मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग पिछले कई सालों से अपनी अनिमित्ताओं के चलते विवादों में रहा है। एक बार फिर पीएससी की तैयारी करने वाले छात्र विरोध प्रदर्शन की तैयारी में लग गए हैं। इसे लेकर छात्र नेताओं ने मीटिंग कर इस बार अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने का निर्णय किया।
34 घण्टे तक दिया था धरना पर आयोग गुमराह कर रहा
आकाश परीक्षा की तैयारी और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आकाश पाठक ने बताया कि हम सभी अभियर्थियों ने पिछले हफ्ते ही 35 घण्टे तक आयोग के सामने धरना दिया था जिस्केबद आयोग ने हमसे 48 घण्टे से ज्यादा का समय मांगा था पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। इसलिए आज हमने बैठक कर हमारी सभी 11 सूत्रीय मांग पूरी होने तक अनिश्चित कालीन आंदोलन करने का फैसला लिया है।
पहले भी किया कैलेंडर चेंज
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि आयोग ने खुद ही असिस्टेंट प्रोफेसर, ADPO, Forest service की जो डेट थी उसे बढ़ा दिया है, तब आयोग को कैलेंडर फॉलो नहीं करना था। छात्रों ने कहा कि आयोग सम्बंधित अधिकारी ने पहले बताया था कि मुख्य परीक्षा में 90 दिनों का गेप होता है पर आयोग अपनी ही बातों से पलट रहा है।
यह है मांगे
- MPPSC 2023 मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाई जाए।
- MPPSC 2024 राज्यसेवा भर्ती परीक्षा 2024 में पदों की संख्या 110 की जगह 500 की जाए।
- 87, 13, 13% फॉर्मूला खत्म किया जाए और 100% के साथ परिणाम जारी किया जाए।
- मुख्य परीक्षा की कॉपी आयोग की वेबसाइट पर डाली जाए, ताकि छात्र अपनी गलती सुधार सकें जैसा अन्य राज्यों के लोकसेवा आयोग द्वारा किया जाता है।
- इंटरव्यू के नंबर यदि अधिक दिए जाते या कम दिए जाते हैं, तो इसका कारण लिखा जाए जैसा BPPSC के द्वारा किया जाता है।
- 2025 से प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग शुरू की जाए जैसा कि अन्य राज्यों में किया जाता है।