इंदौर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ऑस्ट्रेलिया के नागरिक से ठगी करने के आरोप में स्टेट साइबर सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मयंक सलूजा के खिलाफ उठाए गए आरोप यह हैं कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक की कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने के नाम पर एक करोड़ रुपये ठगे लिए हैं। उन्होंने अपने पार्टनरशिप के लालच में भी असलीता से विमर्श किया था।
फर्जी साइन किए
आरोपी ने विश्वास जीतने के लिए एक फर्जी साइन के साथ टिम कुक के नाम पर एक कॉन्ट्रेक्ट लेटर भी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक अल शेफर्ड को दिया था। इसके बाद शेफर्ड ने वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसने दावा किया कि उसने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए मयंक को ढूंढा था और उससे संपर्क किया था। मयंक ने विभिन्न फीस दरें बताई, जैसे प्रोग्राम डेवलपमेंट, एंड्रॉयड मोबाइल एप और अन्य सेवाओं के लिए।
राज्य साइबर सेल ने कसी नकेल
शेफर्ड ने पैसे भेज दिए, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी सॉफ्टवेयर तैयार नहीं किया गया। उसने बार-बार मयंक से रुपये मांगे, लेकिन वह आनाकानी करता रहा। अंततः शेफर्ड को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
राज्य साइबर सेल के अधिकारी ने मयंक से पूछताछ की और उससे आरोपित गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। पुलिस ने उसकी कंपनी को टिम कुक के फर्जी हस्ताक्षर वाले लेटर की जानकारी भी भेजी है। मयंक को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस उससे इस विवाद में और भी आपत्तिजनक कार्रवाई के संबंध में पूछताछ कर रही है।