

40. बिस्मिल्लाह खान (2001)

41. भीमसेन जोशी (2009)

42. C. N. R. राव (2014)

43. सचिन तेंदुलकर (2014)

44. मदन मोहन मालवीय (2015)

45. अटल बिहारी वाजपेई (2015)

46. प्रणव मुखर्जी (2019)

47. नानाजी देशमुख (2019)

48. भूपेन हजारीका (2019)

49. कर्पूरी ठाकुर (2024)

50. लाल कृष्ण आडवाणी (2024)

51. चौधरी चरण सिंह (2024)

52. पी. वी. नरसिंह राव (2024)

53. एम एस स्वामीनाथन (2024)

पहली बार एक साल में तीन की वजह पांच हस्तियों को मिला भारत रत्न, जानिए कौन है भारत रत्न पाने वाली तीन नई हस्तियां

शुक्रवार को भारत सरकार ने भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से तीन हस्तियों को सम्मानित करने की घोषणा की। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री पी नरसिम्हा राव, पूर्व चरण सिंह चौधरी और वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन शामिल हैं। यह पहला मौका जब भारत सरकार ने एक साल में तीन नहीं बल्कि पांच लोगों को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की है। इस बीच लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि जब एक साल में तीन हस्तियों को सम्मान देने का प्रावधान है तो इस साल पांच लोगों को कैसे दे दिया। तो इसका जबाव साल 2020-22 और 2023 में भारत रत्न किसी को भी नहीं दिया गया। यही कारण है कि इस साल तीन की जगह पांच हस्तियों को यह सम्मान दिया जा रहा है।

आईये जानते है इन तीन हस्तियों के बारे में, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।

1.एमएस स्वामीनाथन (कृषि क्रांति के जनक)

बतौर वैज्ञानिक उनकी बेमिसाल उपलब्धियां रही हैं। इसके अलावा उनकी शख्सियत दक्षिण भारत के प्रतिभावान लोगों का भी प्रतिनिधित्व करती रही है। स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न देने से दक्षिण को साधने की मोदी सरकार की रणनीति को और मजबूती मिल सकती है। स्वामीनाथन कृषि क्रांति के जनक थे। उन्हें भारत रत्न देने से दक्षिण के साथ ही भाजपा की किसानों को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

2. पीवी नरसिम्हा राव (पूर्व प्रधानमंत्री)

विपक्ष लगातार यह आरोप लगाता रहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की हमेशा आलोचना करते हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति उनका रवैया आलोचनात्मक है। एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की प्रशंसा की थी और कहा था कि वे व्हीलचेयर पर भी सदन में आते रहे और लोकतंत्र को ताकत देते रहे। अगले ही दिन नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का एलान हो गया।

नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न देने का एलान विपक्ष को करारा जवाब इसलिए भी है, क्योंकि भाजपा लगातार यह आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस ने बतौर प्रधानमंत्री राव के योगदान को हमेशा नजरअंदाज किया। यहां तक कि मोदी के कट्टर आलोचक मणिशंकर अय्यर ने तो एक बार राव को भाजपा का पहला प्रधानमंत्री तक करार दे दिया था।

3.चौधरी चरण सिंह  (पूर्व प्रधानमंत्री)

चौधरी चरण सिंह की किसानों के मसीहा के रूप में पहचान रही है। अगले लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के जाट बहुल सीटों पर चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने का असर पड़ सकता है। इन इलाकों की करीब 40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां जाट मतदाताओं का असर माना जाता है।

चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की भाजपा के साथ जाने की अटकलें पिछले कई दिनों से लग रही हैं। चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत ने ट्वीट किया, ‘दिल जीत लिया।’ जयंत चौधरी अगर भाजपा के साथ जाते हैं तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा को काफी फायदा हो सकता है।