Sun. Nov 3rd, 2024

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लिया कानून की आंखों से पट्टी हटाकर लिया ऐतिहासिक फैसला, अब रोड पर दिखेंगा सुप्रीम कोर्ट में कितने केस निपटे और कितने बचे

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में भारतीय न्याय व्यवस्था एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है। अदालत में न्याय की देवी की प्रतिमा को नए रूप में प्रस्तुत कर, न्याय की पारंपरिक धारणा में सुधार का प्रतीक बना दिया गया है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें रियल टाइम मुकदमों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जस्टिस क्लॉक का प्रयोग शामिल है।

नई प्रतिमा का संदेश आंखों से खुला न्याय

सुप्रीम कोर्ट की जजेस लाइब्रेरी में हाल ही में न्याय की देवी की एक नई प्रतिमा स्थापित की गई है, जो न्याय के नए आदर्शों को दर्शाती है। इस प्रतिमा की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी आंखों से पट्टी हटा दी गई है। न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाने का यह प्रतीकात्मक बदलाव यह संदेश देता है कि अब न्याय अंधा नहीं है, बल्कि वह सभी के लिए समान रूप से सुलभ है।

तलवार की जगह संविधान

इस नई प्रतिमा के दूसरे बड़े बदलाव में न्याय की देवी के हाथ से तलवार को हटा दिया गया है और उसके स्थान पर एक पुस्तक थमा दी गई है, जो संविधान या कानून की किताब प्रतीत होती है। यह परिवर्तन न्याय के संतुलन और समानता को दर्शाता है, जो यह इंगित करता है कि न्याय व्यवस्था अब केवल शक्ति या दंड पर आधारित नहीं है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के आधार पर संचालित होती है।

औपनिवेशिक प्रतीकों से मुक्ति

न्याय की देवी की पारंपरिक प्रतिमा में एक हाथ में तराजू और दूसरे में तलवार थी, जो यह दर्शाती थी कि कानून निष्पक्ष है और केवल कानून के सिद्धांतों पर चलता है। परंतु नई प्रतिमा में तलवार को हटाकर यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अब समय आ गया है कि औपनिवेशिक प्रतीकों को छोड़कर आधुनिक और अधिक मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाया जाए।

पारदर्शिता की नई पहल

न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तिलक मार्ग पर एक बड़ी वीडियो वॉल स्थापित की है, जिसे ‘जस्टिस क्लॉक’ कहा जाता है। यह जस्टिस क्लॉक जनता को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज हुए, निपटाए गए और लंबित मुकदमों की वास्तविक समय (रियल टाइम) जानकारी प्रदान करती है। इसके माध्यम से जनता को सीधे तौर पर यह पता चल सकता है कि अदालत में क्या हो रहा है और न्यायिक प्रक्रिया किस प्रकार आगे बढ़ रही है। इससे पहले यह जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध थी, लेकिन अब वीडियो वॉल के माध्यम से इसे और अधिक सुलभ बनाया गया है।

मथुरा रोड पर भी लगेगी जस्टिस क्लॉक

सुप्रीम कोर्ट की इस पहल को और विस्तार देने के लिए मथुरा रोड पर भी एक और जस्टिस क्लॉक लगाने का प्रस्ताव है। ऐसा अनुमान है कि यह जस्टिस क्लॉक दीपावली की छुट्टियों के दौरान स्थापित की जा सकती है, जिससे और भी अधिक लोगों तक न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी पहुंच सकेगी।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *