मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जैसे-जैसे समान नागरिक संहिता को अनुमति मिलेगी, राज्य इसे लागू करते जाएंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल उत्तराखंड को अनुमति मिली है और उसने इसे लागू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने यह विषय है और वे इस पर निर्णय ले रहे हैं।
भारतीय न्याय संहिता पर विचार हो रहा है
भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता के 1 जुलाई से प्रभावी होने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्रतीक चिन्ह ही डरावना था। उन्होंने कहा कि आंखों पर पट्टी बांधकर न्याय करने की परंपरा को बदलकर भारतीय न्याय परंपरा को पुनर्स्थापित किया गया है। हमारे यहां पंच परमेश्वर की पद्धति है जहां गांव के पांच लोग मिलकर किसी भी मामले का निपटारा कर सकते हैं। गुलामी के काल से मुक्ति मिल रही है। दंड संहिता का अर्थ ही दंड देना था, जबकि हमारे यहां न्याय की बात होती है।
सैम पित्रोदा पर कसा तंज
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने सैम पित्रोदा को दोबारा ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा कि कांग्रेस चुनाव के बाद अपना असली चरित्र दिखाती है। पार्टी के नेताओं को सैम पित्रोदा को फिर से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए था। कांग्रेस का यह दोहरा चरित्र है। पित्रोदा के माध्यम से विभिन्न प्रांतों के स्थानीय निवासियों को अपमान का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि कांग्रेस आज पित्रोदा को निकाल रही है पर उनके लिए दरवाजा फिर खुलेगा और वह कांग्रेस की धरोहर बनकर वापस आएगा। आज वह सबके सामने है।