सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितताओं और कामों में लापरवाही को रोकने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है। सरकार अब प्रदेश के तीन जिलों में EOW (आर्थिक अपराध शाखा) और लोकायुक्त के कार्यालय खोलने जा रही है। इस व्यवस्था से घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्यालय शहडोल, मुरैना और नर्मदापुरम में खोले जाएंगे। बताया जा रहा है कि 2026 तक ये कार्यालय कार्यशील हो जाएंगे।
जमाखोरी पर लगाम
गेहूं जमाखोरी को रोकने के लिए डॉ. मोहन सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने गेहूं भंडारण की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी है। नई व्यवस्था के अनुसार, थोक व्यापारी अब केवल तीन हजार टन गेहूं भंडारित कर सकते हैं, जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए यह सीमा 10 टन तय की गई है। इससे अधिक भंडारण पाए जाने पर उसे कालाबाजारी माना जाएगा और कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी। इसके लिए व्यापारी को सजा का सामना करना पड़ सकता है।
सूचना की पारदर्शिता
करीब पांच महीने से खाली पड़े सूचना आयोग के विभिन्न पदों पर जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस विषय पर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सीएम की अध्यक्षता में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और मंत्री संपतिया उइके भी शामिल थे। गौरतलब है कि मार्च 2024 से राज्य सूचना आयोग के पद रिक्त हैं, जिन पर जल्द नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।