Sun. Nov 3rd, 2024

बेटा मांग रहा था पिता से शराब के लिए पैसे, पिता ने मोगरी से मारकर कर दी हत्या

कनाड़िया थाना क्षेत्र के पहाड़ी टेकरी में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। मृतक का शव घर में खून से लथपथ हालत में मिला, जिससे इलाके में भय का माहौल बन गया। पुलिस के अनुसार, पिता और बेटे के बीच रुपयों को लेकर विवाद हुआ था। मृतक की पहचान 27 वर्षीय चेतन नवरंग के रूप में हुई, जिस पर पहले से ही लूट और मारपीट के सात आपराधिक मामले दर्ज थे।

नशे की हालत में बेटे ने मांगे थे पैसे

एडिशनल डीसीपी (जोन-2) अमरेंद्र सिंह के अनुसार, चेतन का पिता श्यामलाल नवरंग, जो एक गैस एजेंसी में गोदामकीपर के रूप में कार्यरत है, ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। श्यामलाल ने बताया कि चेतन अक्सर नशे में धुत्त होकर घर आता था और शराब के लिए पैसे मांगता था। बुधवार रात भी चेतन नशे की हालत में घर आया और रुपये न मिलने पर गाली-गलौज कर घर से चला गया। रात करीब ढाई बजे वह फिर घर लौटा और पिछली तरफ से आकर सो गया।

पिता-पुत्र के बीच विवाद, हत्या पर पुलिस को संदेह

श्यामलाल ने बताया कि चेतन के साथ दो और युवक घर आए थे। उसकी पत्नी शारदा ने दावा किया कि रूम से विवाद की आवाजें आ रही थीं, जिसके बाद श्यामलाल ने आवाज लगाई तो दोनों युवक दरवाजा खोलकर फरार हो गए। चेतन को खून से सना देख श्यामलाल ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम करवाया, जिसमें सिर और शरीर पर चोट के निशान पाए गए।

पड़ोसियों ने की पिता-पुत्र विवाद की पुष्टि

पुलिस को श्यामलाल के बयान पर संदेह हुआ, क्योंकि पड़ोसियों ने पिता-पुत्र के बीच कई बार विवाद होने की पुष्टि की। पुलिस को शक है कि पिता-पुत्र के बीच हुए इस तनावपूर्ण संबंध का हत्याकांड से कोई न कोई कनेक्शन हो सकता है। फिलहाल पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही है और मृतक के परिवार वालों से पूछताछ जारी है।

पैसों के लालच में युवक ने की बुजुर्ग हत्या, पुलिस ने आनोखे अंदाज में पकड़ आरोपी

मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम सिंदपन में सोमवार को एक बुजुर्ग की हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई। इस हत्या के आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रयास में एक दिलचस्प घटना सामने आई, जब आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए खदान में छलांग लगा दी। इस घटना में आरोपी घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अस्पताल में भर्ती कराया।

बुजुर्ग की हत्या और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

ग्राम सिंदपन में रहने वाले मांगीलाल बावरी का खून से सना शव देखकर ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही नारायणगढ़ थाना प्रभारी अनिल रघुवंशी और बूढ़ा चौकी प्रभारी भीम सिंह राठौर मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि मांगीलाल कुछ दिनों से टकरावद निवासी राजू उर्फ सुखलाल के साथ रह रहा था, जो घटना के बाद से फरार हो गया था। पुलिस को राजू पर शक हुआ और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया गया।

पुलिस को देख खदान में कूदा आरोपी

सोमवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि राजू पहेड़ा मगरा क्षेत्र में देखा गया है। पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन खुद को घिरा देख राजू ने गिट्टी खदान में छलांग लगा दी। इस कोशिश में उसके हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद पुलिस ने उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया और तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया।

रुपयों के लालच में की गई हत्या

पुलिस की पूछताछ में राजू ने कबूल किया कि उसने मांगीलाल के पास रखे 13,500 रुपये के लालच में उसकी हत्या की थी। मांगीलाल इस रकम से कंप्रेशर मशीन खरीदने वाला था, लेकिन रुपयों की चाह में राजू ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य सुरागों की तलाश में जुटी है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लिया कानून की आंखों से पट्टी हटाकर लिया ऐतिहासिक फैसला, अब रोड पर दिखेंगा सुप्रीम कोर्ट में कितने केस निपटे और कितने बचे

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में भारतीय न्याय व्यवस्था एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है। अदालत में न्याय की देवी की प्रतिमा को नए रूप में प्रस्तुत कर, न्याय की पारंपरिक धारणा में सुधार का प्रतीक बना दिया गया है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें रियल टाइम मुकदमों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जस्टिस क्लॉक का प्रयोग शामिल है।

नई प्रतिमा का संदेश आंखों से खुला न्याय

सुप्रीम कोर्ट की जजेस लाइब्रेरी में हाल ही में न्याय की देवी की एक नई प्रतिमा स्थापित की गई है, जो न्याय के नए आदर्शों को दर्शाती है। इस प्रतिमा की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी आंखों से पट्टी हटा दी गई है। न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाने का यह प्रतीकात्मक बदलाव यह संदेश देता है कि अब न्याय अंधा नहीं है, बल्कि वह सभी के लिए समान रूप से सुलभ है।

तलवार की जगह संविधान

इस नई प्रतिमा के दूसरे बड़े बदलाव में न्याय की देवी के हाथ से तलवार को हटा दिया गया है और उसके स्थान पर एक पुस्तक थमा दी गई है, जो संविधान या कानून की किताब प्रतीत होती है। यह परिवर्तन न्याय के संतुलन और समानता को दर्शाता है, जो यह इंगित करता है कि न्याय व्यवस्था अब केवल शक्ति या दंड पर आधारित नहीं है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के आधार पर संचालित होती है।

औपनिवेशिक प्रतीकों से मुक्ति

न्याय की देवी की पारंपरिक प्रतिमा में एक हाथ में तराजू और दूसरे में तलवार थी, जो यह दर्शाती थी कि कानून निष्पक्ष है और केवल कानून के सिद्धांतों पर चलता है। परंतु नई प्रतिमा में तलवार को हटाकर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अब समय आ गया है कि औपनिवेशिक प्रतीकों को छोड़कर आधुनिक और अधिक मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया जाए।

पारदर्शिता की नई पहल

न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तिलक मार्ग पर एक बड़ी वीडियो वॉल स्थापित की है, जिसे ‘जस्टिस क्लॉक’ कहा जाता है। यह जस्टिस क्लॉक जनता को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज हुए, निपटाए गए और लंबित मुकदमों की वास्तविक समय (रियल टाइम) जानकारी प्रदान करती है। इसके माध्यम से जनता को सीधे तौर पर यह पता चल सकता है कि अदालत में क्या हो रहा है और न्यायिक प्रक्रिया किस प्रकार आगे बढ़ रही है। इससे पहले यह जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध थी, लेकिन अब वीडियो वॉल के माध्यम से इसे और अधिक सुलभ बनाया गया है।

मथुरा रोड पर भी लगेगी जस्टिस क्लॉक

सुप्रीम कोर्ट की इस पहल को और विस्तार देने के लिए मथुरा रोड पर भी एक और जस्टिस क्लॉक लगाने का प्रस्ताव है। ऐसा अनुमान है कि यह जस्टिस क्लॉक दीपावली की छुट्टियों के दौरान स्थापित की जा सकती है, जिससे और भी अधिक लोगों तक न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी पहुंच सकेगी।

फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर बांट रहा पैन कार्ड, पुलिस ने जाल बिछाकर पकड़ा

जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में एक बड़े धोखाधड़ी रैकेट का खुलासा हुआ है, जहां एक शातिर ठग खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर ग्रामीणों को फर्जी पैन कार्ड के जरिए ठगी कर रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस आरोपी को धर दबोचा है।

गांव के संतकुमार सनोडिया की शिकायत से हुआ भंडाफोड़

बंडोल थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदग्वार निवासी संतकुमार सनोडिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके गांव में एक व्यक्ति खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर फर्जी पैन कार्ड बांट रहा है। जब उसका नाम पूछा गया, तो उसने अपना नाम निवेश कुमार सुपले बताया, जो कान्हीवाड़ा के कामता थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

फर्जी पैन कार्ड से हो रही थी ठगी

निवेश कुमार सुपले गांव के लोगों को पैन कार्ड के महत्व के बारे में गुमराह कर पैसे ऐंठ रहा था। उसकी चाल का पर्दाफाश तब हुआ, जब उसके द्वारा दिए गए पैन कार्ड की जांच मोबाइल पर की गई और वे नकली पाए गए। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

त्वरित कार्रवाई में पकड़ा गया आरोपी

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने संतकुमार सनोडिया द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर आरोपी निवेश कुमार सुपले को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि वह काफी समय से इस धोखाधड़ी में लिप्त था।

पुलिस को मिला बड़ा सबूत

पुलिस ने आरोपी के घर से एक लैपटॉप, प्रिंटर मशीन, लेमिनेशन मशीन, 88 फर्जी पैन कार्ड, 4100 रुपये नकद और एक बाइक बरामद की है। आरोपी अपने घर पर ही लैपटॉप के जरिए फर्जी पैन कार्ड बनाता था और उन्हें प्रिंट करके लेमिनेशन कर लोगों को बेचता था। वह लोगों को सरकारी कामों में इन पैन कार्डों की जरूरत का झूठा भरोसा दिलाकर उनसे पैसे वसूलता था।

लोगों से सावधानी बरतने की अपील

पुलिस का दावा है कि आरोपी लंबे समय से इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था और उसने कई लोगों को ठगा है। पुलिस ने सभी लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति से सावधान रहें और अगर उन्हें किसी भी तरह की धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इस घटना से साफ है कि ठग लोगों को गुमराह करने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए जनता को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

KYC के लिए आया काॅल और उड़ गए 1.72 लाख रुपये, अब पुलिस कर रही जांच

सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले दिनकर जैन साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने KYC अपडेट के बहाने उनके बैंक खाते से 1 लाख 72 हजार रुपये उड़ा लिए। इस मामले की शिकायत उन्होंने एसपी कार्यालय में दर्ज कराई है।

व्हाट्सएप पर आया KYC का संदिग्ध मैसेज

दिनकर जैन को 12 अक्तूबर 2024 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नाम से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला, जिसमें KYC अपडेट करने का अनुरोध था। इस मैसेज में एक मोबाइल नंबर (9110597513) दिया गया था, साथ ही एक Apk फाइल भी भेजी गई थी।

एप डाउनलोड कर की जानकारी साझा

मैसेज पर विश्वास करते हुए दिनकर जैन ने Apk फाइल को डाउनलोड किया। जब उन्होंने इस फाइल को खोलने के बाद दिए गए लिंक पर क्लिक किया, तो एक एप इंस्टॉल हो गया। इस एप में उनसे डेबिट कार्ड और पिन की जानकारी मांगी गई, जिसे उन्होंने भर दिया। जानकारी भरते ही उनके बैंक खाते से 1 लाख 72 हजार रुपये काट लिए गए।

पुलिस कार्रवाई की मांग

ठगी का शिकार होने के बाद दिनकर जैन ने तुरंत एसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि ठगों को पकड़कर उन्हें न्याय दिलाया जाए और उनके खोए हुए पैसे वापस दिलवाए जाएं।

साइबर ठगी से बचने के उपाय

आजकल फिशिंग ई-मेल, फेक कॉल और फर्जी वेबसाइट के जरिए KYC अपडेट करने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि कोई भी संदिग्ध लिंक या एप डाउनलोड न करें और अपनी बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें। बैंक कभी भी व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिए KYC अपडेट करने के लिए नहीं कहते हैं।

दमोह में युवक पर ऑनलाइन गेम से हुआ 7 लाख का कर्ज उतारने के लिए लूटा बैंक, तीन दोस्तों के साथ मिलकर की लूट

दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र में सहकारी बैंक से 7 लाख 50 हजार रुपए की चोरी का मामला सामने आया है। इस वारदात का पर्दाफाश पुलिस ने कर दिया है, जिसके अनुसार एक युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर यह अपराध किया।

चोरी की योजना का मास्टरमाइंड

4 अक्तूबर की रात, तीनों आरोपियों—हिमांशु उर्फ निक्की दीक्षित, दीपक उर्फ दिप्पू और अंशुल—ने बैंक की दीवार में छेद करके लॉकर से पैसे चुराने की योजना बनाई। हिमांशु ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह कृत्य किया ताकि ऑनलाइन गेम के चलते बढ़े कर्ज को चुकाया जा सके।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

पांच अक्तूबर को जब बैंक कर्मचारी पहुंचे, तो उन्हें चोरी का पता चला और पुलिस को सूचित किया गया। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। तेजगढ़ थाना प्रभारी अभिषेक पटेल ने बताया कि हिमांशु ने अपनी योजनाबद्ध तरीके से चोरी की थी और वह बैंक के पास ही रहता था, जिससे उसे बैंक का पूरा ज्ञान था।

पैसों की बरामदगी

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बैंक की तिजोरी में कुल 22 लाख 50 हजार रुपए थे, जिनमें से 7 लाख 50 हजार रुपए गायब थे। आरोपियों से चोरी की गई राशि भी बरामद कर ली गई है। न्यायालय में पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है।

भोपाल में सुसराल वालों ने 16 साल से बंधक बनाकर रखा था महिला, केवल शरीर में मांस नहीं केवल हड्डी पर त्वचा रह गई

भोपाल से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को उसके ससुरालवालों ने पिछले 16 साल से बंधक बनाकर रखा था। महिला को बेहद खराब हालत में पुलिस ने रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया है।

पिता ने दी पुलिस को जानकारी

नरसिंहपुर के रहने वाले किशन लाल साहू ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी रानू साहू का 2006 में भोपाल में विवाह हुआ था। लेकिन, 2008 के बाद से ससुराल वाले न तो उन्हें अपनी बेटी से मिलने देते थे और न ही उसे मायके भेजते थे। पिता ने आरोप लगाया कि रानू के ससुराल वालों ने उसके बच्चों को भी उससे दूर भेज दिया है, जिससे वो अपनी बेटी के हालात से अनजान थे।

पड़ोसियों से मिली जानकारी

किशन लाल साहू ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उन्हें पड़ोसियों से अपनी बेटी की खराब हालत के बारे में सूचना मिली थी। उन्होंने पुलिस से अपनी बेटी का रेस्क्यू कराने और उसका उचित इलाज करवाने की गुहार लगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

पुलिस की कार्रवाई और रेस्क्यू

शिकायत के बाद पुलिस ने भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में स्थित महिला के ससुराल पहुंचकर रानू को रेस्क्यू किया। जब पुलिस ने रानू को देखा, तो उसकी स्थिति बेहद गंभीर थी। 40 साल से कम उम्र की रानू को 16 साल से एक कमरे में बंद रखा गया था। उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसका वजन 35 किलो से भी कम हो गया था और उसकी त्वचा हड्डियों से चिपकी हुई थी। रानू इतनी कमजोर हो चुकी थी कि वह बोलने की स्थिति में भी नहीं थी।

अस्पताल में भर्ती, जांच जारी

पुलिस ने रानू की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल, रानू का इलाज जारी है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

पत्नी के लिए पति ने दी कुर्बानी, करंट से बचाने पत्नी को धक्का देकर खुद झुलसा

छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव के चटुआ गांव में सोमवार को एक युवक ने करंट से झुलसी अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश में अपनी जान दे दी, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस के अनुसार, नवेगांव के निवासी राजू उईके (45) अपने घर में पूजा कर रहे थे। इसी दौरान उनकी पत्नी, जो रसोई में काम कर रही थी, अचानक करंट से झुलस गई।

पति ने दिया धक्का

पत्नी की चीख सुनकर राजू दौड़े और उन्हें बचाने के लिए धक्का दिया। इस प्रयास में पत्नी तो बच गई, लेकिन राजू खुद करंट के संपर्क में आकर गंभीर रूप से झुलस गए और बेहोश हो गए। परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

परिवार में मातम

राजू उईके पूर्व विधायक नत्थनशाह कवडेती के भाई के दामाद थे। घटना के बाद से परिवार में शोक का माहौल है, और उनकी पत्नी भी इस त्रासदी के बाद से बेहोशी की हालत में हैं।

भोपाल में नुक्कड पर चाय पीने गए थे पार्षद, गुस्साई महिलाओं ने कर दी नुक्कड़ पर ही जमकर धुनाई

रविवार शाम भोपाल के शाहपुरा फूड स्ट्रीट पर स्थानीय पार्षद अरविंद कुमार वर्मा के साथ मारपीट की घटना सामने आई। वार्ड 48 के पार्षद अरविंद अपने दोस्तों के साथ चाय पीने गए थे, तभी वहां हिस्ट्रीशीटर बदमाश पारस मीणा ने उन्हें देखा।

अभद्रता से शुरू हुआ विवाद

पारस ने पहले पार्षद से अभद्रता की, और फिर अपनी मां राधाबाई, पत्नी और भाभी के साथ मिलकर अरविंद और उनके दोस्तों पर हमला कर दिया। पार्षद और उनके दोस्त किसी तरह वहां से भागकर चूनाभट्टी थाने पहुंचे और घटना की शिकायत दर्ज कराई।

महिलाओं की भी शिकायत

पार्षद की शिकायत के बाद चारों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। लेकिन आरोपित महिलाओं ने भी पार्षद पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पुलिस अब दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच कर रही है।

थाने में हंगामा

मारपीट के तुरंत बाद पार्षद अरविंद कुमार वर्मा जब थाने पहुंचे, तो पारस और उनकी महिलाएं भी वहां पहुंच गईं। पुलिस ने पार्षद की शिकायत पर कार्रवाई की, जबकि पारस की शिकायत पर पार्षद के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। इससे नाराज महिलाओं ने थाने में हंगामा कर दिया, जो करीब 10 मिनट तक चला। अंत में, पुलिस की समझाइश पर महिलाएं लौट गईं।

बदला लेने की कोशिश

पार्षद ने कहा कि पारस मीणा और उनके भाइयों ने शाहपुरा फूड स्ट्रीट पर अवैध अतिक्रमण किया था, जिसके खिलाफ कार्रवाई के बाद वे मुझसे बदला लेने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार को जब मैं अपने दोस्तों के साथ चाय पी रहा था, तब उन्होंने मुझे देखते ही अभद्रता की और फिर महिलाओं के साथ मिलकर मुझ पर हमला किया।

शिवपुरी में पानी का गढ्ढा बना मौत का गढ्ढा, छह बहनों के इकलौते भाई सहित 3 की मौत

शिवपुरी के निवोदा गांव में एक दुखद घटना ने बंजारा समाज की बस्ती को शोक में डुबो दिया, जब शनिवार की सुबह तीन छोटे बच्चे एक गड्ढे में डूब गए। नीरज (10), संजय (8) और रवि (9) अपने खेल के दौरान बस्ती से बाहर आए और गड्ढे में नहाने लगे, लेकिन गहराई में चले जाने के कारण उनकी जान चली गई।

अस्पताल में किया मृत घोषित

घटना के बाद, अन्य बच्चों ने जब यह देखा कि वे डूब रहे हैं, तो दौड़कर परिजनों को सूचित किया। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों को गड्ढे से बाहर निकाला। उन्हें फौरन शिवपुरी के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

6 बहनों का था इकलौता भाई

नीरज, जो 6 बहनों का इकलौता भाई था, की मौत ने परिवार में एक गहरा शोक छोड़ दिया। परिजनों ने बच्चों के शवों को घर ले जाने का निर्णय लिया, जबकि अधिकारियों ने उन्हें जिला अस्पताल जाने की सलाह दी। कोलारस के एसडीओपी विजय यादव, एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे पोस्टमॉर्टम कराने को राजी नहीं हुए। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने भी गांव जाकर परिजनों से बात की, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।

पूरी बस्ती को लगा सदमा

आखिरकार, कोलारस स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. विवेक शर्मा को बुलाकर तीनों बच्चों की फॉर्मल ऑटोप्सी रिपोर्ट तैयार कराई गई, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकी। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरी बस्ती के लिए एक गहरा सदमा है, जिसने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता को उजागर किया है।