फिल्में देखकर आया फर्जी नोट छापने का आइडिया, पुलिस ने दो दबोचे करोड़ों के रुपये
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कई फिल्मों में फर्जी नोट छापने दिखाया गया है। लेकिन भिंड में एक दोस्तों के गिरोह ने मिलकर फर्जी नोट छापना शुरू कर दिया और लाखों रूपये के नोट छाप दिए। इन नोटों को उन्होंने सभी को बांटना शुरू कर दिए थे। लेकिन पुलिस ने इसे दबोच लिया।
पुलिस ने दबोचा
झांसी एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक सीपरी बाजार थाना पुलिस व स्वाट टीम ने मुखबिर की सूचना पर कानपुर हाइवे पर स्थित बूढ़ा गांव के पास चेकिंग के दौरान दो स्कूटी पर सवार चार युवकों को पकड़ा। इनमें भिंड जिले के लहार निवासी 27 वर्षीय पंकज कुमार मल्होत्रा, 22 वर्षीय आशिक उर्फ आशीष जाटव निवासी सरी, दतिया के ग्राम बरचोरी निवासी 30 वर्षीय मनीष जाटव एवं भांडेर निवासी 21 वर्षीय कमलकांत शिवहरे शामिल हैं।
तलाशी के दौरान पुलिस ने इनसे ढाई लाख रुपये के नकली के नोट, प्रिंटर, ए-4 साइज के पेपर, कुछ अधछपे नोट, ब्लेड कटर, हरे रंग की टेप, कैंची बरामद की। गिरोह का सरगना पंकज बीएससी पास है। पिता सुरेश कुमार मल्होत्रा ग्वालियर में हवलदार और भाई शिवपुरी में आरक्षक है। कमलकांत भी बीएससी कर रहा है। वह बिल्डिंग मटेरियल की शॉप चलाता था। उसे बिजनेस में घाटा हुआ था। इसके बाद उसने अपराध का रास्ता चुना।
जल्दी आमिर बनने के लिए उठाया कदम
पंकज और उसके दोस्तों ने जल्द अमीर बनने के लिए फरवरी से ही नकली नोट छापने का धंधा शुरू किया। यह लोग 35 हजार रुपये लेकर एक लाख के नकली नोट एजेंट को देते थे। यह लोग अभी तक लाखों रुपये के नकली नोट बनाकर एजेंट के माध्यम से बाजार में खपा चुके हैं। इस बार इन्होंने 5 लाख रुपये छापे थे, इनमें ढाई लाख रुपये पहले ही एजेंट को दे चुके हैं और ढाई लाख रुपए पुलिस ने बरामद कर लिए। यह रुपये वह झांसी की पाल कालोनी में एक एजेंट को देने जा रहे थे।
एसपी सिटी के अनुसार कहीं से बड़ी रकम की डिमांड होती थी तो चारों आरोपी अपने सामान के साथ वहां पहुंच जाते थे। साथ ही मौके पर ही नकली नोट प्रिंट कर दे देते थे। एक साथी जितेंद्र फिलहाल फरार है। जिसने इन्हें नकली नोट छापने सिखाया है उसे भी तलाश किया जा रहा है। एजेंट के माध्यम से गुटखा की दुकान, पान की दुकान, किराना की दुकानों पर ये नोट को चलाते थे।