यदि आप कहते हैं कि यह भगवान है। यदि यह आपका जय श्री राम है, यदि यह आपका भारत माता की जय है, तो हम कभी ऐसा स्वीकार नहीं करेंगे। तमिलनाडु स्वीकार नहीं करेगा। जाओ और कहो, हम राम के शत्रु हैं। मुझे रामायण में आस्था नहीं है, और भगवान राम में भी नहीं। यह कहना है तमिलनाडु के डीएमके के बडे़ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा का, जिन्होंने तमिलनाडु में अपनी एक सभा के दौरान यह विवादास्पद बयान दिया। जिसकी निंदा पूरा देश कर रहा है।
पढ़िए पूरा बयान
यदि आप कहते हैं कि यह भगवान है। यदि यह आपका जय श्री राम है, यदि यह आपका भारत माता की जय है, तो हम कभी ऐसा स्वीकार नहीं करेंगे। तमिलनाडु स्वीकार नहीं करेगा। जाओ और कहो, हम राम के शत्रु हैं। मुझे रामायण में आस्था नहीं है, और भगवान राम में भी नहीं। यदि आप कहते हैं कि रामायण मानवीय सद्भाव का नमूना है, जहां चार भाई के रूप में पैदा होते हैं, एक कुरवार भाई के रूप में होते हैं, एक शिकारी भाई के रूप में होते हैं, एक बंदर भाई के रूप में होते हैं, एक और बंदर छठा भाई है, तो आपका जय श्री राम … है! मूर्खो!’ यह बयान टीएमके नेता ने दिया था।
इस बयान को लेकर अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी रमेश दास ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘डीएमके नेता ने जो कुछ कहा है, वह अति निंदनीय है। पूरी दुनिया ‘राम मय’ है। हम प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इसकी शिकायत करेंगे।’
बीजेपी नेता ने घेरा
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर राजा के बयान का अंग्रेजी अनुवाद किया। उन्होंने लिखा, ‘डीएमके की तरफ से हेट स्पीच बेरोक-टोक जारी रहते हैं। उधयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म का नाश करने की अपील के बाद अब ए राजा ने भारत के बाल्कनाइजेशन का आह्वान किया है। उन्होंने भगवान राम का उपहास उड़ाया, मणिपुर के लोगों पर हिकारत भरी टिप्पणियां कीं और आइडिया ऑफ इंडिया पर सवाल उठाए।’
मालवीय ने डीएमके के गठबंधन दलों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेस और इंडि अलायंस के साथी दल मौन हैं। उनके संभावित पीएम उम्मीदवार राहुल गांधी की चुप्पी का मतलब भी साफ है।’ इसको लेकर कांग्रेस की भी निंदा की जा रही है।नोट – यह केवल न्यूज है।