Fri. Oct 11th, 2024

बच्चों को हिंदी पढ़ाने वाली शिक्षिका को ही नहीं आती हिंदी, पैरेंट्स के सामने बोर्ड पर गलत लिखे श्रृंगार

सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के श्यामपुर गांव स्थित हाईस्कूल में एक गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल में पढ़ने वाले कई छात्रों ने पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद कुछ जागरूक अभिभावक स्कूल पहुंचे। उनका उद्देश्य था शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके की जांच करना, खासकर हिंदी की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना।

बोर्ड पर शुद्ध हिंदी लिखने में विफल रही शिक्षिका

स्कूल में हिंदी की अतिथि शिक्षिका नेहा से बोर्ड पर हिंदी के रसों और उनके स्थायी भाव लिखने का अनुरोध किया गया। जब शिक्षिका से यह कार्य कराया गया, तो वह सही उत्तर नहीं दे पाईं। इससे बच्चों और अभिभावकों के सामने शिक्षिका की हिंदी ज्ञान की कमी उजागर हो गई।श्रृंगार रस को लिखा “श्रंगार” और हास्य रस का भाव लिखा “हंसी”अभिभावकों के सामने शिक्षिका की गलतियां लगातार सामने आती रहीं। उन्होंने “श्रृंगार” के स्थान पर “श्रंगार”, “हास्य” के स्थान पर “हस्य” और “भयानक” के स्थान पर “भयनक” लिख दिया। हास्य रस के स्थायी भाव के रूप में “हास” लिखने के बजाय उन्होंने “हंसी” लिखा, जिससे अभिभावक काफी हैरान हुए।

शिक्षिका ने मांगी माफी

स्थिति को गंभीर होते देख अतिथि शिक्षिका ने अपनी गलती स्वीकार की और अभिभावकों से माफी मांगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलतियां नहीं होंगी। हालांकि, अभिभावकों का कहना था कि यह सिर्फ गलती की बात नहीं है, बल्कि बच्चों को सही शिक्षा देने का मुद्दा है।

स्कूल प्रबंधन की प्रतिक्रिया

अभिभावकों की इस शिकायत के बाद स्कूल के प्रिंसिपल और क्षेत्रीय बीईओ ने आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच की जाएगी। आगे की कार्रवाई के लिए डीईओ को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि उचित कदम उठाया जा सके।

मप्र सरकार ने मदरसों पर की कड़ी कार्रवाई, एक जिले के 56 मदरसों की मान्यता तात्कालिक की रद्द

मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार ने हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में बड़ा एक्शन लिया है। श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इस कार्रवाई का कारण है कि इन मदरसों के संचालन में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के आदेश पर जिले में मदरसों की एक व्यापक जांच की गई।

शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो रही थी

इस जांच में सामने आया कि श्योपुर जिले में 80 से अधिक मदरसे संचालित हो रहे हैं। इनमें से 50 से अधिक मदरसों में कोई शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो रही थी। कुछ मदरसों में तो किसी छात्र की उपस्थिति भी नहीं थी और कई स्थानों पर तो मदरसे का अस्तित्व ही नहीं मिला। इसके बावजूद इन संस्थाओं ने अनुदान प्राप्त किया था, जो कि एक गंभीर मुद्दा था।

जांच रिपोर्ट के आधार पर श्योपुर कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने बताया कि एक विशेष टीम ने जिले के 80 मदरसों की जांच की। इस जांच में 56 मदरसे असंचालित पाए गए। इस रिपोर्ट को मदरसा बोर्ड को भेजा गया, और बोर्ड ने इन मदरसों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया।

सभी जिलों में हो जांच

उदय प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई के बाद प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में सभी शिक्षण संस्थाओं का नियमित निरीक्षण करें। मंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिले और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। मंत्री ने प्रदेश में संचालित मदरसों के भौतिक सत्यापन की जांच की गति बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि जिन मदरसों का संचालन नियमों के अनुरूप नहीं हो रहा है, उनकी मान्यता समाप्त की जाए। इसके साथ ही प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के स्कूलों का भी भौतिक सत्यापन तेजी से किया जाए। मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने मदरसों के नियमों के खिलाफ संचालन और फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस जांच की शुरुआत की थी।

देखिए उमरिया में हैरान करने वाले दृश्य स्कूल की क्लास में पहले शिक्षक के दारू के पैग बनते, फिर खुलती हैं किताबें

उमरिया जिले के सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जिसने एमपी सरकार की निशुल्क शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है। इस घटनाक्रम में एक शिक्षक की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है, जिससे शिक्षा के प्रति समाज का विश्वास हिल गया है। मामला जिला मुख्यालय के पास स्थित ग्राम पंचायत गिंजरी का है, जहां के शासकीय प्राथमिक शाला गिंजरी में पदस्थ शिक्षक उमेलाल बैगा ने अपने दायित्वों का पूर्णतः उल्लंघन किया है।

नशे मेें घुत होकर स्कूल पहुंचता था शिक्षक

जानकारी के अनुसार, शिक्षक उमेलाल बैगा नियमित रूप से शराब के नशे में धुत होकर विद्यालय पहुंचते हैं। नशे में धुत होने के कारण वे कक्षा में लड़खड़ाते हुए प्रवेश करते हैं और पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल के वातावरण को भी नष्ट कर रहे हैं। यह स्थिति केवल शिक्षक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी का उल्लंघन नहीं है, बल्कि इससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के छात्रों के भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

कक्षा में बोतल रखकर पीते थे

छात्रों का कहना है कि उनके अध्यापक शराब पीकर विद्यालय आते हैं, और इस स्थिति से वे भयभीत भी हैं। नशे में धुत होने के कारण शिक्षक कक्षा में बोतल रखकर शराब पीते हैं, जिससे छात्रों के मन में शिक्षा के प्रति एक गलत छवि बन रही है। इस स्थिति ने छात्रों के मनोबल और उनकी शिक्षा के स्तर को भी प्रभावित किया है।

तत्काल प्रभाव से किया निलंबित

इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह गौर ने शिक्षक उमेलाल बैगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि उमेलाल बैगा का यह कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की कंण्डिका 03 के विपरीत आचरण की श्रेणी में आता है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल शिक्षा व्यवस्था की छवि धूमिल होती है, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

बच्चों ने प्लेनेटेरियम शो में की अंतरिक्ष की सैर, देखी यूरेनस और नेपच्यून की रंग-बिरंगी दुनिया

पृथ्वी की संरचना, उसके हरे-भरे परिदृश्य और नीले समुद्र की विस्तृत छटा के बारे में जानना हर बच्चे के लिए रोमांचक होता है। इसी रोमांच को जीवंत रूप देने के लिए मूसाखेड़ी स्थित सीएम राइज स्कूल में बच्चों के लिए एक विशेष ‘प्लेनेटेरियम शो’ का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अंतरिक्ष की सैर की और ग्रहों की अद्भुत दुनिया को करीब से देखा।

यह यात्रा शुरू हुई एक असाधारण अंतरिक्ष यान से, जो बच्चों को अंतरिक्ष में उड़ा ले गया। वहां उन्होंने पृथ्वी के अलावा विशाल ग्रह बृहस्पति और शनि के आकर्षक वलयों को देखा। इन ग्रहों के उपग्रह, विभिन्न गैसों के असीम भंडार और अद्वितीय प्राकृतिक घटनाओं ने बच्चों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शो के दौरान बच्चों को बताया गया कि क्यों अंतरिक्ष में स्पेस सूट पहनना जरूरी होता है।

इस शो में यूरेनस और नेपच्यून की रंग-बिरंगी दुनिया का भी अवलोकन किया गया। यूरेनस के हल्के नीले-हरे बादल और ‘ग्रेट डार्क स्पॉट’ के स्लेटी रंग ने बच्चों को आकर्षित किया। नेपच्यून का सबसे बड़ा चंद्रमा ट्राइटन, मीथेन बर्फ और जमी हुई नाइट्रोजन का प्रभाव 3डी तकनीक से दिखाया गया, जो बच्चों के लिए बेहद रोमांचक था।

डोम के भीतर आयोजित इस ‘प्लेनेटेरियम शो’ को देखने के बाद बच्चों ने पहली बार ग्रहों और तारामंडल को इतनी करीब से देखा और उनका अनुभव किया। शो के दौरान बच्चों की खुशी और उत्साह देखते ही बन रहा था। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि यह उनके जीवन का सबसे अद्भुत और यादगार दिन था।

नोएडा से एक विशेषज्ञ टीम आई

इस शो को खास बनाने के लिए नोएडा से एक विशेषज्ञ टीम आई थी, जिसमें अभिषेक दीक्षित, विवेक शर्मा और सुशील साहू शामिल थे। अभिषेक ने बताया कि यह शो पूरी तरह कम्प्युटराइज्ड है और एक दिन में एक हजार से अधिक बच्चों को दिखाया जा सकता है। इस शो को बनाने में उच्च गुणवत्ता वाली 3डी तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे बच्चों को एक इमर्सिव अनुभव मिला।

अभिषेक ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में यह शो शहर के अन्य स्कूलों में भी आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनाया जा सके। कक्षा नर्सरी से कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्पेस साइंस के इमर्सिव 3डी शो को छात्रों की क्लास के अनुसार एयरकंडीशंड डोम के अंदर 360 डिग्री दृश्य के साथ दिखाया गया। इस तरह के आयोजन बच्चों के विज्ञान के प्रति रुचि को बढ़ाने में मददगार होते हैं और उन्हें ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए प्रेरित करते हैं।

शो के अंत में, बच्चों ने अंतरिक्ष यात्रा के अपने अनुभव को साझा किया और कई सवाल पूछे। इस आयोजन ने न केवल बच्चों को शिक्षा के एक नए आयाम से परिचित कराया, बल्कि उन्हें कल्पना और विज्ञान के अद्भुत संगम का अनुभव भी कराया। ऐसे शैक्षिक और मनोरंजक आयोजनों से बच्चों की जिज्ञासा बढ़ती है और वे विज्ञान के प्रति और अधिक रुचि दिखाते हैं।

साल 2040 में अतंरिक्ष में कदम रखेगा भारतीय नागरिक, इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने की घोषणा

भारत में वैज्ञानिकों के बाद अब आम नागरिकों के लिए भी अतंरिक्ष की राह दूर नहीं है। इसके लिए इसरो अब तीन प्रमुख अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स की योजना बना रहा है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने इन प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी है, जो भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। इसमें एक प्रोजेक्ट ऐसा भी है जो साल 2040 तक भारतीय नागरिकों को अंतरिक्ष में पहुंचा देगा।

पहला प्रोजेक्ट: चंद्रयान-4 मिशन

इसरो ने चंद्रयान-4 मिशन पर काम शुरू कर दिया है। के. सिवन ने बताया कि इस मिशन के तहत चंद्रमा पर जाकर वहां से सैंपल इकट्ठा किया जाएगा और फिर उन सैंपल को धरती पर लाकर लैब में विश्लेषण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट चंद्रमा पर भारतीयों की तकनीकी क्षमता को और भी प्रखर बनाएगा।

दूसरा प्रोजेक्ट: अंतरिक्ष स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार, इसरो 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने पर काम कर रहा है। इसके लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति बनाई गई है, जो समय पर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू करेगी।

तीसरा प्रोजेक्ट: गगनयान

इन दोनों प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ, इसरो ने एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘गगनयान’ की घोषणा की है। इसके तहत 2040 तक भारत पहली बार चंद्रमा पर एक भारतीय नागरिक को भेजेगा।

दूसरे देशों की मदद: रूस की सहयोगिता

के. सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अन्य देशों की सहायता लेना जरूरी है। विश्व भर में वैज्ञानिक सहयोग से प्रगति हो रही है और यह आवश्यक है कि विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों में एक-दूसरे की मदद की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रूस यात्रा का भी उल्लेख किया, और बताया कि रूस ने हमेशा भारत के अंतरिक्ष मिशनों में मदद की है और भविष्य में भी सहयोग जारी रहेगा।

मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया नया फरमान, अब स्टूडेंट्स काॅलेज में नहीं पहनकर जा सकेंगे ये ड्रेस

मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने काॅलेज के स्टूडेंट्स के लिए एक नया फरमान जारी किया है। जिसके तहत अब स्टूडेंट्स काॅलेज जींस और टी शर्ट पहनकर काॅलेज नहीं जा सकेंगस। विभाग के अनुसार, सरकारी कॉलेजों में यूनिफॉर्म के लागू होने का निर्णय की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्र-छात्राओं के बीच एकरूपता और समानता की भावना को बढ़ावा देने की दिशा में है। इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि अब किसी भी छात्र-छात्रा के पसंद के अनुसार नहीं, बल्कि एक निश्चित यूनिफॉर्म में सभी कॉलेज जाएंगे।

पैंट और शर्ट में जाए काॅलेज

छात्रों को पैंट-शर्ट और छात्राओं को सलवार-कुर्ता पहनना होगा। इस यूनिफॉर्म के अंतर्गत, विभिन्न आर्थिक स्थितियों और समाजिक परिस्थितियों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा। इसके साथ ही, यह एक संवेदनशील परिवेश भी बनाएगा जहां शिक्षा के प्रति रुचि और स्थिरता बढ़ाई जा सकती है।

अर्थिक और सामजिक भेदभाव कम होगा

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस निर्णय को लेकर बताया कि इससे छात्रों के बीच अदालतीकरण और सामाजिक रूप से व्याप्त भेदभाव को कम किया जा सकता है। विभाग ने यूनिफॉर्म के रंग को तय करने का जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन पर छोड़ दिया है, जिससे कि यह रंग छात्र-छात्राओं के जनभागीदारी समिति के साथ मिलकर चुना जा सके। वही इंदर सिंह परमार ने प्रदेश भर के मदरसों को लेकर कहा है कि जो मदरसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज है, वहीं चलेंगे, जो नहीं है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

NTA ने जारी की UGC NET RE EXAM की नई तारीख, जानिए कब होगी परीक्षा

18 जून को UGC NET परीक्षा हुई थी। जो अगले दिन पेपर लीक की खबरों के बाद रद्द कर दी थी। अब NTA ने UGC NET RE EXAM की नई तारीखों की घोषणा कर दी है। यह परीक्षाएँ अब 21 अगस्त से 4 सितंबर के बीच होगी। साथ ही अब परीक्षा पेन पेपर मोड में नहीं कम्युटर बेस्ड होगी। इसके अलावा NTA ने NCET की नई तारीख 10 जुलाई और JOINT CSIR NET की तारीख 25-27 जुलाई की घोषणा की है।

10 लाख स्टूडेंट्स ने दी परीक्षा

NTA द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 18 जून को देश के 317 शहरों में कुल 1205 केंद्रों पर किया गया। यह परीक्षा 83 विषयों के लिए सुबह 9:30 बजे से 12:30 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक हुई। जून सेशन की परीक्षा के लिए कुल 11,21,225 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था। जिसमें, पुरुषों की संख्या 4,85,579 और महिलाओं की संख्या 6,35,587 रही। जबकि, बीते साल इस परीक्षा के लिए लगभग 9.45 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था।

प्रदेश में शुरू होगी ड्रोन निति, सभी क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग के बारे में समझाएंगे

मध्यप्रदेश में अब युवाओं को जल्द ही ड्रोन के बारे में युवाओं को पढ़ाया जाएगा। इसको लेकर हाल ही में मप्र के सीएम मोहन यादव ने बैठक की और बैठक में प्रदेश में इससे जुड़े कोर्स शुरू करने के आदेश दिए गए। उन्होंने कहा है कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए बनाए गए नियमों के अनुकूल कार्य संचालन पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में आवश्यक विकास के लिए राज्य शासन द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।

नए उत्त्कृष्ट महाविद्यालय खुल रहे हैं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में कहा, ‘मध्य प्रदेश में उत्कृष्ट महाविद्यालय प्रारंभ हो रहे हैं, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का चेहरा बनेंगे। ये महाविद्यालय देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श शिक्षण केन्द्र के रूप में पहचान बनाएं, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों, स्थानीय प्रशासन, विद्यार्थियों, अभिभावकों और नागरिकों को सजग भूमिका निभानी है।’

बताएंगे सभी क्षेत्रों में ड्रोन के सही इस्तेमाल के बारे में

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में ड्रोन नीति का निर्माण किया जाए। उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि और अन्य संबंधित विभागों में ड्रोन के उपयोग और प्रशिक्षण के संबंध में रणनीति बनाकर कार्य किया जाए। विमानन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषयों में युवाओं की रूचि बढ़ रही है, अत: ऐसे विषयों की बेहतर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. हाल ही में देश का पहला हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग स्कूल खजुराहो में आरंभ किया गया है। राज्य सरकार का प्रयास है कि जहां-जहां हवाई पट्टियां हैं, वहां-वहां पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निकटवर्ती विश्वविद्यालय के माध्यम से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था करें।

UGC NET परीक्षा हुई रद्द, 10 लाख स्टूडेंट्स ने मंगलवार को दी थी परीक्षा

देशभर में NTA के द्वारा UGC NET मंगलवार को परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में देशभर के लगभग 10 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। लेकिन NTA ने नीट की परीक्षा के गड़बड़ के मामले में इस पेपर को पूरी रद्द घोषित कर दिया। यूजीसी नेट जून 2024 का एग्जाम रद्द कर दिया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने NTA एग्जाम कैंसल होने की अधिसूचना जारी की है।

10 लाख स्टूडेंट्स ने दी थी परीक्षा

NTA द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 18 जून को देश के 317 शहरों में कुल 1205 केंद्रों पर किया गया। यह परीक्षा 83 विषयों के लिए सुबह 9:30 बजे से 12:30 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक हुई। जून सेशन की परीक्षा के लिए कुल 11,21,225 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था। जिसमें, पुरुषों की संख्या 4,85,579 और महिलाओं की संख्या 6,35,587 रही। जबकि, बीते साल इस परीक्षा के लिए लगभग 9.45 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था।

NEET में हुई थी गडबड़

NEET परीक्षा में 67 टॉपर्स अनाउंस करके सवालों के घेरे में है। कुछ राज्यों में NEET कैंडिडेट्स ने शिकायत की थी कि उन्हें गलत भाषा के प्रश्न पत्र दिए गए. NTA ने लॉस ऑफ टाइम के कंपनसेशन में स्टूडेंट्स को मनमाने ढंग से ग्रेस मार्क्स दिए. वहीं इतिहास में पहली बार 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 नंबर मिले। NTA इस वजह से सवालों के घेरे में आ गई. वहीं पटना, नालंदा और गुजरात के गोधरा में पेपर लीक होने की आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने NEET परीक्षा की व्यापमं घोटाले से की तुलना, सरकार से पूछे तीखे सवाल

इन दिनों पूरे देश में NEET को विवाद बना हुआ है। पूरे देश में NEET में इस बार 67 टॉपर आने से हैरानी जता रहे है। इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। जहा इसको लेकर सुनवाई जारी है। इसी बीच एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने NEET को लेकर बयान दिया है। उनका कहना है कि NEETभी व्यापम घोटाले की तरह है। इसमें भी कई लोग मिले हुए है। जिसे सरकार बचाने की कोशिश कर रही है।

NEET से जुड़े सरकार से किए तीखे सवाल

पूर्व सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब 5 मई 2024 को NEET की परीक्षा का आयोजन हुआ तो 4 मई को ही पटना में इसका पेपर कैसे लीक हो गया? पटना में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? क्या कारण था कि परीक्षा के रजिस्ट्रेशन के लिए तारीख बढ़ाने के बाद फिर 10 अप्रैल को एक दिन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के विंडो को खोला गया? उन्होंने यह भी पूछा कि जून 2024 को जब इस परीक्षा का रिजल्ट आता है तो 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक कैसे मिल गए? जबकि 720 अंक पाने वाले छात्र 2020 में दो, 2021 में तीन, 2022 में कोई नहीं और 2023 में सिर्फ दो अभ्यर्थी थे। इस बार 67 छात्रों को पूरे नंबर के मिल गए। इनके किस फॉर्मूले के तहत अंक मिले?

एक ही केंद्र के 8 छात्रों ने 720 अंक हासिल किए

हरियाणा के झज्झर स्थित एक ही परीक्षा केंद्र के 8 छात्रों ने कैसे इस परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर लिए? जबकि इनमें से एक छात्र तो 12वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया? इस केंद्र के इन सभी टॉपर्स के नाम में सरनेम क्यों नहीं है?