सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के श्यामपुर गांव स्थित हाईस्कूल में एक गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल में पढ़ने वाले कई छात्रों ने पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद कुछ जागरूक अभिभावक स्कूल पहुंचे। उनका उद्देश्य था शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके की जांच करना, खासकर हिंदी की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना।
बोर्ड पर शुद्ध हिंदी लिखने में विफल रही शिक्षिका
स्कूल में हिंदी की अतिथि शिक्षिका नेहा से बोर्ड पर हिंदी के रसों और उनके स्थायी भाव लिखने का अनुरोध किया गया। जब शिक्षिका से यह कार्य कराया गया, तो वह सही उत्तर नहीं दे पाईं। इससे बच्चों और अभिभावकों के सामने शिक्षिका की हिंदी ज्ञान की कमी उजागर हो गई।श्रृंगार रस को लिखा “श्रंगार” और हास्य रस का भाव लिखा “हंसी”अभिभावकों के सामने शिक्षिका की गलतियां लगातार सामने आती रहीं। उन्होंने “श्रृंगार” के स्थान पर “श्रंगार”, “हास्य” के स्थान पर “हस्य” और “भयानक” के स्थान पर “भयनक” लिख दिया। हास्य रस के स्थायी भाव के रूप में “हास” लिखने के बजाय उन्होंने “हंसी” लिखा, जिससे अभिभावक काफी हैरान हुए।
शिक्षिका ने मांगी माफी
स्थिति को गंभीर होते देख अतिथि शिक्षिका ने अपनी गलती स्वीकार की और अभिभावकों से माफी मांगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलतियां नहीं होंगी। हालांकि, अभिभावकों का कहना था कि यह सिर्फ गलती की बात नहीं है, बल्कि बच्चों को सही शिक्षा देने का मुद्दा है।
स्कूल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
अभिभावकों की इस शिकायत के बाद स्कूल के प्रिंसिपल और क्षेत्रीय बीईओ ने आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच की जाएगी। आगे की कार्रवाई के लिए डीईओ को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि उचित कदम उठाया जा सके।