मंगलवार को लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी हुए। इनमें एनडीए गठबंधन ने 292 सीटें जीते जबकि इंडिया ने 234 सीटें जीती है। वही अन्य ने 17 सीटें जीती है। इन सभी नतीजों ने पूरे देश के लोगों को चौंका दिया। वही इस बार पिछले बार कुछ तुलना में मुस्लिम नेताओं की भी संख्या बढ़ी है। मुस्लिम नेताओं की तो इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 78 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे, जो पिछले चुनावों से काफी कम है। पिछली बार यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने 115 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। लेकिन फिर भी इस बार पिछले बार की तुलना में इस बार ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी सासंद भवन पहुंचेगे।
28 मुस्लिम सासंद होंगे
इस चुनाव में इन 78 मुस्लिम उम्मीदवार में से महज 28 मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। इसमें एक बड़ा नाम टीएमसी उम्मीदवार और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान का है, जिन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी के गढ़ बहरामपुर में आरामदायक जीत हासिल की। उधर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपना गढ़ बचाते हुए बीजेपी की माधवी लता पर 3.38 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हारी
उत्तर प्रदेश में ही समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह ने 4,81,503 वोट हासिल करके रामपुर सीट जीती, जबकि जियाउर रहमान ने 1.2 लाख वोटों के अंतर से संभल में जीत हासिल की। जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद ने जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ 2,81,794 वोटों से जीत हासिल की। वहीं जम्मू-कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर रशीद इंजीनियर के नाम से मशहूर अब्दुल रशीद शेख ने 4.7 लाख वोट हासिल उमर अब्दुल्ला को हरा दिया। इस वक्त दिल्ली की जेल में बंद रशीद ने बतौर निर्दलीय यह चुनाव लड़ा था। वहीं लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने 27,862 मतों के अंतर से जीत हासिल की।