मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुरानी गलतियों के चलते हमारे विद्यार्थियों को इतिहास की असली जानकारी नहीं दी गई और हमारे पूर्वजों की महानता को छिपाया गया। मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि भारतीय पाठ्यक्रमों में यह पढ़ाया गया है कि भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की थी, जबकि सच्चाई यह है कि गुजरात के एक व्यापारी, जिनका नाम चंदन था, ने भारत की खोज की थी।
चंदन ने वास्कोडिगामा को भारत दिखाया
मंत्री ने बताया कि चंदन नाम का व्यापारी पहले एक जहाज के माध्यम से उस द्वीप पर गया, जहाँ वास्कोडिगामा मौजूद था। वास्कोडिगामा ने भारत देखने की इच्छा व्यक्त की, जिसके बाद चंदन ने उसे अपने जहाज के पीछे उसके जहाज को लाने की पेशकश की। चंदन का जहाज वास्कोडिगामा के जहाज से कई गुना बड़ा था और इस तरह वास्कोडिगामा ने भारत को देखा।
इतिहास से छेड़छाड़ की
इंदर सिंह ने इसी प्रकार के इतिहास में छेड़छाड़ के उदाहरण कोलंबस के बारे में भी दिया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत इन भ्रमित करने वाले तथ्यों को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों के गौरव और सम्मान को छिपाने और हमारे इतिहास को गलत ढंग से प्रस्तुत करने वाली गलतियों को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।