मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) में लोकायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में सहायक ग्रेड तीन के कर्मचारी विश्वराज सिंह बैंस को 25,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
ट्रांसफर कराने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
आरोपी विश्वराज सिंह बैंस ने विक्रम सिंह पचवारिया नामक व्यक्ति से 80,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। यह रिश्वत बैरसिया या किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर कराने की धमकी देकर मांगी गई थी। विक्रम सिंह ने विश्वराज को किस्तों में पैसे देने की बात कही, जिस पर वह सहमत हो गया।
रंगे हाथों 25,000 रुपए लेते हुए गिरफ्तार
आरोपी द्वारा शुक्रवार को 25,000 रुपए की पहली किस्त लेने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय बुलाया गया था। जैसे ही विक्रम सिंह ने उसे पैसे दिए, लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई में उपपुलिस अधीक्षक अनिल बाजपेयी, निरीक्षक जी.एस. मर्सकोले, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन सहित अन्य टीम के सदस्य मौजूद थे।
मऊगंज में भी हुआ था रिश्वत का मामला
गौरतलब है कि इसी सप्ताह गुरुवार को मऊगंज जिले में अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को भी 5,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। उन्होंने फरियादी से जमीन का बंटवारा उनके पक्ष में करने के बदले रिश्वत मांगी थी। यह दोनों मामले मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लोकायुक्त की सक्रियता को दर्शाते हैं।