भोपाल के एक पूर्व नौसेना अधिकारी से धोखेबाजों ने सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी की। कथित पुलिस इंस्पेक्टर रिटायर्ड अधिकारी से अपने खाते में 68 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए हैं। ठगी का पता चलने पर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई जिसकी जाँच जारी है।
एक पूर्व नौसेना अधिकारी हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी का शिकार हो गए है। उन्हें खुद को कुरियर कर्मचारी, मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर और एक आईपीएस अधिकारी बताने वाले धोखेबाजों ने ठगा है। यह घटना तब सामने आई, जब उस व्यक्ति को मुंबई की एक कुरियर कंपनी के कर्मचारी का फोन आया, जिसमें उसे बताया गया कि मुंबई से ताइवान आपकी आधार आईडी से एक पार्सल भेज रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि पार्सल में 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग पाया गया है।
नौ सेना के रिटायर्ड अधिकारी ने गड़बड़ी को भांप लिया, उन्होंने इस तरह के पार्सल को भेजने में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया। हालांकि, कुरियर कंपनी के कर्मचारी ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति से बात करने की बात कही। साथ ही उसने कॉल कनेक्ट कर दिया।
एक कमरे में अकेले रहने कहा
इसके बाद की बातचीत के दौरान, ‘मुंबई इंस्पेक्टर’ ने जोर देकर कहा कि पीड़ित एक कमरे में अकेला रहे और उनकी बातचीत का कोई भी विवरण न बताए। उसने यह भी दावा किया कि पीड़ित पर नजर रखी जा रही है। साथ ही कहा कि अगर आप निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। इसके साथ यह कथित इंस्पेक्टर रिटायर्ड अधिकारी को तरह-तरह का डर दिखाता था।
पैसे जमा करने के बाद बन्द हो गया था एकाउंट
धोखेबाज इतने सुनियोजित तरीके से रिटायर्ड अफसर को फंसा रहे थे कि किसी को कोई शक नहीं हो। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीड़ित पूर्व अधिकारी को आरबीआई की मुहर के साथ एक लिफाफा मिला, जिसमें खाते की जांच की प्रक्रिया बताई गई। फिर उन्हें कथित मुंबई पुलिस अधिकारी का फोन आया था। साथ ही कहा गया कि आपके खाते में जितनी राशि है, उसके 49 फीसदी जो कि 68 लाख रुपए से अधिक हैं। उन्हें धोखेबाजे के बताए तीन बैंक खातों में जमा करने के निर्देश दिए गए।
डर से रिटायर्ड नौ सेना अधिकारी ने ऐसा किया। धोखेबाजों ने उन्हें कहा था कि जांच पूरी होने के बाद यह राशि आपको वापस मिल जाएगी। इसके लिए उनकी पत्नी के अकाउंट का भी विवरण लिया गया। पैसे जब इन्होंने जमा कर दिया। उनका स्काइप आईडी और व्हाट्स एप बंद हो गया। उस पर भेजे गए संदेश का कोई जवाब नहीं मिलता था।
घटना जनवरी में हुई थी और हाल ही में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पूर्व नौसेना अधिकारी का नाम मनोज भुरारिया है। भोपाल पुलिस ने इनकी शिकायत पर धोखेबाजों के बैंक खातों के नंबरों के आधार पर जांच शुरू कर दी है।